पटना : मानसून के आगमन और नेपाल से नदियों में छोड़े जा रहे पानी के कारण बिहार में नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है. इस समय प्रदेश की लगभग सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इसी क्रम में पटना में गंगा नदी का जलस्तर भी घंटे दर घंटे बढ़ रहा है. हालांकि, गनीमत है कि गंगा का जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है. लेकिन मैदानी इलाकों में अब बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
बता दें कि पठारी इलाकों में हो रहे लगातार बारिश के कारण सभी छोटी-बड़ी नदियां आपस में मिल गई हैं. जिस कारण गंगा के जलस्तर में वृद्धि देखा जा रहा है. कुछ ऐसा ही हाल पटना स्थित एनआईटी घाट का भी है. घाट की सीढ़ियां डूब गई है. यहां पिछले 24 घंटे में जलस्तर में 12 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं एनआईटी घाट पर बुधवार की सुबह गंगा का जलस्तर 47.320 मीटर दर्ज किया गया.
पटना में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे
बढ़े जलस्तर के कारण शनिवार तक साफ दिख रही घाट की सीढ़ियां और बुधवार को पानी में पूरी तरह डूबी नजर आईं. गंगा जलस्तर में वृद्धि को लेकर स्थानीय दिनेश ने बताते हैं कि गंगा के जलस्तर में रोजाना वृद्धि हो रही है. कल तक घाट पर जो सीढ़ियां साफ दिख रही थीं, वो आज पूरी तरह से पानी में डूब चुकी हैं. दिनेश ने कहा कि हम लोगों को तसल्ली है कि अभी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है.
प्रति घंटे 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही गंगा
वहीं एनआईटी घाट स्थित केंद्रीय जल आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार देर रात के बाद से गंगा के जलस्तर में काफी तेजी से वृद्धि देखने को मिली है. आयोग के अनुसार पहले गंगा का जलस्तर प्रति घंटे 2 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा था. लेकिन बाद में यह रविवार की सुबह से प्रति घंटे 1 सेंटीमीटर की रफ्तार पर आ गया है.
- स्थानीय रघुराम का कहना है कि गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण गंगा पार के लोग इस पार आने लगे हैं. साथ ही हमलोग गंगा के खतरे के निशान से ऊपर जाने की बात सोचकर परेशान हैं.