पटनाः बिहार में मौसम (Bihar Weather) ने शुक्रवार को कहर बरपाया. पांच जिलों में हुई वज्रपात (Thunderstorm) से 8 लोगों ने जान गंवा दी. नवादा, कैमूर, सारण, मधेपुरा और बेतिया में 8 लोगों की वज्रपात से मौत हो गई. वहीं एक व्यक्ति गंभीर रूप से जख्मी हो गया और एक मवेशी की भी मौत हो गई.
मौसम विभाग (Weather Department) ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था. जिसमें कहा गया था कि तेज हल्की से मध्यम वर्षा के साथ वज्रपात की संभावना है. लिहाजा लोग घरों में ही रहें.
यह भी पढ़ें- Bihar Weather Update: बिहार के इन जिलों में अलर्ट जारी, जानिए कहां-कहां हो सकती है भारी बारिश
नवादा के मिर्जापुर पंचायत में दो की मौत
मेसकौर प्रखंड के मिर्जापुर पंचायत के दो गांवों में वज्रपात से एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई. यह हादसा तब हुआ जब ये लोग खेत में काम कर रहे थे. मृतकों में पंवई गांव निवासी सजीवन मांझी के 35 वर्षीय पुत्र धीरो मांझी और सातन बीघा गांव निवासी 60 वर्षीया शांति देवी शामिल हैं. सातन बीघा की 60 वर्षीय मृतका शांति देवी खेत में मूंग तोड़ रही थी. तभी वज्रपात की चपेट में आ गई. दोनों घटना की सूचना मिलते ही अंचलाधिकारी अलख निरंजन यादव और थानाध्यक्ष नीरज कुमार मौके पर पहुंचे.
गोविंदपुर में भी एक शख्स की गई जान
नवादा के गोविंदपुर थाना क्षेत्र में गुरुवार की दोपहर रिमझिम बारिश हो रही थी. तभी वज्रपात होने से एक 28 वर्षीय युवक की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. युवक की पहचान पहरैठा गांव निवासी भोला राम के पुत्र महेश राम के रूप में की गई. महेश अपने ससुराल रोह थाना के मरूई गांव गया हुआ था. धान के बीचड़े बोने के लिए खेत में हल जोत रहा था. तभी वज्रपात हुआ.
सारण में एक युवती की मौत
गड़खा प्रखंड के नरांव टोला धर्मबागी में महेश्वर राय की चौदह वर्षीय बेटी लाखी कुमारी की वज्रपात से मौत हो गई परिजनों ने बताया कि वह अपने पापा का खाना पहुंचाने बगीचे में गयी थी. जहां उसके पिता आम तोड़ रहे थे. खाना पहुंचाकर घर लौटने के क्रम में वज्रपात की चपेट में आ गई. लाखी पांच भाई बहनों में सबसे छोटी थी.
मधेपुरा में दो बच्ची की मौत
मधेपुरा में ठनका गिरने से दो बच्ची की मौत हो गयी. दोनों बच्ची खेत में मवेशी का चारा काटने गई थी. तभी ठनका गिरा. मामला सदर प्रखंड के बाराही मोहनपुर गांव का है. दोनों बच्ची काजल कुमारी (उम्र 10 साल) और स्मृति कुमारी (उम्र 8 साल) दोनों बच्ची चारा काट रही थी. इसी बीच अचानक हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गयी. थोड़ी ही देर में आंधी चलने लगी. तभी ठनका गिरा. दोनों बच्ची बुरी तरह से झुलस गई थी.
यह भी पढ़ें- नेपाल ने छोड़ा 3 लाख 3 हजार 800 क्यूसेक पानी, सीएम ने की बैठक
बेतिया: खेत में खेल रहा था मासूम...
नरकटियागंज में आकाशीय बिजली गिरने से एक मासूम की मौत खेत में ही हो गयी. मृतक अपने पिता और दादी के साथ खेत में गया था. पिता जितेंद्र खेत में कुदाल चला रहे थे. तभी बिजली की गर्जन हुई और उनकी हाथों पर झटका लगा. वे गिर गए. उठने के बाद जितेंद्र ने अपनी मां को होश में लाया. तत्पश्चात बेटे को देखा, तो सांस बंद थी. आनन फानन में अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सकों ने मासूम अजय को मृत घोषित कर दिया. घटना शिकारपुर थाना क्षेत्र के धूमनगर पंचायत के मटियरिया गांव की है.
कैमूर: सिरबीट में महिला की गई जान
जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत सिरबीट में शुक्रवार की शाम आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो गई. जबकि ग्राम कुरई में एक व्यक्ति घायल हो गए. कुरई में ही आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक पंडवा की मौत हो गई. चांद प्रखंड क्षेत्र के ग्राम भलुआरी में एक किसान की एक मवेशी की भी मौत हो गई.
जानकारी के मुताबिक चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के ग्राम सिरबीट के निवासी मुखू राम की 45 वर्षीय पत्नी धनमतिया देवी अपने भैंस को खेत में चरा रही थी. उस दौरान अचानक बारिश शुरू हो गई. तभी ठनका गिरा और मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
वहीं ग्राम कुरई के चरण यादव एवं श्याम नारायण यादव अपनी भैंस चरा रहे थे. उस दौरान आकाशीय बिजली गिरने से श्याम नारायण गंभीर रूप से जख्मी हो गए. जबकि चरण यादव का पंडवा आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दम तोड़ दिया. चांद प्रखंड के ग्राम पंचायत कुड्डी के ग्राम भलुआरी में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दशरथ राम के पुत्र रामसकल राम की एक मवेशी की मौत हो गई.
यह भी पढ़ें- सावधान! बिहार के इन 4 जिलों के लिए तत्कालिक अलर्ट जारी, वज्रपात के साथ बारिश की संभावना
जानें... क्यों गिरती है बिजली?
जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं. भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं. जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है, तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है.
अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है. आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज होती है. आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है. बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है. बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है.
बिजली गिरने पर क्या करें
- सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें. यह इस बात का संकेत है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है.
- दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें. सिर को जमीन से सटने न दें. जमीन पर कभी न लेटें.
- पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों. समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं.
- जहां हैं, वहीं रहें. हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें.
- घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें. बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें.
- बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें.
ऊंची चीजों पर क्यों गिरती है बिजली?
बादल में जब बिजली बन रही होती है, तब जमीन पर मौजूद चीजों का इलेक्ट्रिक चार्ज बदलता है. जमीन का उपरी हिस्सा पॉजिटिव चार्ज हो जाता है और निचला हिस्सा निगेटिव चार्ज रहता है. मीनार, ऊंचे पेड़, घर या इंसान जब पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं, तब उससे पॉजिटिव इलेक्ट्रिसिटी निकलकर ऊपर की ओर जाती है. इसे स्ट्रीमर कहते हैं.
बादल के निचले हिस्से में मौजूद निगेटिव चार्ज स्ट्रीमर की ओर आकर्षित होता है, जिससे बिजली धरती पर गिरती है. यही कारण है कि ऊंची चीजों पर बिजली गिरने की संभावना अधिक रहती है. अगर आसपास कोई ऊंची चीज न हो तो बिजली इंसान या धरती पर गिरती है.
घर और कार से बच सकती है जान
बिजली गिरने के चलते अधिकतर वे लोग हताहत होते हैं, जो खुले में होते हैं. घर और कार जैसी बंद जगह इंसान को बिजली से बचाती हैं. कार पर जब बिजली गिरती है, तब वह टायर से होते हुए धरती में चली जाती है. इसी तरह घर पर बिजली गिरने से वह नींव के रास्ते धरती में जाती है. बिजली गिरते समय अगर कोई नल से निकल रहे पानी के संपर्क में हो या फिर लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल कर रहा हो तो उसे झटका लग सकता है.
यह भी पढ़ें- Flood Situation in Bettiah: हर साल बाढ़ आते ही टापू बन जाता है ये गांव, जानें वजह..