पटना: सीएए और एनपीआर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार आने वाले हैं. इसको लेकर अब प्रदेश में सियासत तेज है. लगातार विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है, ऐसे में उसे विशेषज्ञों का भी साथ मिलता दिख रहा है.
समाजशास्त्री और एएन सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. डीएम दिवाकर की मानें तो बीजेपी अब डर गई है. उनका कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून के लिए सबसे पहले असम के लोगों को समझाने की जरूरत है क्योंकि ये आग वहीं से भड़की. अमित शाह को पहले असम जाना चाहिए.
क्या डर गई है केंद्र सरकार ?
प्रो. डीएम दिवाकर का कहना है कि जिस तरह से एनपीआर और सीएए का देशव्यापी विरोध हो रहा है, उससे केंद्र सरकार डर गई है. उन्हें अपने वोट बैंक की चिंता है इसलिए अन्य राज्यों में घूम-घूमकर जागरुकता फैलाई जा रही है. उन्होंने साफ कहा है कि बीजेपी इस कानून का राजनीतिक प्रयोग कर रही है.
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'असल मुद्दों से जनता को गुमराह कर रही बीजेपी'
समाजशास्त्री दिवाकर का मानना है कि अमित शाह का बिहार या अन्य राज्य में आना और असम नहीं जाना, इन सभी बातों से बीजेपी का डर और उनकी नीति दिखती है. बीजेपी देश के मूल मुद्दों से जनता को भटकाने के लिए एनआरसी, एनपीआर या सीएए जैसे मुद्दे उठा रही है.