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'केन्द्र का पैकेज राहत नहीं लोन है, पहला हक गरीब मजदूरों का होना चाहिए'

ईटीवी भारत से खास बातचीत में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि वर्तमान सरकार सिर्फ मनमानी कर रही है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार विपक्ष की बात सुनना ही नहीं चाहती.

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Published : May 19, 2020, 5:48 PM IST

Updated : May 19, 2020, 5:57 PM IST

ईटीवी भारत Exclusive
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नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि केन्द्र सरकार जिस 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की बात कर रही है वह राहत नहीं लोन है. ईटीवी भारत के रिजनल एडिटर ब्रज मोहन सिंह से बात करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने जो पैसा दिया है. उसपर सबसे पहला हक गरीब, मजदूर और श्रमिकों का है.

गोहिल ने कहा, 'इस सरकार ने मनमानी करने की ठान रखी है और विपक्ष की किसी बात को भी वह सुनना नहीं चाहती. मोदी सरकार पर विपक्ष की अनदेखी का अरोप लगाते हुए गोहिल ने कहा कि जब मनमानी करने का पानी सिर से ऊपर चला जाता है, तब हम रेड लाइट दिखाने का काम करते हैं.'

डिजिटल चैट पर शक्ति सिंह गोहिल

बीजेपी काम नहीं करना चाहती- गोहिल
मजदूरों को देर से भेजने और सरकार की नीतियों को लेकर गोहिल ने कहा कि अगर सरकार गरीब मजदूरों को लेकर ईमानदार रहती, तो किसान 4 दिनों के भीतर अपने घर पहुंच गए होते. हम लोग श्रमिकों के हितों की बात करते हैं. यूपी के बसों की राजनीति को लेकर गोहिल ने कहा कि कांग्रेस ने किसी तरह की प्रेस वार्ता नहीं की थी. लेकिन बीजेपी को काम ही काम न करना है. उन्होंने कहा कि हम काम करना चाहते हैं. लेकिन बीजेपी का मकसद है कि वह काम करती नहीं है और हमे काम करने भी नहीं दे रही है.

'नीतीश कुमार ने बर्बाद कर दिया समय'
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि गुजरात में भाजपा की चल रही सरकार जनता पर ध्यान देने के बजाय कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने के काम में जुटी है. वहां टेस्ट भी तेजी से नहीं करवाया जा रहा है और अब प्राइवेट में टेस्ट करवाने पर भी रोक लगा दी गई है. बिहार की नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होने कहा कि कोरोना से निपटने के नाम पर वहां समय बार्बाद किया गया और सरकारी खानापूर्ति की गयी. उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की जनता से अच्छे दिन का वादा किया था लेकिन आज बिहार में हालात इतने बिगड गए हैं कि वे लोग बधुंआ मजदूर बनने को मजबूर हैं.

चुनाव और राजनीति बाद में- गोहिल
बिहार में चुनाव के सवाल पर उन्होने कहा कि हम चुनाव मोड में काम पर थे लेकिन कोरोना के समय में हमारा पूरा ध्यान लोगों की बेहतरी और उनके स्वास्थ्य को लेकर है. गोहिल ने कहा कि हम केन्द्र सरकर की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं लेकिन अभी जो देश के हालात हैं उसमें हम लोगों की सुविधा और स्वास्थ्य को लेकर राजनीति नहीं करना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि भारत का हर नागरिक कोराना मुक्त रहे और इसके लिए सरकार को तेजी से काम करना चाहिए.

नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि केन्द्र सरकार जिस 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की बात कर रही है वह राहत नहीं लोन है. ईटीवी भारत के रिजनल एडिटर ब्रज मोहन सिंह से बात करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने जो पैसा दिया है. उसपर सबसे पहला हक गरीब, मजदूर और श्रमिकों का है.

गोहिल ने कहा, 'इस सरकार ने मनमानी करने की ठान रखी है और विपक्ष की किसी बात को भी वह सुनना नहीं चाहती. मोदी सरकार पर विपक्ष की अनदेखी का अरोप लगाते हुए गोहिल ने कहा कि जब मनमानी करने का पानी सिर से ऊपर चला जाता है, तब हम रेड लाइट दिखाने का काम करते हैं.'

डिजिटल चैट पर शक्ति सिंह गोहिल

बीजेपी काम नहीं करना चाहती- गोहिल
मजदूरों को देर से भेजने और सरकार की नीतियों को लेकर गोहिल ने कहा कि अगर सरकार गरीब मजदूरों को लेकर ईमानदार रहती, तो किसान 4 दिनों के भीतर अपने घर पहुंच गए होते. हम लोग श्रमिकों के हितों की बात करते हैं. यूपी के बसों की राजनीति को लेकर गोहिल ने कहा कि कांग्रेस ने किसी तरह की प्रेस वार्ता नहीं की थी. लेकिन बीजेपी को काम ही काम न करना है. उन्होंने कहा कि हम काम करना चाहते हैं. लेकिन बीजेपी का मकसद है कि वह काम करती नहीं है और हमे काम करने भी नहीं दे रही है.

'नीतीश कुमार ने बर्बाद कर दिया समय'
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि गुजरात में भाजपा की चल रही सरकार जनता पर ध्यान देने के बजाय कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने के काम में जुटी है. वहां टेस्ट भी तेजी से नहीं करवाया जा रहा है और अब प्राइवेट में टेस्ट करवाने पर भी रोक लगा दी गई है. बिहार की नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होने कहा कि कोरोना से निपटने के नाम पर वहां समय बार्बाद किया गया और सरकारी खानापूर्ति की गयी. उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की जनता से अच्छे दिन का वादा किया था लेकिन आज बिहार में हालात इतने बिगड गए हैं कि वे लोग बधुंआ मजदूर बनने को मजबूर हैं.

चुनाव और राजनीति बाद में- गोहिल
बिहार में चुनाव के सवाल पर उन्होने कहा कि हम चुनाव मोड में काम पर थे लेकिन कोरोना के समय में हमारा पूरा ध्यान लोगों की बेहतरी और उनके स्वास्थ्य को लेकर है. गोहिल ने कहा कि हम केन्द्र सरकर की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं लेकिन अभी जो देश के हालात हैं उसमें हम लोगों की सुविधा और स्वास्थ्य को लेकर राजनीति नहीं करना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि भारत का हर नागरिक कोराना मुक्त रहे और इसके लिए सरकार को तेजी से काम करना चाहिए.

Last Updated : May 19, 2020, 5:57 PM IST
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