पटना: बिहार ने महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के रूप में आज अपना एक नायाब हीरा खो दिया. इस नुकसान पर पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम नीतीश कुमार तक ने गहरी संवेदना जताई है. आज पूरा देश इस विभूति के आगे नतमस्तक है, जिन्होंने अपने ज्ञान से पूरे विश्व को अपनी प्रतिभा का लोहा मानने पर मजबूर किया.
अपने देश में ही पराए हो गए वशिष्ठ बाबू
हालांकि दुखद ये है कि नासा में बतौर गणितज्ञ काम करने वाले और आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती देने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह को उनके अपने देश ने ही पराया कर दिया. प्रदेश में भी निधन के बाद पीएमसीएच प्रबंधन तक तय समय पर उन्हें एंबुलेंस भी मुहैया नहीं करवा सका. काफी देर तक उनका शव खुले आसमान के नीचे यूं ही पड़ा रहा. बाद में किरकिरी होती देख अस्पताल प्रबंधन ने जांच करने का रटा-रटाया जवाब देते हुए लीपापोती करने की कोशिश की..
'भारत में हुनर की कोई कद्र नहीं'
वशिष्ठ बाबू के परिजनों ने भी पूरे घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी जाहिर की.उनके भतीजे ने तो यहां तक कह दिया कि भारत में हुनर की कोई कद्र नहीं है. पूरा विश्व जिसकी प्रतिभा का लोहा मानता है उसके अपने देश ने ही उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया.
सरकारी अनदेखी पर फूटा सबका गुस्सा
वहीं, वशिष्ठ बाबू के आखिरी लम्हों में सरकारी अनदेखी पर पप्पू यादव ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया, तो रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भी ट्वीट के जरिए सीएम नीतीश, पीएमसीएच और पूरे सिस्टम को जमकर लताड़ लगाई. जाने-माने कवि और लेखक कुमार विश्वास ने भी इस महान शख्सियत की इतनी बड़ी उपेक्षा पर बिहार सरकार की तुलना पत्थर से कर डाली.