पटना: बिहार के पटना से सटे धनरूआ थाना क्षेत्र का सेवधा गांव के कई जगहों में इन दिनों सड़क के किनारे एक्सपायरी दवा फेंकने का (Expired medicine thrown on roadside in masaurahi) सिलसिला जारी है. स्वास्थ्य विभाग इसकी अनदेखी कर रहा है. विभाग की लापरवाही से मानव जीवन पर स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. वातावरण को भी प्रभावित करने की बात कही जा रही है.
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एनजीटी के भी नियमों का घोर उल्लंघन: धनरूआ थाना क्षेत्र का सेवधा गांव की ओर जाने वाली सड़क एक्सपायरी दवा और मेडिकल वेस्ट फेंकने वालों का एक सेफ जोन बन गया है. जहां पर सड़क के किनारे इन दिनों हजारों की संख्या में एक्सपायरी दवा फेंकी जा रही है और ना केवल एक्सपायरी दवा बल्कि मेडिकल कचरा भी फेंक दिया जा रहा है. जिसको लेकर न केवल वातावरण पर प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है. बरसात के दिनों में मिट्टी और पानी से मिलकर उससे निकलने वाली जहरीले तत्व लोगों को सेहत से खिलवाड़ कर सकता है. जिसको लेकर स्थानीय प्रशासन को गंभीरता बरतनी होगी.
"एक्सपायर दवाएं बायोमेडिकल तरीके से नष्ट किया जाना चाहिए, ऐसा नहीं करने से गंभीर बीमारियां के फैलने का खतरा होता है. दवा विक्रेताओं को जमीन में गहरा गड्ढा खोदकर एक्सपायरी दवाएं मिट्टी से ढंक देनी चाहिए, इससे बीमारी एवं प्रदूषण फैलने का खतरा नहीं होता है" - डॉक्टर सुधीर कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल
मेडिकल वेस्ट निस्तारण के नियम: नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि मेडिकल वेस्ट निस्तारण को लेकर सरकार ने कई नियम बनाए हैं. जिसको लेकर पटना में आईजीआईएमएस अस्पताल में कचरा निस्तारण के लिए सेंटर बनाया गया है. सभी नर्सिंग होम और अस्पताल से कचरा को संग्रहण किया जा रहा है.