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Guru Purnima 2021: आज है गुरु पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त, विशेष संयोग और महत्व - Vyasa Purnima

आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं. इस दिन गुरु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि आषाढ़ पूर्णिमा तिथि को ही वेदों के रचयिचा महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. महर्षि वेदव्यास के जन्म पर सदियों से गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन की परंपरा चली आ रही है.

पूर्णिमा
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Published : Jul 23, 2021, 9:15 AM IST

पटना: गुरु पुर्णिमा हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है. इस वर्ष गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2021) कब मनाई जाएगी और पूजा की क्या कुछ विधि और मुहूर्त होगी, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने मां अखंडवासिनी मंदिर के पुजारी आचार्य राजू तिवारी से बातचीत की. आचार्य राजू तिवारी ने बताया कि गुरु पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन गुरुओं के पूजा की जाती है.

इसे भी पढ़ें: 24 जुलाई को है आषाढ़ गुरु पूर्णिमा, बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग, जानें सब कुछ

गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा (Vyasa Purnima) के नाम से भी जाना जाता है. इस साल 23 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी. गुरु पूर्णिमा शुक्रवार 23 जुलाई 2021 को सुबह 10:43 से शुरू होकर 24 जुलाई शनिवार को सुबह 8:06 तक रहेगा. इस साल गुरु पूर्णिमा पर विष्कुंभ योग बन रहा है. सुबह 6:12 तक प्रति योग बन रहा है जो 25 जुलाई की सुबह 3:16 तक रहेगा. इसके बाद आयुष्मान योग लग जाएगा. दोनों में योग एक साथ बनना शुभ माना जाता है. इस युग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है.

ईटीवी भारत GFX.
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ये भी पढ़ें: गुरु पूर्णिमा को लेकर बाढ़ के विभिन्न गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
आचार्य ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के दिन सबसे पहले स्नान कर लें. इसके बाद अपने गुरु की पूजा करें. यदि गुरु की तस्वीर है तो उनकी तस्वीर की पूजा करें. गुरु को फूल माला, तांबूल, श्रीफल, रोली-मोली, जनेऊ के साथ दक्षिणा और पंच वस्त्र चढ़ाएं. गुरु सबसे श्रेष्ठ होते हैं. गुरु की पूजा आराधना करने से निश्चित तौर पर गुरु का आशीर्वाद मिलता है. सनातन धर्म में स्थिति को गंगा स्नान और दान बेहद शुभ होता है. लोग चाहे तो दान भी कर सकते हैं, जिससे उन्हें काफी लाभ मिलेगा.

देखें रिपोर्ट.

'गुरु पूर्णिमा के दिन सभी लोग अपने-अपने गुरु का पूजा करते हैं. गुरु के चरण पादुका का पूजन कर ध्यान किया जाता है. गु का अर्थ अंधकार और रू का अर्थ उजाला होता है अर्थात गुरु हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं. गुरु हमारे जीवन के मार्गदर्शक होते हैं.' -आचार्य राजू तिवारी, पुजारी, मां अखंडवासिनी मंदिर

पटना: गुरु पुर्णिमा हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है. इस वर्ष गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2021) कब मनाई जाएगी और पूजा की क्या कुछ विधि और मुहूर्त होगी, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने मां अखंडवासिनी मंदिर के पुजारी आचार्य राजू तिवारी से बातचीत की. आचार्य राजू तिवारी ने बताया कि गुरु पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन गुरुओं के पूजा की जाती है.

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गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा (Vyasa Purnima) के नाम से भी जाना जाता है. इस साल 23 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी. गुरु पूर्णिमा शुक्रवार 23 जुलाई 2021 को सुबह 10:43 से शुरू होकर 24 जुलाई शनिवार को सुबह 8:06 तक रहेगा. इस साल गुरु पूर्णिमा पर विष्कुंभ योग बन रहा है. सुबह 6:12 तक प्रति योग बन रहा है जो 25 जुलाई की सुबह 3:16 तक रहेगा. इसके बाद आयुष्मान योग लग जाएगा. दोनों में योग एक साथ बनना शुभ माना जाता है. इस युग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है.

ईटीवी भारत GFX.
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आचार्य ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के दिन सबसे पहले स्नान कर लें. इसके बाद अपने गुरु की पूजा करें. यदि गुरु की तस्वीर है तो उनकी तस्वीर की पूजा करें. गुरु को फूल माला, तांबूल, श्रीफल, रोली-मोली, जनेऊ के साथ दक्षिणा और पंच वस्त्र चढ़ाएं. गुरु सबसे श्रेष्ठ होते हैं. गुरु की पूजा आराधना करने से निश्चित तौर पर गुरु का आशीर्वाद मिलता है. सनातन धर्म में स्थिति को गंगा स्नान और दान बेहद शुभ होता है. लोग चाहे तो दान भी कर सकते हैं, जिससे उन्हें काफी लाभ मिलेगा.

देखें रिपोर्ट.

'गुरु पूर्णिमा के दिन सभी लोग अपने-अपने गुरु का पूजा करते हैं. गुरु के चरण पादुका का पूजन कर ध्यान किया जाता है. गु का अर्थ अंधकार और रू का अर्थ उजाला होता है अर्थात गुरु हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं. गुरु हमारे जीवन के मार्गदर्शक होते हैं.' -आचार्य राजू तिवारी, पुजारी, मां अखंडवासिनी मंदिर

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