पटनाः राज्य चुनाव आयोग (State Election Commission) के अनुसार इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कई बदलाव देखने को मिले. इस बार चुनावी मैदान में खडे़ होने वाले उम्मीदवारों के लिए आठ दस्तावेजों को जमा करना जरूरी होगा. चुनावी दंगल में अपनी किस्मत आजमाने वाले उम्मीदवारों के मन में कई शंकाएं उठ रही हैं. वैसे लोग अपनी शंकाए दूर कर लें. इस बार नाम निर्देशन पत्र में आठ दस्तावेजों को लगाकर ही नामांकन पत्र (Nomination Letter) दाखिल होगा.
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इसके अलावा नामांकन और नाम वापसी की अवधि, निर्वाचन पदाधिकारी के कक्ष में कितने लोगों के साथ नाम निर्देशन का पर्चा दाखिल करने जा सकते हैं और आरक्षित कोटे के उम्मीदवार की सुविधा इन सभी जानकारी को मसौढ़ी निर्वाची पदाधिकारी ने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों को दिया.
चुनाव प्रक्रिया के दौरान निर्वाची पदाधिकारी के कक्ष में नामांकन पत्र दाखिल करते समय उनका सिर्फ प्रस्तावक रहेगा. कोई भी उम्मीदवार दो सेट मे नामांकन पत्र दाखिल कर सकता है.
आठ दस्तावेज जो जरूरी है:---
1. पपत्र-6 में नामांकन पत्र के सभी कॉलम भरे होने चाहिए
2. पंचायत राज अधिनियम 2006 के तहत धारा 136 के प्रावधान का शपथ पत्र
3. मतदाता सूची में नाम दर्ज होने से संबंधित शपथ पत्र अभ्यर्थी के साथ प्रस्तावक का
4. अनुसूची 3 में शपथ पत्र जिसमें अपराधिक मामले, संपत्ति और शैक्षणिक योग्यता
5. अभ्यर्थी का बायोडाटा
6. नाजिर रसीद की मूल प्रति
7. आरक्षित सीट से लड़ने के लिए जाति प्रमाण पत्र की मूल प्रति
8. वर्तमान में खींची गई दो तस्वीर
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राज्य चुनाव आयोग के अनुसार आंगनबाड़ी सेविका प्रस्तावक नहीं हो सकती है. इसके अलावा कोई भी जन वितरण दुकानदार चुनाव लड़ सकता है. इस बार नामांकन पत्र रद्द होने पर शुल्क वापसी नहीं की जायेगी. इसके साथ ही कोई भी व्यक्ति किसी उम्मीदवार का प्रस्तावक बनता है तो वह खुद चुनाव नहीं लड़ सकता है.