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नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला तो मैंने अपनी सरकार में ही ले लिया था पर उस वक्त नीतीश कुमार ने उस फैसले को गलत बताकर रद्द कर दिया था।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) December 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
नियोजित शिक्षको को राज्यकर्मी का दर्जा देकर आज एक बार फिर CM ने बता दिया कि मेरा हर फैसला राज्यहित में था।
“क्रेडिटखोर” CM
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— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) December 26, 2023
नियोजित शिक्षको को राज्यकर्मी का दर्जा देकर आज एक बार फिर CM ने बता दिया कि मेरा हर फैसला राज्यहित में था।
“क्रेडिटखोर” CMनियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला तो मैंने अपनी सरकार में ही ले लिया था पर उस वक्त नीतीश कुमार ने उस फैसले को गलत बताकर रद्द कर दिया था।
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नियोजित शिक्षको को राज्यकर्मी का दर्जा देकर आज एक बार फिर CM ने बता दिया कि मेरा हर फैसला राज्यहित में था।
“क्रेडिटखोर” CM
पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नियोजित शिक्षकों को सरकारी टीचर बनाने के फैसले पर नीतीश पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब वो खुद सीएम थे तब उन्होंने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में उन्हें सरकारी करने के लिए फैसला लिया था. लेकिन उस फैसले को नीतीश सरकार ने ही रद्द कर दिया था. उस समय नीतीश ने बताया था कि ये फैसला गलत है. लेकिन जिस तरह से आज नियोजित शिक्षकों के पक्ष में कैबिनेट ने मुहर लगाई है, उससे ये साबित हो गया कि उनका हर फैसला राज्य के हित में था.
''नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला तो मैंने अपनी सरकार में ही ले लिया था, पर उस वक्त नीतीश कुमार ने उस फैसले को गलत बताकर रद्द कर दिया था. नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देकर आज एक बार फिर CM ने बता दिया कि मेरा हर फैसला राज्यहित में था.''- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
नियोजित शिक्षकों के राज्यकर्मी बनने का रास्ता साफ : बता दें कि मंगलवार को बिहार सरकार की नीतीश कैबिनेट ने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में बड़ा फैसला लिया है. कैबिनेट ने नियोजित शिक्षक नियमावली 2023 को मंजूरी देकर सभी को राज्यकर्मी बनाने का रास्ता तैयार कर लिया है. नयी नियमावली के तहत अब नियोजित शिक्षक विशिष्ठ शिक्षक कहे जाएंगे.
विशिष्ठ शिक्षकों को देनी होगी परीक्षा : राज्यकर्मी शिक्षक बनने के लिए या कहें कि बीपीएससी शिक्षकों के बराबर वेतनमान पाने के लिए उन्हें विभागीय परीक्षा निकालनी होगी. उसके लिए तीन बार मौका विभाग की ओर से दिया जाएगा. जो शिक्षक इस परीक्षा को पास कर लेंगे उनके वेतन में सभी राजकीय भत्ते देय हो जाएंगे. पास होने वाले विशिष्ठ शिक्षकों का वेतन बढ़ जाएगा.
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