पटना: लॉकडाउन में कोरोना संक्रमण के अलावा अन्य गंभीर रोगियों का इलाज नहीं हो रहा है. इसको देखते हुए बिहार सरकार ने इमरजेंसी और प्रसव, ओपीडी की सुविधा सरकारी अस्पतालों में शुरू कर दी है. इन सुविधाओं के शुरू होने के बाद ईटीवी भारत ने पटना के गार्डिनर रोड अस्पताल का जायजा लिया.
राजधानी के बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक गार्डिनर रोड अस्पताल में मरीजों की आवाजाही शुरू हो गई है. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए यहां अस्पताल के गेट पर ही सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. अस्पताल के गेट मरीजों से उनकी समस्या जानकर अस्पताल के स्टाफ रजिस्टर में उनकी एंट्री कर रहे हैं. गेट पर ही डॉक्टरों की तैनाती भी की गई है, जो मरीजों को जरूरी सलाह दे रहे हैं. सिर्फ वहीं, मरीज अस्पताल के अंदर प्रवेश कर सकते हैं जिन्हें जांच के बाद डॉक्टर इजाजत देते हैं.
![अस्पताल में डॉक्टर तैनात](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-hospital-sewa-update-pkg-7200694_17042020184958_1704f_02772_276.jpg)
'घर से बाहर निकलना किसी भी तरह उचित नहीं'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर मुस्तैद हैं. ताकि किसी भी मरीज को कोई परेशानी ना हो. फिर भी लोग छोटी-मोटी बीमारियों को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि मामूली सर्दी खांसी होने पर भी लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं, जो उचित नहीं है. जब तक कि आप में दिए गए निर्देशों के मुताबिक कोई लक्षण ना हो. तब तक घर से बाहर निकलना किसी भी तरह उचित नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि जहां तक संभव हो घर में रहें.
ओपीडी सेवा शुरू
बता दें कि बिहार में बड़ी संख्या में डायबिटीज, क्रॉनिक हार्ट डिजीज और पेट की बीमारियों के अलावा कैंसर, ब्लड प्रेशर, आंख और गठिया आदि के मरीज हैं, जिन्हें लॉक डाउन होने की वजह से कहीं समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा था. इसे देखते हुए बिहार के सरकारी अस्पतालों ने 15 अप्रैल से ओपीडी सेवा शुरू की.