पटनाः बिहार के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन का आज निधन हो गया. राज्यपाल का इलाज लखनऊ के मेदांता अस्पताल में चल रहा था. जहां, उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. पूर्व राज्यपाल के निधन पर बिहार के राजनेताओं ने शोक व्यक्त किया है. बिहार के पूर्व और वर्तमान में मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर राज्यपाल फागू चौहान और सीएम नीतीश कुमार ने शोक प्रकट किया है.
पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक दिन के लिए राजकीय शोक की घोषणा की है. वहीं, मुख्यमंत्री ने लालजी टंडन के पुत्रों उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन और दूसरे पुत्र सुबोध टंडन से भी फोन पर बात की. सीएम ने दुख की इस घड़ी में उन्हें सांत्वना दी. दूसरी तरफ राज्यपाल फागू चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्वर्गीय टंडन एक लोकप्रिय राजनेता, कुशल प्रशासक और विद्वान लेखक थे.
बिहार में उच्च शिक्षा को दी गति
राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि लालजी टंडन के निधन से भारतीय राजनीतिक, सामाजिक जीवन को अपूरणीय क्षति हुई है. पूर्व राज्यपाल ने बिहार में उच्च शिक्षा के विकास प्रयासों को विशेष गति प्रदान की. उत्तर प्रदेश राज्य में भी लखनऊ के सांसद और राज्य के विभिन्न विभागों के मंत्री पद पर रहते हुए उनकी सेवाएं अविस्मरणीय है. राज्यपाल ने स्वर्गीय टंडन के दिवंगत आत्मा की चिर शांति और परिजनों को धैर्य धारण की क्षमता प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.
केंद्रीय मंत्री ने व्यक्त की संवेदना
वहीं, पूर्व राज्यपाल के देहांत पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी संवेदना प्रकट की है. मांझी ने लाल जी टंडन के निधन को राजनैतिक और सामाजिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लालजी टंडन के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वो जीवन भर समाज के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करते रहे. यूपी में बीजेपी को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका रही.
राजनेताओं ने जताया शोक
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर जेडीयू आरजेडी सहित कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने संवेदना व्यक्त की है. शोक प्रकट करने वाले में हम के एमएलसी संतोष मांझी, हम प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान, जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन, कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ सहित कई अन्य नेता शामिल हैं. राजनीतिक दलों ने लाल जी टंडन के निधन को राजनैतिक और सामाजिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया है.