सीवान: जिले की दरौंदा विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है. इसे लेकर चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. आरोप-प्रत्यारोप के दौर भी चलने लगे हैं. इसी बीच सीवान बीजेपी जेडीयू गठबंधन के कद्दावर और पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव ने अपने ही गठबंधन के नेता अजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
पूर्व सांसद ने कहा है कि नीतीश कुमार अजय सिंह को टिकट देकर नेता नहीं बल्कि दूसरा शहाबुद्दीन बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने अजय सिंह पर अपराधी होने का आरोप लगाया है. वे बोले कि ये बात नीतीश भी जानते हैं. इसी वजह से लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी को टिकट मिला था. ओमप्रकाश यादव ने पूछा कि अब ऐसी क्या मजबूरी आ गई है कि अजय सिंह को दरौंदा उपचुनाव के लिए विधानसभा का टिकट देना पड़ रहा है?
'जहर खा लूंगा लेकिन JDU कैंडिडेट का समर्थन नहीं करुंगा'
बता दें कि सीवान में होने वाले दरौंदा विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव में जेडीयू द्वारा सीवान सांसद कविता सिंह के पति अजय सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने की प्रबल संभावना है. इसपर सीवान के पूर्व बीजेपी सांसद ओमप्रकाश यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सवाल के घेरे में खड़ा कर दिया है. सांसद ने मीडिया में बयान दिया कि अजय सिंह एक अपराधी हैं. अगर नीतीश उन्हें टिकट देगें तो वे जहर खाकर मरना पसन्द करेंगे, लेकिन चुनाव में अजय सिंह की मदद नहीं करेंगे.
जेल में रहते मां को जिताया विधायक चुनाव
सीवान में जेडीयू द्वारा बाहुबली-2 के नाम से चर्चित अजय सिंह को टिकट दिया जाना तय माना जा रहा है. जानकारी के अनुसार वे करीब 25 आपराधिक मामलों में आरोपी हैं. शहाबुद्दीन की तरह अजय सिंह की जनप्रतिनिधि बनने की ख्वाहिश हमेशा से रही है. उन्होंने जेल में रहते हुए अपनी मां जगमातो देवी को रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ाकर विधायक भी बनाया था.
JDU विधायक रहीं अजय सिंह की मां
इसके बाद नीतीश कुमार की नजर में आए अजय सिंह मुख्यमंत्री के काफी करीबी माने जाने लगे. नतीजतन 2005 के विस चुनाव में जेडीयू ने जगमातो देवी को रघुनाथपुर से टिकट देकर विधायक बनाया. फिर नए परिसीमन में दरौंदा के राजपूत बहुल क्षेत्र हो जाने के कारण 2010 में जगमातो देवी दरौंदा की जेडीयू विधायक बनी.
मां के निधन के बाद पत्नी बनीं विधायक
2011 में जगमातो देवी के निधन के बाद अजय सिंह को उनपर दर्ज मुकदमों की वजह से नीतीश कुमार ने उन्हें टिकट न देकर कविता सिंह को टिकट देने की बात कही, जिसके बाद अजय सिंह ने आनन-फानन में पितृपक्ष में ही कविता सिंह से शादी रचाई और फिर जेडीयू के उपचुनाव लड़ कविता सिंह अपनी सास की सीट पर काबिज हुईं. पत्नी के विधायक बनने के बाद भी अजय सिंह की खुद की जनप्रतिनिधि बनने की चाहत खत्म नहीं हुई.
विधायक पत्नी ऐसे बनीं JDU सांसद
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के सीट बंटवारे में सीवान संसदीय सीट जेडीयू के पाले में चली गई, जिसके बाद अजय सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर टिकट के लिए दबाव बनाने लगे. एक बार तो जेडीयू की तरफ से अजय सिंह को टिकट दिए जाने की घोषणा भी कर दी गयी, लेकिन सीवान के सीटिंग बीजेपी सांसद ओमप्रकाश यादव द्वारा अजय सिंह की आपराधिक छवि को लेकर जताई गई आपत्ति के बाद जेडीयू ने टिकट उन्हें न देकर उनकी विधायक पत्नी कविता सिंह को अपना उम्मीदवार बना दिया.
कविता सिंह के लोस उम्मीदवार बनने के बाद राजपूत बिरादरी के एक अन्य दबंग और जनप्रतिनिधि बनने की ख्वाहिश रखने वाले पूर्व विधान परिषद प्रत्याशी और सीवान नगर परिषद के उपसभापति रह चुके बीजेपी नेता कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह की ख्वाहिशें फिर से प्रबल हो उठीं. लिहाजा उन्होंने लोकसभा चुनाव में तन, मन और धन तीनों से खुलकर अजय सिंह का सपोर्ट किया और कविता सिंह को सांसद बनाने में मदद की.
कविता सिंह को जिताने वाला निर्दलीय लड़ेगा चुनाव!
दरौंदा विस से टिकट मिलने की गरज में कर्णजीत सिंह ने अपने आवास को लोस चुनाव के दौरान अजय सिंह के जिला मुख्यालय का प्रवास केंद्र बना डाला था. उन्हें पूरा यकीन था कि इस मदद की भरपाई अजय सिंह उन्हें एनडीए की ओर से टिकट दिलाने में मदद करेंगे, लेकिन अजय सिंह को टिकट मिलने की चर्चाओं ने कर्णजीत सिंह के मंसूबो पर पानी फेर दिया. बहरहाल, कर्णजीत सिंह भी दरौंदा की सीट पर खुद को काबिज करने के लिए इतने लालायित हो चुके हैं कि उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है.
नीतीश अजय सिंह को बनाना चाहते हैं नया शहाबुद्दीन- पूर्व सांसद
वहीं, टिकट बंटवारे के कारण अपनी गद्दी गवाने के बाद बेटे चन्द्रविजय प्रकाश उर्फ हैप्पी यादव को दरौंदा विस से चुनाव लड़ाने के सपने संजोने वाले पूर्व बीजेपी सांसद ओमप्रकाश यादव ने अजय सिंह को अपराधी बताते हुए इस उपचुनाव से खुद को अलग रखने का ऐलान कर दिया है. ओमप्रकाश यादव की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अजय सिंह को सीवान का नया शहाबुद्दीन बनाना चाहते हैं.