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पटना: पूर्व सैनिक के बेटे की हत्या के विरोध में प्रदर्शन, कैंडल मार्च निकाल पुलिस के खिलाफ नारेबाजी - administration

पूर्व सैनिकों का आरोप है कि यदि पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो आशीष को बचाया जा सकता था. उन्होंने कहा कि सरकार और पुलिस प्रशासन सुस्त हो चुकी है. वो किसी को सुरक्षा मुहैया नहीं करा सके.

पूर्व सैनिक ने निकाला प्रशासन के खिलाफ कैंडल मार्च
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Published : Aug 25, 2019, 11:55 PM IST

पटना: जिले में रविवार को स्थानीय लोगों और पूर्व सैनिकों ने मिलकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला. बक्सर में पूर्व सैनिक के बेटे का अपराधियों ने अपहरण कर हत्या कर दी थी. इसके बाद भी पुलिस और प्रशासन ने अपराधी को अभी तक नहीं पकड़ा है. नाराज पूर्व सैनिकों ने सगुना मोड़ पर सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

patna
कैंडल मार्च

लोगों ने निकाला कैंडल मार्च
बक्सर के रहने वाले पूर्व सैनिक गजेंद्र तिवारी के बेटे आशीष का मेला घूमने के दौरान 7 अगस्त को अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद 9 अगस्त को बदमाशों ने उसी के फोन से गजेंद्र तिवारी से 30 लाख की फिरौती की मांग की. गजेंद्र ने 9 अगस्त को अपहरण का मामला दर्ज कराया पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. बाद में 22 अगस्त को जब पूर्व सैनिकों की एक टीम डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे से मिली, तब जाकर पुलिस हरकत में आई. लेकिन 24 अगस्त को आशीष का शव एक खंडहर से बरामद किया गया.

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प्रशासन के खिलाफ कैंडल मार्च

लोगों ने पुलिस को बताया दोषी
पूर्व सैनिकों का आरोप है कि यदि पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो आशीष को बचाया जा सकता था. इससे नाराज पूर्व सैनिकों ने शनिवार को पुलिस और प्रशासन के विरोध में कैंडल मार्च निकाला. उन्होंने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार और पुलिस प्रशासन सुस्त हो चुकी है. वो किसी को सुरक्षा मुहैया नहीं करा सके.

लोगों ने सरकार पर निकाला गुस्सा

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के इस्तीफे की मांग
वहीं, इस मार्च में शामिल पूर्व सैनिक कर्नल आर डी सिंह ने कहा कि जो सैनिक अपनी पूरी जिंदगी देश की सुरक्षा करते रह गए. वहीं सैनिक और उनके परिवार को राज्य में सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर जल्दी ही अपराधियों को नहीं पकड़ा गया तो ये प्रदर्शन आंदोलन का रूप ले लेगा.

पटना: जिले में रविवार को स्थानीय लोगों और पूर्व सैनिकों ने मिलकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला. बक्सर में पूर्व सैनिक के बेटे का अपराधियों ने अपहरण कर हत्या कर दी थी. इसके बाद भी पुलिस और प्रशासन ने अपराधी को अभी तक नहीं पकड़ा है. नाराज पूर्व सैनिकों ने सगुना मोड़ पर सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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कैंडल मार्च

लोगों ने निकाला कैंडल मार्च
बक्सर के रहने वाले पूर्व सैनिक गजेंद्र तिवारी के बेटे आशीष का मेला घूमने के दौरान 7 अगस्त को अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद 9 अगस्त को बदमाशों ने उसी के फोन से गजेंद्र तिवारी से 30 लाख की फिरौती की मांग की. गजेंद्र ने 9 अगस्त को अपहरण का मामला दर्ज कराया पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. बाद में 22 अगस्त को जब पूर्व सैनिकों की एक टीम डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे से मिली, तब जाकर पुलिस हरकत में आई. लेकिन 24 अगस्त को आशीष का शव एक खंडहर से बरामद किया गया.

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प्रशासन के खिलाफ कैंडल मार्च

लोगों ने पुलिस को बताया दोषी
पूर्व सैनिकों का आरोप है कि यदि पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो आशीष को बचाया जा सकता था. इससे नाराज पूर्व सैनिकों ने शनिवार को पुलिस और प्रशासन के विरोध में कैंडल मार्च निकाला. उन्होंने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार और पुलिस प्रशासन सुस्त हो चुकी है. वो किसी को सुरक्षा मुहैया नहीं करा सके.

लोगों ने सरकार पर निकाला गुस्सा

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के इस्तीफे की मांग
वहीं, इस मार्च में शामिल पूर्व सैनिक कर्नल आर डी सिंह ने कहा कि जो सैनिक अपनी पूरी जिंदगी देश की सुरक्षा करते रह गए. वहीं सैनिक और उनके परिवार को राज्य में सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर जल्दी ही अपराधियों को नहीं पकड़ा गया तो ये प्रदर्शन आंदोलन का रूप ले लेगा.

Intro:दानापुर के सगुना मोड़ के पास आज बिहार के पूर्व सैनिकों ने सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ कैंडिल सह विरोध मार्च निकाला। पूर्व सैनिक इस लिए नाराज थे क्योंकि बक्सर में एक पूर्व सैनिक के बेटे की पहले अपहरण की गई थी फिर उसकी हत्या कर दी गई लेकिन पुलिस प्रशासन ने कोई कार्रवाई नही की। नाराज पूर्व सैनिकों ने सगुना मोड़ पर सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।Body:गौरतलब है कि बक्सर के रहने वाले पूर्व सैनिक गजेंद्र तिवारी के बेटे आशीष की मेला घूमने के दौरान 7 अगस्त को अपहरण कर लिया गया था और फिर अपहर्ताओं ने उसी के फोन से गजेंद्र तिवारी से 30 लाख की फिरौती मांगी। गजेंद्र ने 9 अगस्त को अपहरण का मामला दर्ज कराया पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की बाद में 22 अगस्त को जब पूर्व सैनिकों की एक टीम डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे से मिली तब जाकर पुलिस हरकत में आई पर तबतक काफी देर हो चुकी थी क्योंकि 24 अगस्त को आशीष का शव एक खंडहर से बरमाद किय्या गया। पूर्व सैनिकों का आरोप है कि यदि पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो आशीष को बचाया जा सकता था पर ऐसा नही हुआ। कैंडिल मार्च निकाल कर पूर्व सैनिकों ने ये आरोप लगाया कि सूबे की सरकार और पुलिस प्रशासन सुस्त हो चुकी है वो किसी को सुरक्षा मुहैया नही करा सकती।Conclusion:पूर्व सैनिकों ने रविवार की शाम सगुना मोड़ पर पहले कैंडिल जलाकर आशीष की आत्मा की शांति के लिए दुआ मांगी। फिर प्रदर्शन करते हुए जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए और डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के इस्तीफे की मांग की। साथ ही आशीष के हत्यारों को फांसी दिलाये जाने की मांग की। इस मौके पर पूर्व सैनिक कर्नल आर डी सिंह ने कहा कि जो सैनिक अपनी पूरी जिंदगी देश की सुरक्षा करते रह गए वही सैनिक और उनके परिवार को बिहार में सुरक्षित नही है। उनका कहना है कि यदि पूर्व सैनिकों को सुरक्षा मुहैया नही हुई और आरोपियों को जल्द सजा नही हुई तो सभी पूर्व सैनिक उग्र आंदोलन को बाध्य हो जाएंगे।
बाईट - कर्नल आर डी सिंह - पूर्व सैनिक

कुणाल सिंह...ईटीवी भारत...दानापुर

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