पटनाः नए कृषि कानून के विरोध में मंगलवार को विपक्षी दल के नेताओं ने प्रदर्शन किया. इस दौरान बंद समर्थकों ने राजधानी के डाकबंगला चौराहा पर कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए जमकर उत्पात मचाया. इस पर एक्शन लेते हुए जिला प्रशासन इन नेताओं और उनके समर्थकों पर एफआईआर दर्ज करने की तैयारी शुरू कर चुका है.
नहीं किया गया कोरोना गाइडलाइन को फॉलो
किसान संगठन के भारत बंद के समर्थन में डाकबंगला चौराहे पर विपक्ष के नेताओं ने जमकर उत्पात मचाया. आरजेडी, जन अधिकार पार्टी और वाम दल के समर्थकों ने डाक बंगला चौराहे से आने जाने वाली गाड़ियों के छत पर चढ़कर प्रदर्शन किया. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने वहां लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पोस्टर को फाड़ डाला. इस दौरान कोरोना संक्रमण के गाइडलाइन को भी फॉलो नहीं किया गया. कई प्रदर्शनकारियों ने न मास्क पहना था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था.
"उत्पात मचाने वाले बंद समर्थकों और करोना गाइडलाइन फॉलो नहीं करने वालों पर एपीडेमिक आपीसी धारा 188 के तहत कार्यवाई की जाएगी. डाक बंगला चौराहा कोई धरना स्थल नहीं है यहां प्रदर्शन करने वाले नेताओं पर जिला प्रशासन कार्रवाई करेगा."- नितिन कुमार सिंह, एसडीओ, पटना
एफआईआर दर्ज करने की कवायद शुरू
नितिन कुमार सिंह ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान वीडियो ग्राफी कराई गई है. इसके आधार पर नेताओं को चिन्हित करके उनके ऊपर एफआईआर दर्ज करने की कवायद शुरू कर दी गई है. सभी प्रदर्शनकारियों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि जन अधिकार प्रमुख पप्पू यादव और आरजेडी के कई विधायक और प्रवक्ता पर एफआईआर दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी गई है.