पटना: 19 लाख युवाओं को रोजगार ( 19 Lakh Jobs Promise Of NDA) देने के वादे के साथ डबल इंजन की सरकार सत्ता में आई थी. 2 साल बीतने को है लेकिन युवाओं के लिए रोजगार पाना सपना रह गया है. लगातार हो रहे प्रश्न पत्र लीक (Question Paper Leak In Bihar) से हजारों छात्रों का भविष्य अंधकार में है.
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युवाओं के लिए रोजगार पाना हुआ सपना: साल 2020 में बिहार में डबल इंजन की सरकार 19 लाख लोगों को रोजगार देने के वायदों के साथ सत्ता में आई थी और तब नारा दिया गया था कि बिहार में बहार है नीतीश कुमार है. 2 साल बीत जाने के बाद युवाओं को यह नारा बेईमानी लग रहा है. अब वह कह रहे हैं कि बिहार में बहार है पढ़ल लिखल बेकार है, नौकरी के लिए जुगाड़ है.
प्रश्न पत्र लीक होने से युवा परेशान: बिहार के लाखों छात्र हर साल अपने आंखों में सपने लिए राजधानी पटना आते हैं. गरीबी और मुफलिसी के बावजूद माता-पिता बच्चों को इस उम्मीद के साथ पैसा देते हैं कि मेरा बेटा स्वाबलंबी होगा. कई साल मेहनत के बाद जब छात्र परीक्षा में सम्मिलित होते हैं तो उनकी उम्मीदों पर तब पानी फिर जाता है जब उनके सामने प्रश्नपत्र लीक की खबर आती हैं. कमोवेश बिहार के तमाम परीक्षाओं का हाल एक ही जैसा है.
आइए नजर डालते हैं कि पिछले कुछ सालों में कौन-कौन से परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हुए हैं...
1. बिहार पुलिस भर्ती 2017, 14 मार्च 2021 और 21 मार्च 2021 को संपन्न हुए परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हुए.
2. 27 फरवरी 2022 को आयोजित उत्पाद पुलिस के प्रश्न पत्र लीक हुए.
3. 28 फरवरी 2022 को फायरमैन की परीक्षा हुई और प्रश्नपत्र लीक की खबर सामने आई
4. बिहार दारोगा 2017, 2019 और 2022 की परीक्षा के दौरान भी प्रश्न पत्र लीक की खबर सामने आई.
5. साल 2017 में एसएससी की परीक्षा में गड़बड़ी हुई और प्रश्न पत्र लीक हुआ. एक आईएएस अधिकारी जेल भी गए.
6. 2012 में भी एसएससी की परीक्षा के प्रश्नपत्र दो बार लीक हुए.
7. इस बार तो तमाम पिछले रिकॉर्ड टूट गए और राज्य स्तर की सर्वोच्च परीक्षा को भी शिक्षा माफियाओं ने कलंकित कर दिया और बीपीएससी परीक्षा के प्रश्न पत्र को भी लीक कर दिया गया.
युवाओं के रोजगार पर पेपर लीक का ग्रहण: युवा छात्र शुभम भी दूसरे युवाओं की तरह ही रोजगार पाने का सपना लेकर पटना आए थे. उन्हें उम्मीद थी कि कुछ साल मेहनत करने के बाद नौकरी मिल जाएगी. अब तक नौकरी तो नहीं मिली लेकिन भविष्य पर ग्रहण जरूर लग गया. शुभम कहते हैं कि हम लोग दोहरी मार झेल रहे हैं. एक ओर विश्वविद्यालय में दो हजार अट्ठारह के बाद कोई परीक्षा फल नहीं निकला है तो दूसरी तरफ प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रश्न पत्र भी लीक हो जाता है.
"हालात बद से बदतर हैं. बीपीएससी के पेपर लीक हो गए. भ्रष्टाचार का बोलबाला है. युवा खुदको असहाय महसूस कर रहे हैं. ऐसा कोई एग्जाम नहीं जो बिना कोर्ट गए पूरा होता हो."- शुभम, छात्र
"पिछले कुछ सालों में शायद ही कोई परीक्षा ऐसी हुई होगी जिसके प्रश्न पत्र लीक नहीं हुए होंगे. हजारों छात्रों का भविष्य बर्बाद हो रहा है. सरकार को ठोस नीति बनानी होगी नहीं तो छात्र आंदोलन के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे."- अमर झा, प्रख्यात शिक्षक
"सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है. नौकरी पाना युवाओं के लिए सपना बन गया है. कोई ऐसी परीक्षा नहीं होती है जिसके प्रश्न पत्र लीक नहीं होते." - एजाज अहमद,राजद प्रवक्ता
"हम युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जो कोई भी गड़बड़ी में संलिप्त पाया जाएगा उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा."- अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता
"रोजगार देना हमारी प्राथमिकता है. कुछ गड़बड़ियां जरूर हुई हैं लेकिन उस पर सरकार सख्त है. जो कोई भी दोषी है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है."- नीरज कुमार, पूर्व मंत्री और जदयू प्रवक्ता
प्रश्न पत्र लीक मामले में ठोस नीति नहीं: जिस तरह से बिहार की परीक्षाओं में पेपर लीक का कलंक लग रहा है इससे युवा परेशान हैं. साथ ही सवाल पूछा जा रहा है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो एनडीए की डबल इंजन सरकार कैसे 19 लाख लोगों को रोजगार दे पाएगी और उससे भी बड़ी बात कब देगी? युवाओं के साथ ही विपक्ष भी इस तरह के मामलों को लेकर सरकार पर हमलावर है. सरकार अब तक प्रश्न पत्र लीक मामले में ठोस नीति ( Bihar question paper leak case policy) नहीं बना सकी है जिससे माफियाओं पर नकेल कसा जा सके और युवाओं के रोजगार का रास्ता साफ हो सके.
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