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भूमि विवाद समाप्त करने को लेकर सरकार की नयी पहल, अब हर केस का होगा अपना यूनिक कोड - settlement of land disputes

बिहार में बढ़ते जमीन विवाद का निपटारा करने को लेकर सरकार की ओर से नयी पहल की जा रही है. अब सरकार की ओर से भूमि विवाद को निपटाने के लिए अलग से यूनिक कोड होगा. जो मामले की गंभीरता को बताएगी. पढ़ें पूरी खबर.

भूमि विवाद के निपटारे के लिए सरकार का प्लान
भूमि विवाद के निपटारे के लिए सरकार का प्लान
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Published : Aug 31, 2021, 10:47 AM IST

पटना: बिहार (Bihar) में जमीन विवाद (Land Dispute) का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. जमीन विवाद में कई हत्याएं भी हो रही है. जमीन विवाद को निपटाने के लिए सरकार अब नया तरीका अपनाएगी. अब जमीन से जुड़े हर मुकदमे के लिए अलग से यूनिक कोड (Unique Code) होगा. यह कोड विवाद की गंभीरता को दर्शाएगा. राज्य में जमीन से जुड़े विवादों का निस्तारण और उसे हमेशा के लिए खत्म करने को लिए सरकार नयी प्रणाली विकसित कर रही है.

ये भी पढ़ें:भूमि विवाद के मामलों में बिहार अव्वल, ठोस एक्शन प्लान के जरिए ही लग पाएगी रोक

भूमि विवाद से जुड़े हर केस के लिए यूनिक कोड रखने का फैसला राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन ने संयुक्त बैठक कर फैसला लिया है. दरअसल राज्य में भूमि विवाद के मामलों को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार की नई पहल की शुरुआत करने जा रही है.

जमीन से जुड़ी सभी विवादों को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 11 श्रेणियों में बांटने का फैसला लिया है. किसी भी स्तर के कोर्ट के फैसले को तुरंत लागू किया जाएगा. वहीं इसकी मॉनिटरिंग के लिए विभाग के द्वारा एक सॉफ्टवेयर तैयार करवाया जाएगा. भूमि विवाद को 11 श्रेणियों में बांटा गया है.

सरकारी भूमि पर कब्जा का विवाद, सरकारी भूमि का अतिक्रमण बंदोबस्त भूमि से बेदखलली का मामला, सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट में विचाराधीन मामलों वाली भूमि को लेकर विवाद एवं कोर्ट के आदेश अनुपालन के समय उत्पन्न विवाद, राजस्व कोर्ट में विचाराधीन मामलों वाली भूमि को लेकर विवाद एवं कोर्ट के आदेश अनुपालन के समय विवाद, सिविल कोर्ट में लंबित मामलों में भूमि को लेकर विवाद एवं कोर्ट के आदेश अनुपालन के समय उत्पन्न विवाद, भूमि की मापी-सीमांकन के समय उत्पन्न भू विवाद, लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश के अनुपालन में उत्पन्न विवाद, निजी रास्ता का विवाद, परिवारिक भूमि बंटवारा से विवाद के अलावा अन्य विवाद जुड़े हुए हैं.

भूमि विवादों को लेकर थाने से लेकर मुख्यालय स्तर तक बैठक कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. विवादों को जो कोड दिए जाएंगे वह उनके स्थल संवेदनशीलता, पूर्व के इतिहास आदि ब्यौरा पर आधारित होगा. कोई अधिकारी कोड देख कर पता कर लेगा कि यह मामला अपराध बढ़ाने को लेकर कितना संवेदनशील है. साथ ही इस विवाद का प्रभाव क्षेत्र क्या है और किस स्तर पर कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, मिल रही जानकारी के अनुसार भूमि विवाद के निस्तारण के लिए सरकार अल्पकालीन और दीर्घकालीन रणनीति के तहत काम करेगी. जरूरत पड़ने पर अधिकारी एफ आई आर भी दर्ज कर सकते हैं. कोर्ट के फैसले के तुरंत पालन उन्हें करना होगा. इसके साथ-साथ पेचीदा मामलों में संबंधित विवाद के स्थल क्षेत्रों पर निगरानी कोड के माध्यम से रखी जाएगी.

ये भी पढ़ें:परिवार में बहुमत के आधार पर संपत्ति बंटवारे के लिए कानून बनाएगी बिहार सरकार

पटना: बिहार (Bihar) में जमीन विवाद (Land Dispute) का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. जमीन विवाद में कई हत्याएं भी हो रही है. जमीन विवाद को निपटाने के लिए सरकार अब नया तरीका अपनाएगी. अब जमीन से जुड़े हर मुकदमे के लिए अलग से यूनिक कोड (Unique Code) होगा. यह कोड विवाद की गंभीरता को दर्शाएगा. राज्य में जमीन से जुड़े विवादों का निस्तारण और उसे हमेशा के लिए खत्म करने को लिए सरकार नयी प्रणाली विकसित कर रही है.

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भूमि विवाद से जुड़े हर केस के लिए यूनिक कोड रखने का फैसला राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन ने संयुक्त बैठक कर फैसला लिया है. दरअसल राज्य में भूमि विवाद के मामलों को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार की नई पहल की शुरुआत करने जा रही है.

जमीन से जुड़ी सभी विवादों को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 11 श्रेणियों में बांटने का फैसला लिया है. किसी भी स्तर के कोर्ट के फैसले को तुरंत लागू किया जाएगा. वहीं इसकी मॉनिटरिंग के लिए विभाग के द्वारा एक सॉफ्टवेयर तैयार करवाया जाएगा. भूमि विवाद को 11 श्रेणियों में बांटा गया है.

सरकारी भूमि पर कब्जा का विवाद, सरकारी भूमि का अतिक्रमण बंदोबस्त भूमि से बेदखलली का मामला, सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट में विचाराधीन मामलों वाली भूमि को लेकर विवाद एवं कोर्ट के आदेश अनुपालन के समय उत्पन्न विवाद, राजस्व कोर्ट में विचाराधीन मामलों वाली भूमि को लेकर विवाद एवं कोर्ट के आदेश अनुपालन के समय विवाद, सिविल कोर्ट में लंबित मामलों में भूमि को लेकर विवाद एवं कोर्ट के आदेश अनुपालन के समय उत्पन्न विवाद, भूमि की मापी-सीमांकन के समय उत्पन्न भू विवाद, लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश के अनुपालन में उत्पन्न विवाद, निजी रास्ता का विवाद, परिवारिक भूमि बंटवारा से विवाद के अलावा अन्य विवाद जुड़े हुए हैं.

भूमि विवादों को लेकर थाने से लेकर मुख्यालय स्तर तक बैठक कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. विवादों को जो कोड दिए जाएंगे वह उनके स्थल संवेदनशीलता, पूर्व के इतिहास आदि ब्यौरा पर आधारित होगा. कोई अधिकारी कोड देख कर पता कर लेगा कि यह मामला अपराध बढ़ाने को लेकर कितना संवेदनशील है. साथ ही इस विवाद का प्रभाव क्षेत्र क्या है और किस स्तर पर कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, मिल रही जानकारी के अनुसार भूमि विवाद के निस्तारण के लिए सरकार अल्पकालीन और दीर्घकालीन रणनीति के तहत काम करेगी. जरूरत पड़ने पर अधिकारी एफ आई आर भी दर्ज कर सकते हैं. कोर्ट के फैसले के तुरंत पालन उन्हें करना होगा. इसके साथ-साथ पेचीदा मामलों में संबंधित विवाद के स्थल क्षेत्रों पर निगरानी कोड के माध्यम से रखी जाएगी.

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