पटनाः बिहार के बिजली उपभोगताओं को अगले साल झटका लग सकता है. दरअसल बिहार की ट्रांसमिशन कंपनियों ने अपनी लॉस को दिखाते हुए विद्युत विनियामक आयोग के पास प्रस्ताव दिया है. हर साल ट्रांसमिशन कंपनी के द्वारा 15 नवंबर तक आयोग के पास याचिका दिया जाता है, ऐसे में बिहार की दोनों कंपनियों के तरफ से बिजली दर में बढ़ोतरी करने को लेकर याचिका दिया गया है.
4.38 फीसदी बढ़ सकता है बिजली दरः बिजली कंपनी की तरफ से जो प्रस्ताव दिया गया है अगर उस पर अमल किया जाता है तो उपभोक्ता के जेब पर असर पड़ेगा. 4.38% फीसदी बिजली महंगी हो सकती है. नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की तरफ से जो याचिका दी गई है, उसमें स्पष्ट तौर पर घरेलू, व्यवसायिक और औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली दर तय करने के लिए कहा गया है. हालांकि कंपनियों की तरफ से फिक्स चार्ज में बढ़ोतरी करने की मांग नहीं की गई है.
विद्युत विनियामक आयोग को याचिकाः बिहार के बिजली कंपनी ने जो विद्युत विनियामक आयोग को याचिका दिया है, उसे पर आयोग के तरफ से जनसुनवाई किया जाएगा. हर साल की की भांति अगले साल जिला अस्तर से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक सुनवाई की जाएगी और उसके बाद पटना में अंतिम सुनवाई के बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि क्या बिजली के दर में बढ़ोतरी किया जाए या नहीं. हालांकि बिहार में बिजली की लॉस कम हुई है, बिजली लॉस को लेकर बिजली विभाग के तरफ से लगातार काम किया जा रहा है.
क्या मिलेगी उपभोक्ताओं को राहत?: बिजली कंपनियों ने अपने खर्च को आधार बनाते हुए बिजली बढ़ोतरी की मांग रखी है. अब देखना होगा कि अगले वर्ष 1 अप्रैल को क्या विद्युत विनिमयिक आयोग बिजली विभाग के द्वारा दिए गए याचिका को लेकर बिजली के दरों में बढ़ोतरी करेगी या उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी माना जा रहा है कि अगले वर्ष बिजली की दर में बढ़ोतरी नहीं होगी क्योंकि बिजली कंपनी बिहार में प्रॉफिट में है. अगर बिजली दर में बढ़ोतरी होती है तो बिहार सरकार को अनुदान राशि बढ़ानी होगी.
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