पटनाः एक ओर जीतन राम मांझी जहां महागठबंधन से अलग हो गए, वहीं दूसरी ओर HAM पार्टी के नेता JDU में शामिल हो रहे हैं. पचना में मंगलवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में HAM पार्टी के नेता ध्रुव लाल मांझी सहित कई नेता जदयू में शामिल हो गए. JDU प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और मंत्री विजय कुमार चौधरी की मौजूदगी में पार्टी का दामन थामा.
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सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जदयू की सदस्यता ग्रहण कीः मिलन समारोह में मंत्री लेशी सिंह, मंत्री रत्नेश सदा और पार्टी के कई नेता मौजूद थे. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि धुर्व लाल मांझी के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जदयू की सदस्यता ग्रहण कर सही समय पर साहसिक निर्णय लेने का काम किया है. हम सभी इस बात से परिचित हैं कि आज हमारे देश की राजनीति निर्णायक मोड़ पर खड़ी है. भाजपा द्वारा अघोषित रूप से देश में आपातकाल थोपा जा रहा है. लोकतांत्रिक मूल्यों पर प्रतिदिन हमले हो रहें हैं. देशहित में भाजपा को उखाड़ फेंकने के लिए आज हम सभी को एकजुट होने की आवश्यकता है.
"धुर्व लाल मांझी के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं JDU का दामन थामा है. जदयू की सदस्यता ग्रहण कर सही समय पर साहसिक निर्णय लेने का काम किया है. बिहार का दलित-महादलित समाज कभी भी जीतन राम मांझी के बहकावे में नहीं आएगा. आज तक उन्होंने कितने दलित या मांझी समाज के लोगों का कल्याण किया है. अब तक उन्होंने सिर्फ अपने परिवार का भला किया है." - उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
अपना वादा भूल गए पीएमः प्रधानमंत्री मोदी जी 9 साल पहले देशवासियों से किए गए अपने सभी वादों को आज भूल चुके हैं. महंगाई और बेरोजगारी आज चरम सीमा पर है. मोदी जी ने देश के युवाओं से हर वर्ष 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, मगर आज सरकारी नौकरियों में बहाली तक को रोक दी है. 2014 में मोदी जी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देते थे, लेकिन बेटियों के अत्याचार पर आज वो अपना मौन धारण कर लेते हैं.
जीतन राम मांझी पर निशानाः कुशवाहा ने जीतन राम मांझी पर भी निशाना साधा. कहा कि जीतन राम मांझी जी के लिए उनका अपना परिवार हित ही सर्वोपरि है. समाज के लोगो को दिग्भ्रमित कर अब तक उन्होंने सिर्फ अपने परिवार का भला किया है. आगे उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी जी खुद को मांझी समाज का नेता कहते हैं, परन्तु उन्हें बताना चाहिए कि आज तक उन्होंने कितने दलित या मांझी समाज के लोगों का कल्याण किया है? बिहार का दलित-महादलित समाज कभी भी जीतन राम मांझी के बहकावे में नहीं आएगा. जदयू की सदस्यता ग्रहण करने वालों में मुख्य रूप से शफिर उल हक, रामेश्वर बैठा, विनय बैठा, सन्तोष बैठा, अशोक कुमार सिन्हा हैं.