पटना: 30 अक्टूबर को आज छठ पूजा का पहला अर्घ्य है. (Chhath Puja 2022) अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को शाम के वक्त अर्घ्य देने की तैयारी चल रही है. इस दौरान सूर्य मंत्र (Chhath Puja Surya Arghya Mantra) का जाप करना न भूलें. इन मंत्रों के उच्चारण से छठी मईया प्रसन्न होती हैं. मनोकामना पूर्ति के लिए ये जाप काफी अहम हैं.
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कहते हैं कि छठ का व्रत महिलाएं संतान के लिए रखती हैं. जिन दांपत्य के घर संतान नहीं होती. वे छठ का व्रत रख छठी मईया से संतान प्राप्ति की इच्छा प्रकट करते हैं और मईया उनकी इच्छा जल्द ही पूरी भी करती है. इस व्रत में सूर्य देवता का विधिवत तरीके से व्रत रखा जाता है. 36 घंटे निर्जला व्रत रखने के बाद उगते सूरज को अर्घ्य देने के बाद सूर्य भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है और छठी मईया की आरती की जाती है
अर्घ्य देते समय सूर्य अर्घ्य मंत्र:
ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ऊँ सूर्याय नम:
ऊँ आदित्याय नम:
ऊँ नमो भास्कराय नम:
अर्घ्य समर्पयामि।
31 अक्टूबर को पटना में सूर्योदय का समय 5 बजकर 57 मिनट है. वहीं 30 अक्टूबर को सूर्यास्त का समय 5 बजकर 10 मिनट है. अर्घ्य देने के समय इन बातों का खास ख्याल रखें, बांस की टोकरी में सभी सामान रखें. सूर्य को अर्घ्य देते समय सारा प्रसाद सूप में रखें और सूप में ही दीपक जलाएं. फिर नदी में उतरकर सूर्य देव को अर्घ्य दें.
अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य (First Arghya Of Chhath Puja) आज दिया जाना है. छठ महापर्व (Chhath Puja 2022 In Bihar) में संध्याकालीन अर्घ्य की विशेष महत्ता है. माना जाता है कि सूर्य षष्ठी यानी कि छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के वक्त सूर्यदेव अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं. इसलिए संध्या अर्घ्य देने से प्रत्यूषा को अर्घ्य प्राप्त होता है. सूर्य देवता के मंत्रों से लाभ दोगुना होता है.
बता दें कि चार दिवसीय महापर्व छठ 28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाय के साथ ही शुरू हुआ और 30 अक्टूबर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य देने के साथ 31 अक्टूबर सोमवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके साथ ही छठ पूजा 2022 का समापन हो जाएगा.