पटना: बढ़ती गर्मी और उमस के कारण बिहार में बिजली की डिमांड लगातार बढ़ रही है. शनिवार को बिजली की मांग ने रिकॉर्ड बनाते हुए ₹7000 मेगावाट का आंकड़ा पार करते हुए 7093 मेगा वाट तक पहुंच गया. बिजली विभाग के अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को रात्रि 8:58 बजे पहली बार पीक आवर के समय में 7093 मेगा वाट की आपूर्ति की है, जो अब तक का रिकॉर्ड है.
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ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस की मानें तो बिहार के द्वारा पिछले वर्ष जो ऊर्जा के क्षेत्र में असाधारण कार्य किया गया, उसके कारण यह रिकॉर्ड उपलब्धि हासिल हो पाई है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के विद्युत सुधार के व्यापक कार्यक्रम को मूर्त रूप देने की प्रतिबद्धता के साथ राज्य की विद्युत कंपनियों ने वितरण एवं संचरण प्रणाली विस्तारीकरण के लिए की गई परियोजना को मिशन मोड में पूर्ण किया है.
"राज्य के तमाम विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली मिले, इसके लिए कोशिश जारी है. बिजली की डिमांड सबसे ज्यादा पीक आवर यानी की रात्रि 8:00 बजे से शुरू होती है, क्योंकि रात्रि के समय में सभी उपभोक्ता एक साथ पंखा-कूलर और एसी का उपयोग करने लगते हैं. जिस कारण से बिजली की खपत बढ़ रही है"- संजीव हंस, प्रधान सचिव, ऊर्जा विभाग, बिहार
पिछले साल से अधिक खपत: बता दें कि 9 जून को 6983 मेगा पीक आवर में बिजली की खपत हुई थी. ऐसे में इस रिकॉर्ड को पार करते हुए बिजली की खपत शनिवार को 8000 मेगा वाट के करीब पहुंच गई. पिछले साल सबसे ज्यादा बिजली की खपत 6738 मेगा वाट हुई थी लेकिन इस बार लगातार बिजली की खपत बढ़ रही है. उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ रही है, जिसका नतीजा है कि पीक आवर के समय में बिजली विभाग की नींद भी उड़ रही है.
बिजली विभाग के सामने चुनौतियां: बिजली विभाग की तरफ से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है लेकिन इसके बावजूद भी शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में भी बिजली कट की समस्या उत्पन्न हो रही है. ट्रांसफार्मर उड़ना, शॉर्ट सर्किट होना और फ्यूज जुड़ना जैसे कई मामले रोजाना बिजली विभाग के कॉल सेंटर पर पहुंच रहे हैं. प्रतिदिन हजार से ज्यादा फ्यूज उड़ने की शिकायत मिल रही है.