पटना : सेंट्रल विष्टा का उद्घाटन समारोह 28 मई को होने जा रहा है, बिहार में महागठबंधन ने भी उसका विरोध किया हुआ. विरोध इस बात का है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथोंं नई संसद का उद्घाटन न होकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों हो. संसद के नए भवन के उद्घाटन को लेकर जब हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन मांझी से सवाल किया गया तो उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों तो अच्छा है. क्योंकि वो एक वंचित समाज से आती हैं. अगर वो उद्घाटन करती हैं तो उनके समाज के लोगों में खुशी होगी. इससे एक अच्छा संदेश जाएगा.
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नई संसद के उद्घाटन में HAM को निमंत्रण नहीं: संतोष सुमन से जब पूछा गया कि क्या वो सेंट्रल विष्टा के उद्घाटन में दिल्ली जाएंगे? तो इस सवार के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें इसके लिए निमंत्रण नहीं आया है. वैसे भी वो महागठबंधन से हैं और महागठबंधन के दलों ने इसका विरोध किया हुआ है. वहीं नीतीश के द्वारा विधानसभा के उद्घाटन करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ''अगर कोई गलत काम करता है तो उसके जवाब में गलत नहीं किया जा सकता है. अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उद्घाटन करवा लेते तो क्या चला जाता?''
नीतीश में 'HAMको' पीएम दिखता है : जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें खुद ये मौका राष्ट्रपति को देना चाहिए. अगर ये मौका उन्हें न देकर खुद के पास रखना चाहते हैं तो हम कर ही क्या सकते हैं. हम चाहते हैं कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बने. हम लोग उन्हें ही प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. नीतीश कुमार को सभी विपक्षी नेता पसंद करते हैं. हम एकजुट हो रहे हैं. हमारी ख्वाहिश है कि नीतीश कुमार एक बार प्रधानमंत्री बनकर नए सेंट्र्ल विष्टा में बैठें. ये हमारी ही नहीं बल्कि कई विपक्षी दलों की यही राय है.
28 मई को होगा नई संसद का उद्घाटन : बता दें कि सेंट्रल विष्टा का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया जाएगा. इसके लिए सभी दलों को निमंत्रण पत्र भेजा गया है. हालांकि जेडीयू-आरजेडी समेत 19 दलों ने पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों नई संसद भवन के उद्घाटन का विरोध किया है.