पटना: मसौढी के किसान एक बार फिर से हताश और परेशान हो चुके हैं. किसानों की मेहनत पर पानी फिरने वाला है. दरअसल प्रखंड के नूरा पंचायत के भखरा गांव में किसानों के खेत में धान की तैयार फसल कुछ दिन के बाद अब कटने ही वाली थी कि इसी बीच हरदा रोग लग जाने से धान की सारी फसल नष्ट होने के कगार पर पहुंच गई है.
दवा के छिड़काव के बाद भी कीटों का आतंक: हरदा रोग लग जाने से किसान काफी परेशान हैं, बाकरा गांव के गोविंद पासवान, रीता पासवान, भूषण पासवान, मंटू पासवान, विजय सिंह आदि किसानों ने कहा कि इसको लेकर कई बार दवा का छिड़काव भी किया गया था, लेकिन कीटों का आतंक लगातार जारी है. धान में लगा हरदा रोग कमने का नाम नहीं ले रहा है.
खेती से पहले बीज का उपचार करने की हिदायत: इस पूरे मामले में प्रखंड कृषि कार्यालय के नोडल पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने बताया कि किसानों को खेती करने से पहले बीज का उपचार कर ही खेतों में बीज लगाने की हिदायत दी जाती है, लेकिन कई किसान सावधानियां नहीं बरतते हैं वहीं अगर अभी भी किसी फसल में कम हरदा रोग लगा है तो उसपर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर उसे बचाया जा सकता है.
"हरदा रोग बहुत तेजी से फैलता है. शुरूआत में ये दो-चार बाली में लगता है, उस वक्त ही किसान अगर उसे काट कर अलग कर दें तो इससे बचा जा सकता है. हालांकि किसान प्रखंड कृषि कार्यालय आकर मुलाकात कर सकते हैं, जरूरत पड़ेगी तो किसान सलाहकार को भी उस खेत की जांच करने के लिए भेजा जाएगा."- अजय कुमार सिंह, नोडल पदाधिकारी, प्रखंड कृषि कार्यालय
क्या है हरदा रोग: किसान विशेषज्ञों की मानें तो हरदा रोग एक ऐसा कीट है, जो धान की बाली को नष्ट कर देता है. यह धान के शीशे को क्षति पहुंचाता है, जिससे उपज घट जाती है. कृषि विभाग इसे फॉल्स स्मार्ट मॉल्ड के नाम से जानते हैं. यह रोग हवा और पानी के माध्यम से फैलता है. किसान इसे पीला, काला और हरे रंग से पहचान सकते हैं. इसके वजह से धान की बाली में लगी अनाज मोटी नहीं हो पाती है और आटे जैसा पिसकर गिर जाती है.
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