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BJP के बाद अब मांझी हुए मुखर, पूछा- CM नीतीश ने शराबबंदी को क्यों बना रखा है प्रतिष्ठा का सवाल?

बिहार में लागू शराबबंदी कानून सीएम नीतीश के गले की फांस बनती जा रही है. विपक्ष, भाजपा और सत्ता में शामिल दल अब खुलेआम इसका विरोध कर रहे हैं. पूर्व सीएम जीतनराम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi ) ने सवाल उठाते हुए कहा कि कृषि कानून वापस हो सकते हैं, तो शराबबंदी पर विचार क्यों नहीं हो सकता है. पढ़ें पूरी खबर..

Former CM Jitan Ram Manjhi
Former CM Jitan Ram Manjhi
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Published : Jan 15, 2022, 11:05 PM IST

पटनाः बिहार के नालंदा में 8 लोगों की संदिग्ध मौत (8 people death in Nalanda) जाने के बाद इसकी चिंगारी शराबबंदी पर उठने लगी है. आशंका जताई जा रही है कि ये मौतें जहरीली शराब पीने से ही हुई है. शराबबंदी कानून को लेकर विपक्ष के साथ भाजपा तो सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर थी ही, अब बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी भी इस मुद्दे पर मुखर हो गए हैं.

इसे भी पढ़ें- नालंदा में 8 लोगों की संदिग्ध मौत, 2 की हालत गंभीर, परिजनों ने कहा- 'शराब पीने से गई जान'

पूर्व सीएम ने कहा कि नीतीश कुमार को इसपर समझना, सोचना और विचार करना चाहिए. जब पीएम मोदी कृषि कानून को वापस ले सकते हैं, तो आप इसपर विचार क्यों नहीं कर सकते. मांझी ने कहा कि शराबबंदी पर मैं इतनी बार बोल चूका हूं कि अब बोलना बेईमानी लगती है. नालंदा में शराब से लोगों की मौतें हुई हैं. इससे पहले भी मौत हो चुकी है. अगर इस मुद्दे पर वे कुछ बोलेंगे तो भाजपा और अन्य लोग दूसरे तरीके से समझ जाते हैं. लेकिन सीएम नीतीश कुमार इसे प्रतिष्ठा का सवाल बना लिए हैं.

मांझी ने कहा कि पहले गोपालगंज में लोगों की मौतें हुईं और अब नालंदा में हुई हैं. शराब बनाने में लोग केमिकल का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में जो कमजोर वर्ग के लोग शराब पीने का अभ्यस्त हैं, और खाना नहीं मिलता हैतो वे मरेगा ही. पूर्व सीएम ने फिर से गुजरात का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पहले से ही शराबबंदी लागू है.

इसे भी पढ़ें- Bihar Corona Update: बीते 24 घंटे में मिले 6325 नए मरीज, 4 की मौत, मरने वालों को थी अन्य बीमारियां

गुजरात महात्मा गांधी का जन्मस्थल है. गुजरात की तरह ही बिहार में भी शराबबंदी का मॉडल लागू होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सेना के हजारों जवान शराब पीते हैं. हमने भी कहा कि रात के 10 बजे के बाद सोने के समय बड़े-बड़े लोग शराब का सेवन कर रहे हैं, उन्हें कौन जान रहा है?

जो गरीब तबके के लोग हैं, वे शराब पी रहे हैं तो पुलिस उन्हें पकड़ रही है. 1991 शराब नीति में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति शराब पीकर सार्वजनिक स्थान पर नही जा सकता है न किसी से झगड़ा कर सकता है. अब तो सुप्रीम कोर्ट भी कह रही है कि जमानत का नंबर आने में ही समय लग जा रहा है.

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पटनाः बिहार के नालंदा में 8 लोगों की संदिग्ध मौत (8 people death in Nalanda) जाने के बाद इसकी चिंगारी शराबबंदी पर उठने लगी है. आशंका जताई जा रही है कि ये मौतें जहरीली शराब पीने से ही हुई है. शराबबंदी कानून को लेकर विपक्ष के साथ भाजपा तो सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर थी ही, अब बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी भी इस मुद्दे पर मुखर हो गए हैं.

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पूर्व सीएम ने कहा कि नीतीश कुमार को इसपर समझना, सोचना और विचार करना चाहिए. जब पीएम मोदी कृषि कानून को वापस ले सकते हैं, तो आप इसपर विचार क्यों नहीं कर सकते. मांझी ने कहा कि शराबबंदी पर मैं इतनी बार बोल चूका हूं कि अब बोलना बेईमानी लगती है. नालंदा में शराब से लोगों की मौतें हुई हैं. इससे पहले भी मौत हो चुकी है. अगर इस मुद्दे पर वे कुछ बोलेंगे तो भाजपा और अन्य लोग दूसरे तरीके से समझ जाते हैं. लेकिन सीएम नीतीश कुमार इसे प्रतिष्ठा का सवाल बना लिए हैं.

मांझी ने कहा कि पहले गोपालगंज में लोगों की मौतें हुईं और अब नालंदा में हुई हैं. शराब बनाने में लोग केमिकल का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में जो कमजोर वर्ग के लोग शराब पीने का अभ्यस्त हैं, और खाना नहीं मिलता हैतो वे मरेगा ही. पूर्व सीएम ने फिर से गुजरात का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पहले से ही शराबबंदी लागू है.

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गुजरात महात्मा गांधी का जन्मस्थल है. गुजरात की तरह ही बिहार में भी शराबबंदी का मॉडल लागू होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सेना के हजारों जवान शराब पीते हैं. हमने भी कहा कि रात के 10 बजे के बाद सोने के समय बड़े-बड़े लोग शराब का सेवन कर रहे हैं, उन्हें कौन जान रहा है?

जो गरीब तबके के लोग हैं, वे शराब पी रहे हैं तो पुलिस उन्हें पकड़ रही है. 1991 शराब नीति में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति शराब पीकर सार्वजनिक स्थान पर नही जा सकता है न किसी से झगड़ा कर सकता है. अब तो सुप्रीम कोर्ट भी कह रही है कि जमानत का नंबर आने में ही समय लग जा रहा है.

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