पटना: BPSC पेपर लीक कांड (BPSC Question Paper Leak Case) में गिरफ्तार डीएसपी रंजीत रजक के कई ठिकानों पर आय से अधिक संपति मामले में आर्थिक अपराध इकाई की छापेमारी चल रही है. रंजीत रजक के पटना, अररिया और कटिहार के कई ठिकानों पर रेड जारी है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रश्न पत्र वायरल होने के संबंध में आर्थिक अपराध थाना में इनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. छानबीन में पता चला है कि इनके द्वारा आय से अधिक संपत्ति लगभग 81.9 प्रतिशत अधिक अर्जित की गई है, जिसके बाद इनके कई ठिकानों पर आर्थिक अपराध इकाई की छापेमारी की जा रही है.
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गिरफ्तार DSP रंजीत रजक के कई ठिकानों पर EOU की रेड: आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा इस मामले में माननीय न्यायालय से तलाशी के लिए परमिशन प्राप्त करने के बाद पुलिस उपाधीक्षक और निरीक्षक के नेतृत्व में पटना के रूपसपुर थाना अंतर्गत स्थित किराए के मकान, कटिहार जिला स्थित उनके पैतृक आवास पर छापेमारी (EOU Raids On Premises Of DSP Ranjit Rajak) की जा रही है. वहीं कटिहार में उनका पेट्रोल पंप है. इसके अलावा रंजीत कुमार रजक का ससुराल अररिया (EOU Raid In Araria) में है, वहां भी छापेमारी की जा रही है. छापेमारी के बाद ही कहा जा सकेगा कि इनके ठिकानों से टीम को क्या कुछ मिला है.
BPSC घोटाला में गिरफ्तार DSP रंजीत रजक सस्पेंड : BPSC घोटाला में गिरफ्तार डीएसपी रंजीत रजक के पत्नी के अकाउंट में 14 लाख रुपए थे और उसके पास 850 ग्राम सोना के अलावा 1 किलो चांदी भी मिली थी. रंजीत रजक के पास 68 लाख की ज्वेलरी होने का पता चला था. पति-पत्नी दोनों के पास मिला कर लगभग डेढ़ किलो सोना और डेढ़ किलो चांदी है. रंजीत रजक के मां के नाम 650 ग्राम सोना और 1 किलो से ज्यादा चांदी होने की जानकारी मिली थी. वो पिछले एक दशक से बीपीएससी मैं नौकरी दिलाने के धंधे में संलिप्त था. दरअसल रंजीत रजक की मिलीभगत बीपीएससी के सेक्शन ऑफिसर और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के साथ थी. जिसके जरिए वह स्ट्रांग रूम से ओएमआर सीट और मेंस की कॉपी बाहर निकलवाता था और फिर कॉपी भरकर स्ट्रांग रूम में जमा करवा देता था.
BPSC के अधिकारियों से थी रंजीत की मिलीभगत : रंजीत रजक एसएससी में भी नौकरी दिलवाने का काम करता था. एसएससी से ओएमआर शीट निकलवाने के आरोप में 23 /2012 मामला दर्ज किया गया था. 2014 में चार्जशीट दाखिल हुआ था. जांच के दौरान यह भी तथ्य सामने आया था कि रंजीत के गिरोह के सदस्य स्ट्रांग रूम की डुप्लीकेट चाबी बनवाकर रखते थे. 19 अक्टूबर 2012 को छापेमारी हुई थी और एसटीएफ ने रंजीत के यहां से ओएमआर शीट बरामद किया था.
स्ट्रांग रूम से OMR शीट और कॉपी निकलवाता था DSP रंजीत : रंजीत रजक बीपीएससी का मास्टरमाइंड माना जाता था और चुटकी में किसी को ऑफिसर बनवाने का ठेका लेता था. रंजीत रजक खुद दो बार बीपीएससी में उत्तीर्ण हो चुका है. पहली बार रंजीत रजक 53वीं से 55 वीं में बीएसपी बना था और फिर उसके बाद 56 वीं से 59 वीं बैच में एसडीएम भी बन गया. उसके कई परिजन बीपीएससी परीक्षा के जरिए सरकारी नौकरी में है. कई रसूखदार लोगों के बच्चों को भी रंजीत बीपीएससी की परीक्षा पास करवा चुका है.
रंजीत के खिलाफ Eou जांच कर रही है: रंजीत रजक अपने सगे भाई को बीपीएससी की परीक्षा पास करवा चुका है. उसके भाई का नाम प्रकाश कुमार रजक है जो फिलहाल एसडीएम है. रंजीत रजक का एक और भाई राजीव कुमार है जो 63 वीं परीक्षा में उत्तीर्ण हो चुका है और फिलहाल श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी है. अनिल रजक डीएसपी है और रंजीत रजक के करीबी रिश्तेदार है. इसके अलावा कुमारी अनामिका जो कि बीपीएससी में पदस्थापित पदाधिकारी रंजीत राणा की पत्नी हैं वो भी जांच के दायरे में हैं. बिहार सरकार में सीनियर आईपीएस की भाई और बहन भी डीएसपी हैं. भाई को 56 वीं से 59वीं बैच में विदेश में नौकरी मिली थी. जबकि बहन को 63 वीं बैच में नौकरी मिली है. नौकरी पाने वाले तमाम अधिकारी जांच के दायरे में हैं. हालांकि फेहरिस्त और लंबी है. बीपीएससी में कई पदाधिकारी लंबे समय से एक ही जगह पर जमे हैं और उनके साथ रंजीत रजक की सांठगांठ है.
रंजीत रजक कई लोगों को बना चुका है ऑफिसर : रंजीत रजक सांठगांठ के बदौलत बड़े ही साफगोई से स्ट्रांग रूम में सेंधमारी करता था और किसी को भी आसानी से ऑफिसर बनवाने का ठेका ले लेता था.
वायरल प्रश्न की परीक्षार्थियों ने की थी पुष्टि : गौरतलब है कि बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न पत्र परीक्षा आरंभ होने से करीब 15 मिनट पहले वायरल (67th BPSC Exam Paper Leak) हो गए थे. वायरल प्रश्न की पुष्टि परीक्षा समाप्त होते ही परीक्षार्थियों ने कर दी थी. इसकी जानकारी सीएमओ को ई-मेल से दी गई थी. मामले को लेकर आयोग ने जांच कमेटी गठित की. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. अब इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई द्वारा की जा रही है. जिसमें कई छात्रों, अधिकारियों और नेताओं के नाम सामने आए हैं.