मसौढ़ी : विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के मौके पर मसौढी मुख्यालय स्थित बुनियाद केंद्र पर गांव-गांव से बुलाए गए बच्चों के बीच कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया साथ ही उन्हें पुरस्कृत भी किया गया.
दरअसल, ऑटिज्म एक मानसिक रोग है. जिसमें बच्चों का दिमाग पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता है. शुरुआती लक्षण 1 से 3 साल के बच्चों में नजर आते हैं. विशेषज्ञों की माने तो इस रोग से लड़के ज्यादा प्रभावित होते हैं. इसकी चपेट में आने से बच्चे का मानसिक संतुलन संकुचित हो जाता है. इस कारण बच्चा परिवार और समाज से दूर रहने लगता है.
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क्या है ऑटिज्म?
वैसे बच्चे जिसका दिमाग ठीक तरह से विकसित नहीं हो पाता है उसे ऑटिज्म कहा जाता है और ऐसे में उन बच्चों के जीवन बेहतर करने के लिए उनमें सुधार लाने के लिए सरकार द्वारा कई कदम भी उठाए जा रहे हैं. हर साल इसी दिन विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया जाता है और बच्चों में जागरूकता लाने को लेकर कई तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं. मसौढी स्थित बुनियाद केंद्र में उन सभी दिव्यांग बच्चों के बीच कई तरह के कार्यक्रम किए गए और कार्यक्रम के अंत में उन्हें पुरस्कृत भी किया गया.