पटना: विधानसभा सत्र के दौरान मंगलवार को विधानसभा परिसर में शराब की कई खाली बोतलें (Liquor Bottles Found In Bihar Assembly Premises) और पैकेट देखने को मिली. ऐसे में प्रदेश में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) को लेकर कई प्रकार के प्रश्न भी खड़े हुए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी को बुलवाकर विधानसभा परिसर में शराब की बोतले कैसे आई, इस पर जांच करने का निर्देश दिया. विधानसभा परिसर में शराब की खाली बोतल मिलने पर विपक्ष शराबबंदी को विफल ठहराने में लग गया. इसी कड़ी में पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि (Former Union Minister Nagmani) ने जगदेव पथ स्थित अपने पार्टी दफ्तर में प्रेस वार्ता की और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सरकार के मंत्रियों पर शराब माफियाओं से मिलीभगत का आरोप लगाया.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने ईटीवी भारत से कहा कि प्रदेश में शराबबंदी 2016 से है और विधानसभा परिसर में 5 साल बाद भी शराब की खाली बोतलें मिल रही है. इससे प्रदेश में शराबबंदी की सच्चाई का पता चल रहा है. नागमणि ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायत स्तर पर शराब की दुकानें खुलवाई और जब लोगों को शराब की लत लग गई फिर शराबबंदी कर दी. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद से शराब की होम डिलीवरी शुरू हो गई है. पहले सिर्फ दुकानों में शराब मिलती थी लेकिन अब घर-घर शराब की डिलीवरी हो रही है.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने कहा कि बिहार में शराब चार स्थानों से आता है. जिसमें यूपी, बंगाल, झारखंड और नेपाल की सीमा शामिल है. वह कई बार शराबबंदी को लेकर पुलिस कितनी तत्पर है, इसका मुआयना करने के लिए उस सड़क से होकर गुजरे हैं. लेकिन उन्होंने देखा कि वहां मौजूद बिहार पुलिस की टीम किसी भी ट्रक और कंटेनर को नहीं रोकती है. जिससे लोग शराब लेकर गाड़ी को आसानी से पार करा लेते हैं.
शराब की खेप जब बिहार पहुंच जाती है, तो दिखावे के रूप में कार्रवाई होती है. एक दो बोतल के साथ लोगों को गिरफ्तार किया जाता है जबकि बड़े माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका शराब माफियाओं के साथ सांठगांठ है. सरकार के मंत्री और सत्ताधारी दल से जुड़े नेता प्रदेश में शराब बेचने के काम में लगे हुए हैं और शराब बेचने वालों से मिले हुए हैं.
2016 से पहले बिहार के सभी पंचायतों में तीन-तीन शराब की दुकान खुलवाई गई. उस वक्त लोगों को शराब पीने के लिए प्रेरित किया गया और अब जब आम जनता को आदत पकड़ा गई, तो नीतीश कुमार जी कह रहे हैं कि शराबबंदी होनी चाहिए. उसमें भी उन्होंने महिलाओं को रिझाने कि लिए शराबबंदी का काम किया. लेकिन जहां शराब से बिहार को 10-15 हजार करोड़ रुपये आता था, उसकी भरपाई किसानों से हो रहा है. - नागमणि, पूर्व केंद्रीय मंत्री
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