पटना: लोकसभा चुनाव के नतीजे कई राज्यों में विधानसभाओं की तस्वीरें भी बदल सकते हैं. बिहार में सरकार बहुमत के करीब है. ऐसी स्थिति में विपक्ष मॉनसून सत्र के दौरान सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.
दर्जन भर विधायक लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं
लोकसभा चुनाव में बिहार के कई विधायक अपना भाग्य आजमा रहे हैं. बिहार के कुल दर्जनभर विधायक चुनावी समर में कूद चुके हैं. महागठबंधन की ओर से कुल 8 विधायक भाग्य आजमा रहे हैं तो वहीं जेडीयू ने 4 विधायकों को मैदान में उतारा है.
राजद ने इतने विधायकों को दिया टिकट
महागठबंधन की ओर से गया से जीतन राम मांझी, दरभंगा से अब्दुल बारी सिद्दीकी, हाजीपुर से शिव चंद्र राम, जहानाबाद से सुरेंद्र यादव, झंझारपुर से गुलाब यादव, किशनगंज से मोहम्मद जावेद, समस्तीपुर से अशोक राम और छपरा से चंद्रिका राय भाग्य आजमा रहे हैं.
जेडीयू के विधायक मैदान में
वहीं जेडीयू ने भागलपुर से अजय मंडल, मधेपुरा से दिनेश चंद्र यादव, सिवान से कविता सिंह और बांका से गिरधारी यादव को मैदान में उतारा है.
सरकार को 122 विधायक चाहिए
बिहार में बहुमत के लिए सरकार को 122 विधायक चाहिए. पिछली बार जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने बहुमत साबित किया था तब एनडीए के पास कुल 126 विधायकों का समर्थन हासिल था. अगर चार विधायक चुनाव जीत जाते हैं तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पास संख्या 122 रह जाएगी.
दो जगह हो रहे हैं उपचुनाव
राजद जब राजभवन मार्च किया था. तो कुल 117 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा था. राजद के दो विधायकों की सदस्यता रद्द हो चुकी है और 2 विधानसभा बिजली और नवादा में उपचुनाव हो रहे हैं. राजबल्लभ यादव और इलियास हुसैन की सदस्यता जा चुकी है दोनों को कोर्ट ने सजा सुनाया है.
बिहार में सियासी गणित बदलने का दावा
महागठबंधन की ओर से कुल 8 विधायकों को मैदान में उतारा गया है लेकिन सरकार के भविष्य को लेकर दावों का दौर शुरू हो गया है. हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि केंद्र की सरकार अगर बदली तो बिहार की सरकार भी बदलेगी और अंकगणित भी हमारे पक्ष में है.
बीजेपी का पलटवार
वहीं भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद पलटवार करते हुए कहा है कि महागठबंधन के नेताओं को अपने परिवार की चिंता है. और वह दिन में सपने देखने का काम कर रहे हैं. निखिल आनंद ने कहा कि न ही केंद्र में सरकार बदलने के आसार हैं न हीं बिहार में सरकार बदलेगी.