पटना: हिंदू धर्म (Hindu Religion) में गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का काफी महत्व माना जाता है. कहा जाता है कि आज ही के दिन गंगा धरती पर अवतरित हुईं थीं और इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से सारे दुखों का हरण होता है. जिसको लेकर पटना के घाटों पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ है.
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गंगा में स्नान करने से धूल जाते हैं पाप
माना जाता है कि गंगा दशहरा के दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर आयीं थीं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा पर मां गंगा की पूजा करने से असीम कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इस पावन मौके पर पतित पावनी गंगा में डुबकी लगाने से लोगों को पाप से मुक्ति मिलता है.
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है. श्रद्धालुओं ने बताया कि आज के दिन गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. गंगा घाट पर मौजूद पंडित धीरज पांडे ने बताया कि आज के दिन गंगा में स्नान करने से सारे कष्टों का हरण होता है.
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हिंदू धर्म मे गंगा दशहरा का काफी महत्व है
गंगा दशहरा मुख्यतः मां गंगा के अवतरण का दिन है. गंगा दशहरा के दिन मां गंगा भगवान शिव की जटाओं से निकल के धरती पर आई थीं. उनके धरती पर आने के बाद ही राजा भागीरथ के पूर्वजों की तृप्ति हुई थी. इस दिन स्नान और दान करने से पापों का नाश होता है तथा पूर्वजों की तृप्ति होती है. गंगा दशहरा के दिन भगवान शिव की पूजा का भी विशेष महत्व है. इस बार गंगा दशहरा का पर्व 20 जून यानी आज मनाया जा रहा है.
क्या करें गंगा दशहरा के दिन
किसी पवित्र नदी या गंगा नदी में स्नान करें, या घर पर शुद्ध जल से स्नान करें. उसके बाद मां गंगा का ध्यान करके उनकी पूजा करें. उनके मंत्रों का जाप करें. विशेष रूप से 10 दीपक का प्रयोग करें. इसके बाद अनाज का दान करें या दान का संकल्प लें. अगर आप कोरोना संकट की वजह से गंगा घाट पर नहीं जा पाए हैं तो घर में ही बाल्टी में पवित्र गंगा जल मिलाकर स्नान करें और सच्ची श्रद्धा के साथ मां गंगा की पूजा करें.