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Patna High Court: मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर राजेन्द्र प्रसाद को बड़ी राहत, मिली नियमित जमानत

पटना हाईकोर्ट ने मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर (वीसी) राजेन्द्र प्रसाद को नियमित जमानत दे दी है. राजेंद्र प्रसाद ने 8 फरवरी 2023 को कोर्ट में सरेंडर किया था.

Former Vice Chancellor of Magadh University
Former Vice Chancellor of Magadh University
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Published : Jul 19, 2023, 5:14 PM IST

पटना: उच्च न्यायालय पटना ने मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर (वीसी) राजेन्द्र प्रसाद उर्फ डॉ राजेन्द्र प्रसाद को नियमित जमानत देते हुए बड़ी राहत दी है. जस्टिस राजीव राय ने इस जमानत याचिका पर सभी सम्बन्धित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ये आदेश दिया.

पढ़ें- Magadh University scam: पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद ने निगरानी कोर्ट के समक्ष किया सरेंडर

मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर को बड़ी राहत: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रंजीत कुमार ने बताया कि पांच-पांच लाख रुपये के दो बेल बांड उन्हें देने हैं. साथ ही उनका पासपोर्ट भी जब्त रहेगा. उन्होंने बताया कि उन्हें निचली अदालत के समक्ष जब भी बुलाया जायेगा, उन्हें कोर्ट में उपस्थित होना होगा.

अधिवक्ता रंजीत कुमार ने बताया कि उन पर मगध विश्वविद्यालय के वीसी के पद पर रहते ओएमआर शीट, किताबें, प्रश्नपत्र व अन्य सामग्रियों की खरीददारी में अनियमितता बरतने का आरोप लगा था. ये धनराशि बीस करोड़ रुपये की बताई गयी. उन्होंने बताया कि सितम्बर,2022 में राज्य निगरानी विभाग ने उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था. वे फरवरी,2023 से जेल में हैं.

क्या है पूरा मामला?: बता दें कि मगध विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. विश्वविद्यालय के 30 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की हेराफेरी के केस में आरोपित किए गए. इसी मामले में पूर्व कुलपति ने 8 फरवरी 2023 को कोर्ट में सरेंडर किया था.

निगरानी की दबिश के बाद किया था समर्पण: इससे पहले 5 फरवरी को विशेष निगरानी इकाई की टीम ने पूर्व कुलपति के गोरखपुर आवासल और उनके शिक्षण संस्थानों पर रेड किया था. लेकिन राजेंद्र प्रसाद नहीं मिले. तीन दिन बाद उन्होंने दबिश बढ़ने के बाद कोर्ट में आत्मसमपर्ण किया था.

पटना: उच्च न्यायालय पटना ने मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर (वीसी) राजेन्द्र प्रसाद उर्फ डॉ राजेन्द्र प्रसाद को नियमित जमानत देते हुए बड़ी राहत दी है. जस्टिस राजीव राय ने इस जमानत याचिका पर सभी सम्बन्धित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ये आदेश दिया.

पढ़ें- Magadh University scam: पूर्व कुलपति राजेंद्र प्रसाद ने निगरानी कोर्ट के समक्ष किया सरेंडर

मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर को बड़ी राहत: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रंजीत कुमार ने बताया कि पांच-पांच लाख रुपये के दो बेल बांड उन्हें देने हैं. साथ ही उनका पासपोर्ट भी जब्त रहेगा. उन्होंने बताया कि उन्हें निचली अदालत के समक्ष जब भी बुलाया जायेगा, उन्हें कोर्ट में उपस्थित होना होगा.

अधिवक्ता रंजीत कुमार ने बताया कि उन पर मगध विश्वविद्यालय के वीसी के पद पर रहते ओएमआर शीट, किताबें, प्रश्नपत्र व अन्य सामग्रियों की खरीददारी में अनियमितता बरतने का आरोप लगा था. ये धनराशि बीस करोड़ रुपये की बताई गयी. उन्होंने बताया कि सितम्बर,2022 में राज्य निगरानी विभाग ने उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था. वे फरवरी,2023 से जेल में हैं.

क्या है पूरा मामला?: बता दें कि मगध विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. विश्वविद्यालय के 30 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की हेराफेरी के केस में आरोपित किए गए. इसी मामले में पूर्व कुलपति ने 8 फरवरी 2023 को कोर्ट में सरेंडर किया था.

निगरानी की दबिश के बाद किया था समर्पण: इससे पहले 5 फरवरी को विशेष निगरानी इकाई की टीम ने पूर्व कुलपति के गोरखपुर आवासल और उनके शिक्षण संस्थानों पर रेड किया था. लेकिन राजेंद्र प्रसाद नहीं मिले. तीन दिन बाद उन्होंने दबिश बढ़ने के बाद कोर्ट में आत्मसमपर्ण किया था.

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