पटना: अब आप भी बिना मिट्टी के एक तकनीक के तहत हर तरह के पौधे, फूल और सब्जियां उगा सकते हैं. पटना के रहने वाले मोहम्मद जावेद आलम ने सन 1991 में इस तकनीक की शुरुआत की थी. इसके बारे में अधिक जानकारी उन्हें उनके पिता से मिली थी, जिसे उन्होंने ईटीवी भारत से साझा किया.
![पानी में उगाया पौधा](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-01-plantation-without-soil-with-technique-pkg-bh10042_01072020125451_0107f_00875_452.jpg)
पर्यावरण को स्वच्छ बनाने का बेहतरीन तरीका
उन्होंने बताया कि हाइड्रोपोनिक्स के तहत कई ऐसे विधियां हैं, जिनमें पानी में पौधे उगाना और रेत या बालू में पौधे उगाना शामिल है. हाइड्रोपोनिक्स के जरिए वे अपने घर में पड़े बेकार सामानों में वे इस तकनीक से कई पौधे उगाते हैं. इस तकनीक में अधिक मेहनत भी नहीं है और काफी कम खर्चे में अपने घर को और पर्यावरण को स्वच्छ बनाया जा सकता है.
![पौधों से सजाया अपना घर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-01-plantation-without-soil-with-technique-pkg-bh10042_01072020125451_0107f_00875_590.jpg)
जगह और समय दोनों की किल्लत
घर को सुंदर और वातावरण को स्वच्छ बनाने के लिए लोग पौधे लगाना चाहते हैं. गांव में तो लोगों के पास जगह उपलब्ध होती है, लेकिन शहर के लोगों के पास जगह और समय दोनों की किल्लत होती है.
![हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से उगे विभिन्न प्रकार के पौधे](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-01-plantation-without-soil-with-technique-pkg-bh10042_01072020125451_0107f_00875_208.jpg)
बिना मिट्टी के उगाएं पौधें
सरकार भी पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने के लिए जल जीवन हरियाली अभियान चला रही है, लेकिन लोगों को जगह और वक्त की कमी के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिनके लिए मोहम्मद जावेद आलम ने इस नई तकनीक जल कृषि की खोज की है. इससे लोग बिना मिट्टी और काफी कम जगह में अपने घर में कहीं भी पौधे लगा सकते हैं.
![्िनु्िविव](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-01-plantation-without-soil-with-technique-pkg-bh10042_01072020125451_0107f_00875_727.jpg)
30 बूंदें देती हैं एक साल का जीवन
जावेद आलम बताते हैं कि इस तकनीक का नाम जल कृषि विधि या हाइड्रोपोनिक्स है. इसे सॉयललेस कल्चर कहा जाता है. इस विधि से गमले में लगाए जाने वाले पौधे अब काफी कम खर्च और सरल ढंग से घर में लगाए जा सकते हैं. इसके पोषक के रूप में बायोफर्ट एम का भी इस्तेमाल होता है, जो एक तरल जैविक पोषाहार है. इसकी 30 बूंदें एक पौधे के लिए 1 वर्ष के लिए काफी है.
पौधों से सजाएं अपना घर
इसकी मदद से आप अपने कमरे, दीवार, बालकोनी, टेबल, विंडो को हैंगिंग गार्डन बना सकते हैं और बिना किसी गंदगी के अपने घर और वातावरण को स्वच्छ बना सकते हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए आपको किसी खास चीज को खरीदने की जरूरत नहीं. आप अपने घर में पड़े पुराने पॉट, बर्तन, प्लास्टिक की बोतल, टूटे हुए बल्ब, बचे हुए पाइप आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं. आप चाहें तो इससे गार्डन भी सजा सकते हैं.
इस तकनीक को सीखने के लिए कई राज्यों और कई देशों ने मोहम्मद जावेद आलम को बुलाया है और उनसे इस तकनीक के बारे में जाना और सिखा है.