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नीतीश जी वैसे तो दलितों को तुम तड़ाक और गंदी भाषा से ही संबोधित करतें रहें हैं पर कम से कम मंत्री पद की गरिमा का तो ख्याल रखतें।
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मुझे गाली दी तो रत्नेश जी CM के पक्ष में खडे हो गएं देखिए पक्ष लेने का नतीजा।
“गालीबाज” नीतीश कुमार जी आपके हर गाली और बेईज्जती का करारा जवाब मिलेगा। pic.twitter.com/PVNwltm0LR
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— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) November 27, 2023
मुझे गाली दी तो रत्नेश जी CM के पक्ष में खडे हो गएं देखिए पक्ष लेने का नतीजा।
“गालीबाज” नीतीश कुमार जी आपके हर गाली और बेईज्जती का करारा जवाब मिलेगा। pic.twitter.com/PVNwltm0LRनीतीश जी वैसे तो दलितों को तुम तड़ाक और गंदी भाषा से ही संबोधित करतें रहें हैं पर कम से कम मंत्री पद की गरिमा का तो ख्याल रखतें।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) November 27, 2023
मुझे गाली दी तो रत्नेश जी CM के पक्ष में खडे हो गएं देखिए पक्ष लेने का नतीजा।
“गालीबाज” नीतीश कुमार जी आपके हर गाली और बेईज्जती का करारा जवाब मिलेगा। pic.twitter.com/PVNwltm0LR
पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार के 'तुम तड़ाक' बोलने वाले बयान पर घेरा है. उन्होंने एक वीडियो 'एक्स' पर पोस्ट करके नीतीश सराकर के ही मंत्री रत्नेश सदा को लेकर निशाना साधा है. मांझी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'X' में लिखा है कि ''नीतीश कुमार दलितों को तुम-तड़ाक और गंदी भाषा से ही संबोधित करते रहे हैं. कम से कम उन्हें अपने मंत्री पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए था.''
'रत्नेश सदा से अब तू तड़ाक' : दरअसल, रविवार को पटना के वेटनरी कॉलेज के ग्राउंड में भीम संसद का आयोजन किया गया था. इस दौरान सीएम नीतीश ने रत्नेश सदा को लेकर जिस तरह से बयान दिया उसी बयान को एडिट करके जीतन राम मांजी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर ट्वीट कर दिया.
मांझी की नसीहत : मंत्री रत्नेश सदा को नसीहत देते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि 'मुझे गाली दी दो रत्नेश जी सीएम नीतीश के पक्ष में खड़े हो गए. देखिए पक्ष लेने का नतीजा'. जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार को 'गालीबाज' की संज्ञा देकर अपनी हर बेइज्जती का करारा जवाब जनता द्वारा दिए जाने की बात कही है.
क्या है मामला : दरअसल, बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान नीतीश ने जीतन राम मांझी को लेकर तू तड़ाक की भाषा का इस्तेमाल किया. मांझी जातीय गणना को काल्पनिक बता रहे थे, जिसपर नीतीश ने कह दिया कि मेरी मूर्खता की वजह से ये सीएम बने थे. लेकिन मेरी पार्टी का इनके खिलाफ विरोध उठने के चलते इन्हें हटा दिया था. मांझी ने अपने साथ हुए बुरा बर्ताव पर सदन में हंगामा भी किया. और नीतीश के इस्तीफे की मांग की थी.
भीम संसद का मकसद : जेडीयू ने 26 नवंबर को पटना में भीम संसद का आयोजन किया था. इसका मकसद एससी एसटी वोटों में अपनी उपस्थिति को बरकरार रखने का था. यही वजह है कि बड़ी संख्या में इस समाज के लोग भी यहां पर जुटे थे. सीएम नीतीश इतनी भारी भीड़ देखकर खासे उत्साहित नजर आए. 2024 में इस वोट बैंक पर अब सबकी नजर है.
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