पटनाः बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है और 80% आबादी कृषि पर निर्भर है. बिहार में आषाढ़ महीने में खरीफ की खेती होती है लेकिन कम वर्षा ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. धान की बुआई तक नहीं हो पाई है और बिचड़े भी सूखे हैं. इंद्रदेव का इंतजार करते-करते बिहार के किसानों (Farmer Upset Due To Drought In Bihar) की आंखें पथरा गई हैं लेकिन अब तक इंद्र देव की कृपा नहीं बरसी है. धान की बुआई ना होना किसानों के लिए जहां चिंता का सबब है, वहीं सरकार के लिए भी संकट की स्थिति है. सरकार ने फिलहाल किसानों को डीजल सब्सिडी (Diesel Subsidy For Farmers In Bihar) देने की घोषणा की है.
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भगवान से उम्मीद लगाए बैठे हैं किसानः ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी पटना से 30 किलोमीटर दूर विक्रम प्रखंड का दौरा किया और हालात का जायजा लिया. इन इलाकों में किसान त्राहिमाम कर रहे हैं और भगवान से उम्मीद लगाए बैठे हैं. बिहार के किसानों के समक्ष अब चौतरफा संकट है किसान हर रोज इस इंतजार में खेत पर आते हैं कि शायद इंद्रदेव की मेहरबानी हो और वह फसल की बुआई का काम शुरू करें. लेकिन बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं, हालांकि बुधवार को कुछ जगहों पर हुई बारिश से किसानों को थोड़ी राहत जरूर हुई है, लेकिन ये बारिश आगे भी होगी या नहीं ये कहना मुश्किल है. अभी भी ज्यादातर इलाके सूखे की चपेट में हैं.
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"अब हमारे सामने सिर्फ बेबसी है, हर रोज काम पर आते हैं. इस इंतजार में कि इंद्रदेव की मेहरबानी होगी तो बारिश होगी. लेकिन अब तक निराशा ही हाथ लगी है और अब रोजी रोटी का संकट दिख रहा है. नहर भी सूख गया, रोपाई होगा कैसा. रोज खेत पर इस इंतजार में आते हैं कि रोपनी का काम शुरू हो और काम मिले लेकिन कोई रोजगार नहीं मिल पा रहा है. कैसे घर चलेगा, बाल बच्चा कैसे पोसाएगा इसी की चिंता है"- स्थानीय किसान
क्या बोले कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंहः वहीं, इस सिलसिले में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Minister Amarendra Pratap Singh) ने कहा कि बिहार में सूखे की स्थिति बनी हुई है और सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है. उन्होंने कहा कि अभी हम इंतजार करेंगे बारिश अगर हो जाती है तो सूखे की स्थिति नहीं आएगी. अगर सूखे की स्थिति आती है तो सरकार किसानों को सहायता देने के लिए पैकेज की घोषणा भी करेगी. इसके अलावा अगर सूखा पड़ता है तो वैसी स्थिति में आकस्मिक फसल योजना के लिए 20 करोड़ की राशि आवंटित कर दी गई है और किसानों को वैकल्पिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. साथ ही तकनीकी सहायता भी दी जाएगी.
"फिलहाल हमने डीजल सब्सिडी देने की घोषणा की है. सिंचाई के लिए डीजल अनुदान दिया जाएगा. इसके अलावा आकस्मिक फसल योजना के लिए 20 करोड़ की राशि आवंटित कर दी गई है. सूखे की स्थिति आती है तो सरकार किसानों को सहायता देने के लिए और पैकेज की घोषणा भी करेगी"- अमरेंद्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री
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बिहार के 35 जिले सूखे से प्रभावितः बता दें कि बिहार के 35 जिले सूखे से प्रभावित हैं और 18 जुलाई तक 89% वर्षा की कमी दर्ज की गई है. 18 जुलाई तक 208 मिलीमीटर वर्षा होनी चाहिए थी लेकिन अब तक मात्र 23.7 मिलीमीटर वर्षा होने की सूचना है. मौसम विभाग के मुताबिक 89% कम बारिश अब तक दर्ज की गई है, ऐसी स्थिति में दो हजार अट्ठारह में देखने को मिली थी, लेकिन गैप इतना लंबा नहीं था. वहीं, कृषि विभाग के मुताबिक 35.12 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य धान की रोपनी के लिए रखा गया था. लेकिन अब तक 8.36 हेक्टेयर भूमि पर धान की रोपनी ही हो पाई है. वहीं, बुधवार को बिहार में हल्की बारिश हुई है लेकिन 17 जिले में ही बारिश होने की खबर है, बाकी के जिले अभी भी सूखे की चपेट में हैं. राज्य के अंदर अब तक 22% रोपनी हो पाई है.