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'Professor Chandrashekhar इस्तीफा दें.. नहीं तो विधानसभा का मानसून सत्र चलने नहीं देंगे'- प्रमोद कुमार - Monsoon Session 2023

बीजेपी नेता प्रमोद कुमार ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और आईएएस अधिकारी केके पाठक के बीच पत्र वार को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री को संविधान की जानकारी नहीं है, अविलंब इस्तीफा देना चाहिए. अगर मंत्री इस्तीफा नहीं देते हैं तो 10 जुलाई से विधानसभा के मानसून सत्र का बहिष्कार करेंगे.

Professor Chandrashekhar Vs KK Pathak
Professor Chandrashekhar Vs KK Pathak
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Published : Jul 7, 2023, 2:20 PM IST

Updated : Jul 7, 2023, 2:33 PM IST

बीजेपी नेता प्रमोद कुमार

पटना: बीजेपी के वरिष्ठ नेता व बिहार के पूर्व विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि शिक्षा मंत्री के बयान से अज्ञानता झलकती है. बिना मेल के गठबंधन में शिक्षा मंत्री मंत्री बन गए हैं. इस दौरान प्रमोद कुमार ने चुटकी लेते हुए कहा कि हड़बड़ी के ब्याह कनपटी में सिंदूर, यानी कि महागठबंधन सरकार हड़बड़ी में बनी तो यही सब होगा.

पढ़ें- Professor Chandrashekhar Vs KK Pathak: महागठबंधन सरकार में ऑल इज वेल, बोले मंत्री ललित यादव- 'CM से बात हो गई'

प्रमोद कुमार ने केके पाठक के काम को सराहा: शिक्षा मंत्री और केके पाठक के बीच चल रहे पत्र वार को लेकर प्रमोद कुमार ने कहा कि केके पाठक जी को धन्यवाद है. केके पाठक की तारीफ करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि केके पाठक खनन विभाग में रहे, मध निषेध विभाग में रहे तो उन्होंने बहुत अच्छा काम किया. शिक्षा विभाग को पटरी पर लाने के लिए के के पाठक काम कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री चाह रहे है कि अपने परिवार के लिए अपने हिसाब से शिक्षा विभाग को चलाना चाहते हैं, पर केके पाठक संविधान के हिसाब से चलाना चाहते हैं.

"शिक्षा मंत्री चाहते हैं कि लालू जैसा काम करें. लालू यादव अपना खैनी डिब्बा गिरा कर उठवाते थे, खैनी बनवाते थे. वैसे ही शिक्षा मंत्री करना चाहते हैं लेकिन केके पाठक ऐसा नहीं करेंगे. शिक्षा मंत्री को अविलंब इस्तीफा दे देना चाहिए. 10 तारीख से विधानसभा शुरू हो रहा है. इस मुद्दे को लेकर हम लोग विधानसभा में आवाज उठाने का काम करेंगे, विधानसभा का बहिष्कार करेंगे."- प्रमोद कुमार, पूर्व मंत्री, बिहार

प्रमोद कुमार ने चंद्रशेखर को संविधान पढ़ने की सलाह दी: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर लगातार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. रामचरितमानस को लेकर दिए उनके विवादित बयान ने सबसे ज्यादा चर्चा बटोरी थी. इसलिए प्रमोद कुमार अपने हाथ में भारत का संविधान लेकर चंद्रशेखर को इसे पढ़ने की सलाह देते दिखे. साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान में श्री प्रभु राम, वीर बजरंगबली को स्थान दिया गया है. शिक्षा मंत्री सविधान पढ़े ही नहीं हैं इसलिए भगवान पर बिना सोचे समझे बयान देते हैं.

"मंत्री शपथ लेने के दौरान संविधान के मान सम्मान को बरकरार रखेंने की कसम खाते हैं. यही शपथ ग्रहण के समय सभी लोग बोलते हैं पर जो लोग संविधान को भूल गए हैं, वहीं अनर्गल बयान देते हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि उन्हें संविधान का ज्ञान नहीं है. शिक्षा मंत्री एजेंडा छोड़कर प्रोपगेंडा का बयान देते हैं."- प्रमोद कुमार, पूर्व मंत्री, बिहार

उन्होंने आगे कहा कि बिहार सरकार मंत्रालय नहीं है बल्कि सचिवालय है. भारत सरकार मंत्रालय है जहां पर मंत्री अपना प्रस्ताव पढ़ते हैं. बिहार में कैबिनेट की बैठक होती है तो कैबिनेट सचिव कैबिनेट प्रस्ताव को पढ़ते हैं. शिक्षा मंत्री को जानकारी ही नहीं है कि जमीन घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव ने मंत्री की हैसियत से आदेश निकाले और अधिकारी ने उसको पास कर दिया था. आज अधिकारी, लालू यादव उनकी पत्नी बेटा संविधान के दायरे में न्यायालय में पहुंच गए हैं.

चंद्रशेखर Vs केके पाठक: बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पीत पत्र जारी किया था. आप्त सचिव की विभाग में एंट्री पर रोल लगा दी गई है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे विवाद को सुलझाने के लिए गुरुवार को चंद्रशेखर और केके पाठक को अपने आवास पर बुलाया था. इस प्रकरण से बीजेपी को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है.

बीजेपी नेता प्रमोद कुमार

पटना: बीजेपी के वरिष्ठ नेता व बिहार के पूर्व विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि शिक्षा मंत्री के बयान से अज्ञानता झलकती है. बिना मेल के गठबंधन में शिक्षा मंत्री मंत्री बन गए हैं. इस दौरान प्रमोद कुमार ने चुटकी लेते हुए कहा कि हड़बड़ी के ब्याह कनपटी में सिंदूर, यानी कि महागठबंधन सरकार हड़बड़ी में बनी तो यही सब होगा.

पढ़ें- Professor Chandrashekhar Vs KK Pathak: महागठबंधन सरकार में ऑल इज वेल, बोले मंत्री ललित यादव- 'CM से बात हो गई'

प्रमोद कुमार ने केके पाठक के काम को सराहा: शिक्षा मंत्री और केके पाठक के बीच चल रहे पत्र वार को लेकर प्रमोद कुमार ने कहा कि केके पाठक जी को धन्यवाद है. केके पाठक की तारीफ करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि केके पाठक खनन विभाग में रहे, मध निषेध विभाग में रहे तो उन्होंने बहुत अच्छा काम किया. शिक्षा विभाग को पटरी पर लाने के लिए के के पाठक काम कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री चाह रहे है कि अपने परिवार के लिए अपने हिसाब से शिक्षा विभाग को चलाना चाहते हैं, पर केके पाठक संविधान के हिसाब से चलाना चाहते हैं.

"शिक्षा मंत्री चाहते हैं कि लालू जैसा काम करें. लालू यादव अपना खैनी डिब्बा गिरा कर उठवाते थे, खैनी बनवाते थे. वैसे ही शिक्षा मंत्री करना चाहते हैं लेकिन केके पाठक ऐसा नहीं करेंगे. शिक्षा मंत्री को अविलंब इस्तीफा दे देना चाहिए. 10 तारीख से विधानसभा शुरू हो रहा है. इस मुद्दे को लेकर हम लोग विधानसभा में आवाज उठाने का काम करेंगे, विधानसभा का बहिष्कार करेंगे."- प्रमोद कुमार, पूर्व मंत्री, बिहार

प्रमोद कुमार ने चंद्रशेखर को संविधान पढ़ने की सलाह दी: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर लगातार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. रामचरितमानस को लेकर दिए उनके विवादित बयान ने सबसे ज्यादा चर्चा बटोरी थी. इसलिए प्रमोद कुमार अपने हाथ में भारत का संविधान लेकर चंद्रशेखर को इसे पढ़ने की सलाह देते दिखे. साथ ही उन्होंने कहा कि संविधान में श्री प्रभु राम, वीर बजरंगबली को स्थान दिया गया है. शिक्षा मंत्री सविधान पढ़े ही नहीं हैं इसलिए भगवान पर बिना सोचे समझे बयान देते हैं.

"मंत्री शपथ लेने के दौरान संविधान के मान सम्मान को बरकरार रखेंने की कसम खाते हैं. यही शपथ ग्रहण के समय सभी लोग बोलते हैं पर जो लोग संविधान को भूल गए हैं, वहीं अनर्गल बयान देते हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि उन्हें संविधान का ज्ञान नहीं है. शिक्षा मंत्री एजेंडा छोड़कर प्रोपगेंडा का बयान देते हैं."- प्रमोद कुमार, पूर्व मंत्री, बिहार

उन्होंने आगे कहा कि बिहार सरकार मंत्रालय नहीं है बल्कि सचिवालय है. भारत सरकार मंत्रालय है जहां पर मंत्री अपना प्रस्ताव पढ़ते हैं. बिहार में कैबिनेट की बैठक होती है तो कैबिनेट सचिव कैबिनेट प्रस्ताव को पढ़ते हैं. शिक्षा मंत्री को जानकारी ही नहीं है कि जमीन घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव ने मंत्री की हैसियत से आदेश निकाले और अधिकारी ने उसको पास कर दिया था. आज अधिकारी, लालू यादव उनकी पत्नी बेटा संविधान के दायरे में न्यायालय में पहुंच गए हैं.

चंद्रशेखर Vs केके पाठक: बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पीत पत्र जारी किया था. आप्त सचिव की विभाग में एंट्री पर रोल लगा दी गई है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे विवाद को सुलझाने के लिए गुरुवार को चंद्रशेखर और केके पाठक को अपने आवास पर बुलाया था. इस प्रकरण से बीजेपी को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है.

Last Updated : Jul 7, 2023, 2:33 PM IST
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