पटना: सरकार की तरफ से लागू की गई वाहन संशोधन विधेयक 2019 के तहत राजधानी के सड़कों पर कार्रवाई की जा रही है. इससे लोगों के बीच में भारी नाराजगी और खौफ भी देखी जा रही है. लोगों का कहना है कि इस कानून को लागू करने से पहले लोगों को जागरूक करना चाहिए था.
पुलिस भी करे कानून का पालन- परिवहन मंत्री
इस मामले पर राज्य के परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला का कहना है कि जिस तरह से आये दिन देश और राज्य में वाहन दुर्घटनाएं हो रही हैं.उसे लेकर नए मोटर वाहन एक्ट को लाना जरुरी था.उन्होंने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता जनता की जान की सुरक्षा होती है.लोग जिस सड़कों पर नियमों का उल्लंघन करते हुए वाहन चलाते हैं, उससे दूसरों की जान को खतरा रहता है.नए नियम के लागू होने सड़क दुर्घटना इसमें कमी होने की पूरी संभावना है. उन्होंने कहा कि पुलिस पदाधिकारी भी इस कानून का पालन करें. पुलिस आम लोगों को इस कानून के नाम पर टॉर्चर ना करें. लोगों में जागरुकता का अभाव है. विभाग आम लोगों को जागरूक करने के लिए शीघ्र ही जागरूकता अभियान भी चलाएगी.
'जनहित में लिया गया है फैसला'
परिवहन मंत्री ने कहा कि सरकार ने जनहित में यह फैसला किया है.इसे सब को मानना चाहिए.उन्होंने कहा कि दुपहिया चलाने वाले हेलमेट और चरपहिया चलाने वाले सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करते हैं. इसलिये सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं. लेकिन अब जुर्माना देने के डर से वो इसका इस्तेमाल करेंगे.
गौरतलब है कि देश में 1 सितंबर से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू हो गया है. इसके तहत ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की दर में इजाफा किया गया है. वहीं, इस अभियान में वीआईपी लोगों का भी खूब चालान कट रहा है. इस क्रम मे एक ओर जहां केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे की गाड़ी को लेकर विवाद हो चुका है.वहीं, और बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव के बेटे अभिमन्यु का भी चालान काटा जा चुका है.
नए मोटर परिवहन कानून के तहत लगने वाला जुर्माना
- बिना हेलमेट ₹1000 जुर्माना
- बिना लाइसेंस के वाहनों का उपयोग पर ₹5000 जुर्माना
- बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर ₹5000 जुर्माना
- अयोग्यता के बावजूद ड्राइविंग करने पर ₹10000 जुर्माना
- खतरनाक ड्राइविंग पर ₹5000 जुर्माना
- ओवर साइज व्हीकलओवर साइज व्हीकल ₹5000 जुर्माना
- इमरजेंसी वाहनों को जगह नहीं देने पर ₹10000 जुर्माना
- नाबालिगों के अपराध पर ₹25000 जुर्माना के साथ 3 साल की सजा