पटना: बिहार में कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए रविवार को बिहार कुश्ती संघ भारतीय पद्धति (Bihar Wrestling Federation Indian System) का गठन किया गया. जिसमें बिहार के पूर्व मंत्री ददन यादव (Former Minister Dadan Yadav) उर्फ ददन पहलवान को अध्यक्ष और कामेश्वर सिंह को महासचिव मनोनीत किया गया. इस दौरान देश और प्रदेश के दिग्गज पहलवान मौजूद रहे.
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बिहार कुश्ती संघ भारतीय पद्धति का अध्यक्ष मनोनीत किये जाने पर पूर्व मंत्री ददन यादव ने कहा कि उन्होंने बीड़ा उठाया है कि वह बिहार में विलुप्त हो रही भारतीय पद्धति की कुश्ती कला को पुनः जीवित करेंगे. इसके लिए अपनी पूरी ऊर्जा लगाकर कार्य करेंगे. इस कला को आगे बढ़ाने के लिए जो भी सरकारी मदद मिलती है, उसे गांव-गांव तक पहुंचाने का काम करेंगे. प्रत्येक जिले के प्रत्येक गांव में 1 अखाड़ा बनाना उनका उद्देश्य है ताकि पहलवानों को प्रैक्टिस करने की उचित जगह मिले.
ददन पहलवान ने कहा कि कुश्ती के बहुत सारे फायदे हैं. इससे शरीर फिट रहती है और सरकारी नौकरियों में भी कुश्ती खिलाड़ियों को अलग से मौका है. आज देश में कई कुश्ती के पहलवान सरकारी अधिकारी और रेलवे में क्लास वन और टू की नौकरी कर रहे हैं. जिसमें सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, नरसिंह यादव, गीता फोगाट और साक्षी मलिक आदि हैं.
वहीं, भारतीय कुश्ती महासंघ के राष्ट्रीय चेयरमैन महाबली रामाश्रय पहलवान ने कहा कि बिहार में कुश्ती के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं. हरियाणा की तरह यहां से बेहतरीन पहलवान निकल सकते हैं. पूर्व में बिहार से कई बड़े-बड़े पहलवान निकले हैं. उन्होंने कहा कि कुश्ती को अगर बढ़ावा दिया जाए तो बेरोजगारी भी काफी हद तक दूर होगी और बिहार में कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए उनसे जितना कुछ हो पाएगा वह अपनी पूरी मदद करेंगे.
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