पटना: रोहतास जिले के कैमूर पहाड़ी पर स्थित चुन हटा के चपरी गांव में मजदूरों के चार बच्चों की मौत के मामले पर अब सरकार एक्शन में है. इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि बच्चों की मौत को लेकर उस इलाके और आसपास के क्षेत्रों की भी जांच की जा रही है.
'15 ऐसे गांव जहां पीने के पानी का कोई इंतजाम नहीं है, जल्द ही इसकी जांच कराकर हर संभव सहायता पहुंचाई जाएगी. पूरे इलाके की जानकारी ली जाएगी और हरसंभव सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक पहुंचाया जाएगा'- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री
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गंदा पानी पीने को मजबूर लोग
गौरतलब है कि कुछ साल पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नल जल योजना कार्यक्रम के तहत जिले के कैमूर की पहाड़ियों पर शिलान्यास और उद्घाटन किया था. बावजूद इसके कैमूर पहाड़ी के नौहट्टा के चपरी गांव और उसके आसपास के इलाके में आज भी मजदूर प्राकृतिक पानी से अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं. हालांकि ईटीवी भारत की मजबूत पहल के बाद सरकार के कानों तक चकरी गांव के मजदूरों की आवाज पहुंचाने की कोशिश की गई है.
बच्चों की मौत मामले में जांच जारी
वहीं, बच्चों की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि मामले की जांच जिला स्तर पर हो रही है. बच्चों की मौत दूषित पीने के पानी से हुई या फिर किन कारणों से इसमें अभी विभाग स्पष्ट कहने की स्थिति में नहीं है. चकरी गांव और उसके आसपास के गांव में स्वास्थ्य जांच की जा रही है.
'खबर ये भी है कि कई लोग गांव में मलेरिया के मरीज हैं. जिसकी राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है और जिला के स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी इंतजाम करने का निर्देश दिया है'- प्रत्यय अमृत, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग