पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) बालू के अवैध खनन (Illegal Sand Mining) में संलिप्त अधिकारियों को बख्शने के मूड में नहीं है. बालू के अवैध खनन में संलिप्त पाए जाने के बाद निलंबित किए गए 41 अधिकारी और अफसरों में से कुछ अधिकारियों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offences Unit) द्वारा आय से अधिक संपत्ति मामले में उनके विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई. कई अधिकारियों की छापेमारी के दौरान आर्थिक अपराध इकाई को करोड़ों की संपत्ति का पता चला है.
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निलंबित तीन डीएसपी, एक आईपीएस अधिकारी सुमित 1MVI अधिकारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई की गई है. बालू के अवैध खनन में निलंबित आईपीएस अधिकारी की निलंबन अवधि को भी 4 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. माना जा रहा है कि उनके खिलाफ और भी कार्रवाई की जा सकती है.
आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार भोजपुर के तत्कालीन एसपी राकेश दुबे पर बालू खनन से अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में कार्रवाई की गई है. उनके सभी ठिकानों पर हुई छापेमारी के दौरान आय से अधिक संपत्ति में बड़ा सबूत मिला है. इस पर जांच चल रही है. दरअसल, काली कमाई से अकूत संपत्ति जमा करने वाले मामले में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय राकेश दुबे के खिलाफ जांच कर सकता है.
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ईडी प्रिवेंशन ऑफ करप्शन के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. हालांकि, अभी इस मामले में फिलहाल आर्थिक अपराध इकाई जांच कर रही है. मिल रही जानकारी के अनुसार चार्जशीट दायर होने के बाद इस मामले में ईडी अपने अंतर्गत लेकर ईसीआईआर इंफोर्समेंट केस इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट दर्ज करेगा और आगे की कार्रवाई करेगा. ईडी इनकी सभी अवैध संपत्ति को जब्त कर सकता है.
दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई द्वारा भोजपुर के तत्कालीन एसपी राकेश दुबे के ठिकानों पर बरामद किए गए दस्तावेजों से अवैध संपत्ति जमा करने और अपनी पावर का दुरुपयोग के अलावा अपने सेवा काल के दौरान जिस तरीके से अवैध संपत्ति जमा की है, उसे पद का दुरुपयोग माना जा रहा है. इसी को आधार बनाकर पीएमएलए के निर्धारित प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने का पूरा मामला बन रहा है.
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ईडी द्वारा छानबीन के दौरान उनसे जुड़े उन लोगों पर भी कार्रवाई की जा सकती है जो इनकी काली कमाई को सफेद करते थे. आर्थिक अपराध इकाई की विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार निलंबित किए गए 41 अधिकारियों में से कुछ और अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के सबूत प्राप्त हुए हैं. जल्द ही आर्थिक अपराध इकाई उनके खिलाफ भी कार्रवाई करेगी.
कहीं ना कहीं आर्थिक अपराध इकाई की टीम को भी निलंबित किए गए अधिकारियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में भी समय लग रहा है. आर्थिक अपराध इकाई का मानना है कि यह सभी सरकारी कर्मचारी हैं और उन्हें बखूबी पता है कि काली कमाई को कहां और कैसे छुपाया जा सकता है, जिस वजह से थोड़ी कठिनाई जरूर आर्थिक अपराध इकाई को झेलना पड़ रही है.