पटना: बिहार में शराबबंदी लागू (Bihar Prohibition and Excise Act, 2016) होने के बाद भी शराब का अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा है. इसी क्रम में पटना के अगमकुआं थाना (Agam Kuan) की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. जहां पुलिस ने एक शराब तस्कर के साथ शराब से भरा ट्रक जब्त किया है.
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5 साल बाद भी नहीं थमा शराब का कारोबार
उत्पाद विभाग (Excise Department) के अधिकारी और बिहार पुलिस (Bihar Police) की मुस्तैदी इन दिनों देखने को मिल रही है. बिहार में लगातार शराब की खेप बरामद हो रही है. लगातार अवैध शराब के कारोबार फलने-फूलने से उत्पाद विभाग और स्थानीय पुलिस की बदनामी हो रही थी. उनके कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों ने इस मामले को लेकर अधिकारियों से फटकार लगाई है. जिसके बाद पुलिस एक्शन में दिख रही है.
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गौरतलब है कि शनिवार की रात अगमकुआं थाना क्षेत्र के नंदलाल छपरा (Nandlal Chapra) के पास सड़क किनारे खड़ी सीमेंट लदी ट्रक की तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान भारी मात्रा में विदेशी शराब जब्त की गई. फिर बाईपास थाना क्षेत्र के रानीपुर चक के पास चावल लदे बोरे से सैकड़ों कार्टन विदेशी शराब मिले. पुलिस ने इस स्थान से कार, स्कार्पियो, ट्रक, पिकअप, वैन समेत कई वाहन को जब्त कर एक शराब तश्कर को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच में जुट गई है. पटना पुलिस ने दो दिन में 553 कार्टन शराब के साथ कई वाहन जब्त किए हैं.
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बता दें कि अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू ( Alcohol Prohibition Law Enforced) होने के बाद से अब तक बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां, मुकदमे और शराब जब्ती की कार्रवाई हुई. इस कानून के तहत शुरुआत में घर में शराब पाये जाने पर सभी वयस्कों की गिरफ्तारी और घर को सील करने, वाहन में शराब मिलने पर वाहन जब्ती और गिरफ्तारी के कड़े प्रावधान थे. सख्त प्रावधानों की आलोचना और कानून के दुरुपयोग के बाद 2018 में इसमें कुछ बदलाव किये गये थे.
सख्त प्रावधानों की आलोचना और कानून के दुरुपयोग के बाद 2018 में इसमें कुछ बदलाव किये गये थे:
⦁ पहली बार पीते हुए पकड़े गए तो तीन महीने की सजा या 50 हजार का जुर्माना.
⦁ दूसरी बार पकड़े गए तो एक से पांच साल तक की सजा और एक लाख तक जुर्माना.
⦁ घर में शराब पकड़े जाने पर अब सभी बालिग के बजाए जिम्मेवार ही पकड़े जाएंगे.
⦁ परिसर जब्ती और सामूहिक जुर्माना हटा, वाहन जब्ती के नए नियम.
फिलहाल, बिहार में खुलेआम शराब बिक्री बंद हो गई तो क्या, पड़ोसी देश नेपाल और फिर दूसरे राज्यों जैसे यूपी और झारखंड से इनकी पूर्ति होने लगी है. पड़ोस के राज्यों से सटे लोग केवल शराब पीने के लिए दो-तीन घंटे के सफर करने से भी पीछे नहीं रहते.
शराबबंदी का सफर
- 01अप्रैल 2016 : राज्य में देसी शराब बंद, केवल निगम क्षेत्र में विदेशी शराब.
- 05 अप्रैल 2016 : पूरे राज्य में पूर्ण शराबबंदी होते ही शहरों में भी विदेशी शराब बंद.
- 02 अक्टूबर 2016 : 1915 के आधार पर लागू शराबबंदी के बदले नया कानून.
- 23 जुलाई 2018 : शराबबंदी कानून में सरकार ने पहली बार किए अहम बदलाव.
- अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू
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