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Ramcharitmanas controversy: 'रामचरितमानस पर उनका बयान ठीक नहीं, शिक्षा मंत्री को प्रायश्चित करना चाहिए'- रणविजय कुमार - जनता दल यूनाइटेड

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) के द्वारा रामचरितमानस को लेकर जिस तरह का बयान दिया गया. उस पर सिर्फ विपक्ष ही नहीं बल्कि महागठबंधन के घटक दल जदयू के नेता भी लगातार शिक्षा मंत्री पर हमलावर नजर आ रहे हैं. जदयू के विधान पार्षद नीरज कुमार ने हनुमान मंदिर जाकर रामायण पाठ किया था. तो आज यानी 15 जनवरी को जदयू के पूर्व विधायक रह चुके रणविजय कुमार ने शिक्षा मंत्री पर जमकर निशाना साधा. पढ़ें पूरी खबर...

पूर्व विधायक रणविजय कुमार ने
पूर्व विधायक रणविजय कुमार
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Published : Jan 15, 2023, 8:18 PM IST

पूर्व विधायक रणविजय कुमार ने बिहाह शिक्षा मंत्री पर साधा निशाना

पटना: जनता दल यूनाइटेड (Janata Dal United) के पूर्व विधायक रणविजय कुमार (Former JDU MLA Ranvijay Kumar) ने रामायण के दोहा को पूरी तरह से व्याख्या की. और शिक्षा मंत्री को रामचरितमानस को लेकर इस तरह का बयान देने पर उन्हें प्रायश्चित करने की बात तक कह डाली. उन्होंने साफ-साफ कहा कि शिक्षा मंत्री जिस चौपाई को पढ़कर ज्ञान बांट रहे हैं, उन्हें उनके बारे में कुछ पता ही नहीं है. रामचरितमानस की हर दोहा और हर चौपाई का अपना अर्थ है. और हमें नहीं पता कि शिक्षा मंत्री क्यों नहीं उसका अर्थ समझ पा रहे हैं?.

ये भी पढ़ें- Ramcharitmanas controversy: मंदिर में BJP ने किया पाठ, कहा- 'शिक्षामंत्री हैं त्रेता युग के राक्षस'

'हम उन्हें सलाह देंगे कि रामायण की उस चौपाई से 10 चौपाई पहले और 10 चौपाई बाद भी पढ़ें. उसके बाद उन्हें पता चलेगा कि आखिर रामायण में सभी समाज के लोगों को किस तरह से सम्मान दिया गया है. रामायण एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें सभी जाति को सम्मान दिया गया है. और सम्मान की दृष्टि से देखा गया है. जिस चौपाई की बात वो कर रहे हैं, उसमें काक भुसुंडि ने प्रायश्चित करने की बात कही है. निश्चित तौर पर जब उन्हें समझ में आ जाएगा कि उन्होंने गलत कहा है, वह भी प्रायश्चित करेंगे. ऐसा हमारा मानना है.' - रणविजय कुमार, पूर्व विधायक, जेडीयू

पूर्व JDU MLA ने शिक्षा मंत्री पर साधा निशाना : पूर्व विधायक रणविजय कुमार ने कहा कि शिक्षा मंत्री अपनी बात पर अड़े हैं. यह बात भी हम जानते हैं. लेकिन उन्हें अपनी बात पर अड़ना नहीं चाहिए. उन्हें स्वीकार करना चाहिए कि यह हमारा जो धार्मिक ग्रंथ है, रामचरितमानस, वह उत्कृष्ट ग्रंथ है. और सनातन की वैसे बातों को बताता है, जिससे कि समाज में ऊंच-नीच का भेदभाव को खत्म किया जा सके. इसके उलट अगर शिक्षा मंत्री इसको लेकर कुछ कह रहे हैं, वह पूरी तरह से निराधार है. हम उन्हें सलाह देंगे कि वह जो बात कह रहे हैं, उसको पहले ठीक से पढ़ लें. उसके व्याख्या को समझें.

शिक्षा मंत्री के बयान पर मचा है घमासान : जेडीयू के पूर्व विधायक ने कहा कि जो गलती उन्होंने की है, निश्चित तौर पर उसको लेकर वो माने की कहीं ना कहीं जो हालात अभी बिहार में दिख रहा है, वो उनके बयान के कराण हो रहा है. जदयू के नेता भी लगातार शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर हमलावर हैं. इस बार जदयू के पूर्व विधायक रह चुके रणविजय कुमार ने शिक्षा मंत्री को अपने दिए गए बयान को लेकर प्रायश्चित करने की सलाह दे डाली है.

शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस पर दिया था विवादित बयान : गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी बिहार में विपक्ष में है. और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद लगातार उन पर हमलावर है. बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि- 'रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाता है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उनके इस बयान के बाद बिहार में हंगामा बरपा है. उनपर दिल्ली से लेकर बिहार तक में कई परिवाद दर्ज हो चुका है. लेकिन शिक्षा मंत्री अपने बयान पर अभी भी कायम हैं.

पूर्व विधायक रणविजय कुमार ने बिहाह शिक्षा मंत्री पर साधा निशाना

पटना: जनता दल यूनाइटेड (Janata Dal United) के पूर्व विधायक रणविजय कुमार (Former JDU MLA Ranvijay Kumar) ने रामायण के दोहा को पूरी तरह से व्याख्या की. और शिक्षा मंत्री को रामचरितमानस को लेकर इस तरह का बयान देने पर उन्हें प्रायश्चित करने की बात तक कह डाली. उन्होंने साफ-साफ कहा कि शिक्षा मंत्री जिस चौपाई को पढ़कर ज्ञान बांट रहे हैं, उन्हें उनके बारे में कुछ पता ही नहीं है. रामचरितमानस की हर दोहा और हर चौपाई का अपना अर्थ है. और हमें नहीं पता कि शिक्षा मंत्री क्यों नहीं उसका अर्थ समझ पा रहे हैं?.

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'हम उन्हें सलाह देंगे कि रामायण की उस चौपाई से 10 चौपाई पहले और 10 चौपाई बाद भी पढ़ें. उसके बाद उन्हें पता चलेगा कि आखिर रामायण में सभी समाज के लोगों को किस तरह से सम्मान दिया गया है. रामायण एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें सभी जाति को सम्मान दिया गया है. और सम्मान की दृष्टि से देखा गया है. जिस चौपाई की बात वो कर रहे हैं, उसमें काक भुसुंडि ने प्रायश्चित करने की बात कही है. निश्चित तौर पर जब उन्हें समझ में आ जाएगा कि उन्होंने गलत कहा है, वह भी प्रायश्चित करेंगे. ऐसा हमारा मानना है.' - रणविजय कुमार, पूर्व विधायक, जेडीयू

पूर्व JDU MLA ने शिक्षा मंत्री पर साधा निशाना : पूर्व विधायक रणविजय कुमार ने कहा कि शिक्षा मंत्री अपनी बात पर अड़े हैं. यह बात भी हम जानते हैं. लेकिन उन्हें अपनी बात पर अड़ना नहीं चाहिए. उन्हें स्वीकार करना चाहिए कि यह हमारा जो धार्मिक ग्रंथ है, रामचरितमानस, वह उत्कृष्ट ग्रंथ है. और सनातन की वैसे बातों को बताता है, जिससे कि समाज में ऊंच-नीच का भेदभाव को खत्म किया जा सके. इसके उलट अगर शिक्षा मंत्री इसको लेकर कुछ कह रहे हैं, वह पूरी तरह से निराधार है. हम उन्हें सलाह देंगे कि वह जो बात कह रहे हैं, उसको पहले ठीक से पढ़ लें. उसके व्याख्या को समझें.

शिक्षा मंत्री के बयान पर मचा है घमासान : जेडीयू के पूर्व विधायक ने कहा कि जो गलती उन्होंने की है, निश्चित तौर पर उसको लेकर वो माने की कहीं ना कहीं जो हालात अभी बिहार में दिख रहा है, वो उनके बयान के कराण हो रहा है. जदयू के नेता भी लगातार शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर हमलावर हैं. इस बार जदयू के पूर्व विधायक रह चुके रणविजय कुमार ने शिक्षा मंत्री को अपने दिए गए बयान को लेकर प्रायश्चित करने की सलाह दे डाली है.

शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस पर दिया था विवादित बयान : गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी बिहार में विपक्ष में है. और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद लगातार उन पर हमलावर है. बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि- 'रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाता है. यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है. उनके इस बयान के बाद बिहार में हंगामा बरपा है. उनपर दिल्ली से लेकर बिहार तक में कई परिवाद दर्ज हो चुका है. लेकिन शिक्षा मंत्री अपने बयान पर अभी भी कायम हैं.

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