पटनाः बिहार विधानमंडल (Bihar Legislature) का मानसून सत्र (Monsoon Seassion) सोमवार से शुरू हो गया है. सत्र की शुरुआत विधानसभा अध्यक्ष के संबोधन से हुआ. मानसून सत्र के दौरान पेश होने वाले 7 विधेयकों के बारे में जानकारी दी गई. इसके बाद शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. सत्र के पहले दिन ही तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) काफी फॉर्म में दिखे. वे लगातार विधासभा अध्यक्ष से प्रस्ताव पेश करने की अनुमति मांगते रहे, लेकिन इसे मंगलवार तक के लिए टाल दिया गया.
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विधानसभा के पिछले सत्र के दौरान विधायकों के साथ बदसलूकी और मारपीट का भी मुद्दा छाया रहा, एक तरह जहां विपक्ष इसे भुनाने में लगा था, वहीं एनडीए के विधायकों ने भी घटना में दोषी विपक्षी सदस्यों पर कार्रवाई की मांग की. दूसरी तरफ एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में वीआईपी के नदारद रहने से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी रही.
मानसून सत्र का पहला दिन काफी गहमागहमी भरा रहा. सदन की कार्यवाही के दौरान सिर्फ आवश्यक कार्य ही निपटाए गए. तेजस्वी यादव के द्वारा दो प्रस्ताव लाने की मांग को अनुमति नहीं मिली. आज कोई प्रश्नकाल भी नहीं हुआ और न ही ध्यानकर्षण.
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उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने अनुपूरक व्यय विवरणी 2021-22 के लिये प्रस्तावित 3,27,050 करोड़ से अधिक की राशि सदन के पटल पर रखी. वहीं, विधानसभा सचिव ने मानसून सत्र के दौरान पेश होने वाले 7 विधेयकों की जानकारी दी. इसमें विश्वविद्यालय से संबंधित तीन महत्वपूर्ण विधेयक भी शामिल हैं.
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पीठासीन अधिकारियों के नाम की घोषणा की. शोक प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
"एनडीए विधायक दल की बैठक में मानसून सत्र को लेकर रणनीति बनी है. विपक्ष के द्वारा लगातार फैलाए जा रहे झूठ को लेकर भी चर्चा हुई कि क्या कुछ करना है. बैठक में वीआईपी शामिल नहीं हो सकी, इसके पीछे उनकी कोई वजह रही होगी."- संजय सरावगी, भाजपा विधायक
"आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के नेता बजट सत्र में मारपीट की घटना को लेकर की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं. इस मामले में निचले स्तर के दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया, जबकि हम मामले में सम्मिलित बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई चाहते हैं. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री भी सदन में सदस्यों से माफी मांगें."- प्रतिमा कुमारी, विधायक, कांग्रेस
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