पटनाः कोरोना महामारी ( Corona Pandemic ) के कारण बंद किए गए स्कूलों और अन्य शिक्षण संस्थानों को अब तक नहीं खोला गया है. सरकार के आदेश के बाद केवल राजधानी पटना (Patna) के एक हजार से 1200 की संख्या में निजी विद्यालय ( Private School ) बंद हो चुके हैं. पिछले साल से ही स्कूलों को बंद रखने के कारण शिक्षकों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.
इसे भी पढ़ेंः बोले मुकेश सहनी- 'NDA के साथीगण अनावश्यक बयानबाजी छोड़ 19 लाख रोजगार के वादा पर काम करें'
निजी स्कूल संचालकों की कमर टूटी
प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन ( Private School And Children Welfare Association ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने बताया कि पिछले 15 महीनों से विद्यालय पूरी तरीके से बंद है. अभिभावकों के द्वारा फीस जमा नहीं किए जाने के कारण शिक्षकों को भी वेतन नहीं मिल पा रहा है. जबकि वे छात्रों के हित में ऑनलाइन स्टडी ( Online Study ) पर जोर दे रहे हैं.
"पटना में किराए पर चल रहे स्कूल संचालकों के सामने मकान का किराया देने की चुनौती है. एक साल से अधिक समय से स्कूलों के बंद होने और किराया नहीं देने पर मकान मालिकों के द्वारा मकान खाली करने का दबाव बनाया जा रहा है. स्थिति अगर यही रही तो आने वाले दिनों में बिहार में अनगिनत संख्या में स्कूल बंद होते चले जाएंगे. -शमायल अहमद, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन
अकेले पटना में बंद हुए 1200 स्कूल
शमायल अहमद ने आगे बताया कि राजधानी पटना में करीब 25000 निजी विद्यालय हैं और पांच से सात लाख टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ इससे जुड़े हुए हैं. कोरोना काल में बिहार में करीब 5000 विद्यालय बंद हो चुके हैं. अकेले राजधानी पटना में एक हजार से 1200 की संख्या में विद्यालय बंद हो चुके हैं. लगभग 95% प्ले और नर्सरी स्कूल बंद हो गए. इनके खुलने की उम्मीदें काफी कम है.
आशियाना स्थित वेस्ट प्वाइंट प्राइमरी स्कूल, अनिशाबाद स्थित ग्लोबल पब्लिक स्कूल, दानापुर स्थित 50 वर्ष पुराना विद्यालय संत स्टीफेंस हाई स्कूल सहित कई विद्यालय बंद हो गए. लाखों की संख्या में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ बेरोजगार हो गए हैं. करीब 2 लाख से अधिक बच्चे विद्यालय बंद होने के कारण बाहर हो गए.
इसे भी पढ़ेंः रोहतास: सड़क पर उतरे निजी स्कूल के संचालक, कहा- कोरोना के नाम पर स्कूल को टारगेट करना बंद करे सरकार
पीएम और सीएम को कई बार लिखा पत्र
शिक्षकों और संचालकों की दयनीय स्थिति को देखते हुए कई बार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन सरकार ने इस दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की. निजी स्कूल शिक्षिका फौजिया खान ने बताया कि वेतन नहीं मिलने के कारण सबसे बड़ी समस्या ये हो गई है कि उनका घर कैसे चलेगा? तमाम निजी शिक्षकों के हित में प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने सरकार से इस मुश्किल वक्त में मदद की गुहार लगाई है.