पटना : बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की रिहाई का मामला गरमाता जा रहा है. बिहार में आनंद मोहन सिंह की रिहाई एक राजनीति मुद्दा बन गया है. एक तरफ जहां सत्ताधारी पार्टी इस फैसले का स्वागत कर रही है, तो वहीं बीजेपी आरोप लगा रही है कि आनंद मोहन सिंह की आड़ में 26 दुर्दांत अपराधी को रिहा कर दिया गया. वहीं बिहार के पूर्व मंत्री व बीजेपी के नेता नीरज कुमार बबलू ने कहा है कि नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव के दबाव में आकर 26 दुर्दांत अपराधी को रिहा कर रहे हैं. इन 26 अपराधियों में ज्यादातर एमवाई समीकरण के अपराधी हैं.
ये भी पढ़ें- Gopalganj DM Murder Case: G कृष्णैया ही नहीं, यहां एक और DM की हुई थी हत्या.. बम धमाके में गंवाई जान
'आनंद मोहन की आड़ में रिहा कराए 26 दुर्दांत अपराधी': आनंद मोहन सिंह की रिहाई को लेकर शुरू से ही विरोध देखा जा रहा है. एक तरफ जहां बीजेपी के नेता आनंद मोहन सिंह के रिहाई के फैसले का स्वागत कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर सुशील कुमार मोदी व कुछ अन्य दलित संगठन इसे दलित विरोधी फैसला बता रहे हैं. बिहार के पूर्व मंत्री वह बीजेपी के नेता नीरज कुमार बबलू ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि हम आनंद मोहन सिंह के रिहाई का स्वागत करते हैं. क्योंकि, उन्होंने अपनी सजा काट ली है और वह कोई अपराधी नहीं हैं. लालू प्रसाद यादव ने ही उन्हें फंसाया था और अब चुनाव नजदीक देख राजपूत वोट को अपनी और आकर्षित करने के लिए सरकार पर दबाव बनाकर इस तरह के फैसले लिए हैं. आनंद मोहन सिंह की आड़ में अपने दुर्दांत अपराधियों को भी दबाव बनाकर रिहा करवा लिया है.
''हम आनंद मोहन की रिहाई का स्वागत करते हैं. उन्होंने अपनी सजा काट ही है. वह कोई अपराधी नहीं हैं. तब लालू प्रसाद यादव ने ही उन्हें फंसाया था और अब चुनाव नजदीक देखकर राजपूत वोट को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए सरकार पर दबाव बनाकर ऐसे फैसले लिए हैं. आनंद मोहन की आड़ में लालू यादव ने अपने 26 दुर्दांत अपराधियों को रिहा करवा लिया है.''- नीरज सिंह बबलू, बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री
'90 के दशक में लौट रहा बिहार': आपको बता दें कि पूर्व सांसद व बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह गोपालगंज के तत्कालीन डीएम की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. बिहार सरकार ने कानून में संशोधन करते हुए उनकी रिहाई का रास्ता साफ कर दिया था और आज वह जेल से रिहा हो गए. उनकी रिहाई को दलित संगठन लगातार गलत बता रहा है और आईएएस एसोसिएशन द्वारा भी नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा गया. जिसमें इस फैसले पर पुनर्विचार करने की विनती की गई है. बीजेपी लगातार भी आरोप लगा रही है कि सरकार आरजेडी के दबाव में आकर उनके दुर्दांत अपराधी वर्षों से जेल में बंद थे. आनंद मोहन सिंह की आड़ में उन्हें बाहर निकलवाया गया है. वहीं बीजेपी के नेता बिहार को एक बार फिर से 90 के दशक में लौटने की बात कही है.