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...जब एक परिवार से उठीं चार अर्थियां, गांव में हर आंख थी नम - सीधी

सीधी बस हादसे में 51लोगों की मौत ने हर किसी को सदमे में ला दिया है. वहीं इस हादसे में कुसमी गांव के एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई. जिनका बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान हर किसी की आंख नम थी.

direct bus accident
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Published : Feb 18, 2021, 12:19 PM IST

सीधी। बाणसागर नहर में बस गिरने से हुई 51लोगों की मौत ने सभी को दहला दिया है. इस हादसे में कई महिलाएं, बच्चें और पुरूष काल के गाल में समा गए. कितने परिवारों के घर उजड़ गए. वहीं कुसमी गांव के एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई. जिनका बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया. चारों शवों के अंतिम संस्कार के वक्त पूरा गांव गमगीन हो गया.

यह भी पढ़ें - जमुई: अनियंत्रित ट्रक ने बाइक सवार को रौंदा, युवक की मौत

नहीं थम रहे थे आंसू

वहीं इसी गांव के एक भी घर में चूल्हा तक नहीं जला. हादसे का शिकार हुई बस में विश्वनाथ यादव, पिता रामपति यादव, उनकी पत्नी राजकली यादव, तीन महीने की बेटी नम्रता और चचेरा भाई प्रदीप सवार थे. बस डूबने से इन चारों की भी जिंदगी की डोर टूट गई. एक ही परिवार के चार लोगों की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसरा है. परिजन ही नहीं गांव वालों के भी आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. चारों का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

अव्यवस्थाओं पर ग्रामीणों की नाराजगी

मृतक विश्वनाथ के परिवार में पिता रामपति यादव, मां, भाई, भाभी और बहन बचे हैं. प्रदीप के परिवार में पिता लालमन यादव, मां, दो भाई और दो बहन हैं. गांव के लोग क्षेत्र की बदहाल सड़कों और यातायात के साधनों में मनमानी को लेकर आक्रोशित हैं. अंतिम संस्कार में धौहनी विधायक कुंवर सिंह टेकाम, जिला पंचायत सदस्य शेषमणि प्रसाद पनिका, पूर्व विधायक पंजाबसिंह, कुसमी एसडीएम आरके सिन्हा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अफसर शामिल हुए और शोक संवेदना व्यक्त की. इन जनप्रतिनिधियों और अफसरों के सामने भी लोगों ने नाराजगी जाहिर की.

सीधी बस हादसे में परिवार से हमेशा के लिए बिछड़ी मां-बेटी

बहरहाल इस हादसे ने अनेक घर के चिरागों को बुझा दिया. राहत राशि हालांकि दी गई है पर जिसके घर से चिराग बुझा है, उसके दिल से ही पूछा जाए कि इस घड़ी दुख में वह कैसे गमगीन है. यह तो वही अच्छी तरह से जानते होंगे.

सीधी। बाणसागर नहर में बस गिरने से हुई 51लोगों की मौत ने सभी को दहला दिया है. इस हादसे में कई महिलाएं, बच्चें और पुरूष काल के गाल में समा गए. कितने परिवारों के घर उजड़ गए. वहीं कुसमी गांव के एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई. जिनका बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया. चारों शवों के अंतिम संस्कार के वक्त पूरा गांव गमगीन हो गया.

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नहीं थम रहे थे आंसू

वहीं इसी गांव के एक भी घर में चूल्हा तक नहीं जला. हादसे का शिकार हुई बस में विश्वनाथ यादव, पिता रामपति यादव, उनकी पत्नी राजकली यादव, तीन महीने की बेटी नम्रता और चचेरा भाई प्रदीप सवार थे. बस डूबने से इन चारों की भी जिंदगी की डोर टूट गई. एक ही परिवार के चार लोगों की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसरा है. परिजन ही नहीं गांव वालों के भी आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. चारों का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

अव्यवस्थाओं पर ग्रामीणों की नाराजगी

मृतक विश्वनाथ के परिवार में पिता रामपति यादव, मां, भाई, भाभी और बहन बचे हैं. प्रदीप के परिवार में पिता लालमन यादव, मां, दो भाई और दो बहन हैं. गांव के लोग क्षेत्र की बदहाल सड़कों और यातायात के साधनों में मनमानी को लेकर आक्रोशित हैं. अंतिम संस्कार में धौहनी विधायक कुंवर सिंह टेकाम, जिला पंचायत सदस्य शेषमणि प्रसाद पनिका, पूर्व विधायक पंजाबसिंह, कुसमी एसडीएम आरके सिन्हा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अफसर शामिल हुए और शोक संवेदना व्यक्त की. इन जनप्रतिनिधियों और अफसरों के सामने भी लोगों ने नाराजगी जाहिर की.

सीधी बस हादसे में परिवार से हमेशा के लिए बिछड़ी मां-बेटी

बहरहाल इस हादसे ने अनेक घर के चिरागों को बुझा दिया. राहत राशि हालांकि दी गई है पर जिसके घर से चिराग बुझा है, उसके दिल से ही पूछा जाए कि इस घड़ी दुख में वह कैसे गमगीन है. यह तो वही अच्छी तरह से जानते होंगे.

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