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बिहार की राजनीति पर भी पड़ेगा उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम का असर! - ETV BHARAT Bihar News

अक्सर बीजेपी और जेडीयू के नेता एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलकर एक-दूसरे से बेहतर साबित करने में जुटे रहते हैं. वीआईपी के प्रमुख और बिहार के मंत्री मुकेश सहनी ने जिस तरह यूपी चुनाव में भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला था, उससे यहां के नेता नाखुश हैं. भाजपा के नेता अब उनके इस्तीफे की मांग तक कर रहे हैं.

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Published : Mar 11, 2022, 9:38 PM IST

पटना: देश के पांच राज्यों में हुए चुनाव के परिणाम (Assembly Election Results) का असर देश की सियासत पर पड़ना तय माना जा रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) के परिणाम का असर बिहार की राजनीति (Bihar politics) पर भी पड़ेगा. पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल युनाइटेड (JDU) के रिश्ते पुराने जैसे नहीं देखे जा रहे हैं. अक्सर दोनों सहयोगी दल के नेता एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलकर एक-दूसरे से बेहतर साबित करने में जुटे रहते हैं. ऐसी स्थिति में दोनों दलों के बीच पहले जैसी गर्मजोशी नहीं दिख रही है.

ये भी पढ़ें: बिहार में BJP की सहयोगियों ने दूसरे राज्यों में चुना अलग रास्ता, मणिपुर छोड़ सभी चारों खाने चित्त

उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम के आने के बाद शुक्रवार को बिहार विधानसभा में योगी और मोदी मॉडल और नीतीश मॉडल को लेकर दोनों दल के नेता बयान देते नजर आए. बिहार भाजपा के विधायक हरि भूषण ठाकुर ने यूपी की तरह बिहार में भी विकास और कानून-व्यवस्था के योगी आदित्यनाथ मॉडल को लागू करने की मांग रख दी है. उन्होंने कहा कि जिस तरह जनता ने यूपी में योगी और मोदी को पसंद किया है, उससे यह तय है कि बिहार में भी योगी और मोदी मॉडल की जरूरत है.

इधर, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास का मॉडल लागू है और यही चलेगा. उन्होंने कहा कि नीतीश मॉडल की तारीफ देशभर में है.

ये भी पढ़ें: UP और मणिपुर के चुनाव में अकेले उतरी LJPR.. जमानत भी जब्त, अब दिल्ली MCD चुनाव में दांव की तैयारी

बिहार सरकार में भाजपा के साथ शामिल जदयू और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) यूपी चुनाव भी लड़ने पहुंचे थे. दोनों दलों को हालांकि वहां की जनता ने नकार दिया. नीतीश कुमार तो प्रचार के लिए भी नहीं गए थे, लेकिन जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत अन्य कई बड़े नेताओं ने कमान संभाली थी. जदयू ने 28 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. इसी तरह वीआईपी ने भी 53 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए.

वैसे, वीआईपी के प्रमुख और बिहार के मंत्री मुकेश सहनी ने जिस तरह यूपी चुनाव में भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला था, उससे यहां के नेता नाखुश हैं. भाजपा के नेता अब उनके इस्तीफे की मांग तक कर रहे हैं. भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर कहते हैं कि मुकेश सहनी खुद बिहार में विधानसभा चुनाव हार गए. उन्होंने कहा कि 'रिजेक्टेड' वीआईपी को भाजपा ने 'प्रोजेक्टेड' किया. यूपी में उन्हें जनता ने फिर से नकार दिया.

ये भी पढ़ें: यूपी में 'नाव' डूबी तो बोले मुकेश सहनी- 'निषादों के हक की लड़ाई जारी रहेगी'

भाजपा और जदयू के बड़े नेता हालांकि बिहार राजग में किसी प्रकार के प्रभाव को नकारते हैं. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि यूपी के नतीजों का बिहार के गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने भी कहा कि यूपी के नतीजों का बिहार में कोई असर नहीं होगा, यहां एनडीए एकजुट है और सरकार चल रही है. बहरहाल, इतना तय है कि यूपी चुनाव का हाल के दिनों में भले ही असर बिहार की सियासत में नहीं दिखे, लेकिन आने वाले दिनों में परिणाम का प्रभाव जरूर दिखेगा, तब तक इंतजार करना होगा.

ये भी पढ़ें: मंत्री मुकेश सहनी पर आग बबूला हुए बीजेपी MLA हरिभूषण ठाकुर, मांगा इस्तीफा

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पटना: देश के पांच राज्यों में हुए चुनाव के परिणाम (Assembly Election Results) का असर देश की सियासत पर पड़ना तय माना जा रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) के परिणाम का असर बिहार की राजनीति (Bihar politics) पर भी पड़ेगा. पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल युनाइटेड (JDU) के रिश्ते पुराने जैसे नहीं देखे जा रहे हैं. अक्सर दोनों सहयोगी दल के नेता एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलकर एक-दूसरे से बेहतर साबित करने में जुटे रहते हैं. ऐसी स्थिति में दोनों दलों के बीच पहले जैसी गर्मजोशी नहीं दिख रही है.

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उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम के आने के बाद शुक्रवार को बिहार विधानसभा में योगी और मोदी मॉडल और नीतीश मॉडल को लेकर दोनों दल के नेता बयान देते नजर आए. बिहार भाजपा के विधायक हरि भूषण ठाकुर ने यूपी की तरह बिहार में भी विकास और कानून-व्यवस्था के योगी आदित्यनाथ मॉडल को लागू करने की मांग रख दी है. उन्होंने कहा कि जिस तरह जनता ने यूपी में योगी और मोदी को पसंद किया है, उससे यह तय है कि बिहार में भी योगी और मोदी मॉडल की जरूरत है.

इधर, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास का मॉडल लागू है और यही चलेगा. उन्होंने कहा कि नीतीश मॉडल की तारीफ देशभर में है.

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बिहार सरकार में भाजपा के साथ शामिल जदयू और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) यूपी चुनाव भी लड़ने पहुंचे थे. दोनों दलों को हालांकि वहां की जनता ने नकार दिया. नीतीश कुमार तो प्रचार के लिए भी नहीं गए थे, लेकिन जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत अन्य कई बड़े नेताओं ने कमान संभाली थी. जदयू ने 28 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. इसी तरह वीआईपी ने भी 53 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए.

वैसे, वीआईपी के प्रमुख और बिहार के मंत्री मुकेश सहनी ने जिस तरह यूपी चुनाव में भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला था, उससे यहां के नेता नाखुश हैं. भाजपा के नेता अब उनके इस्तीफे की मांग तक कर रहे हैं. भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर कहते हैं कि मुकेश सहनी खुद बिहार में विधानसभा चुनाव हार गए. उन्होंने कहा कि 'रिजेक्टेड' वीआईपी को भाजपा ने 'प्रोजेक्टेड' किया. यूपी में उन्हें जनता ने फिर से नकार दिया.

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भाजपा और जदयू के बड़े नेता हालांकि बिहार राजग में किसी प्रकार के प्रभाव को नकारते हैं. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि यूपी के नतीजों का बिहार के गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने भी कहा कि यूपी के नतीजों का बिहार में कोई असर नहीं होगा, यहां एनडीए एकजुट है और सरकार चल रही है. बहरहाल, इतना तय है कि यूपी चुनाव का हाल के दिनों में भले ही असर बिहार की सियासत में नहीं दिखे, लेकिन आने वाले दिनों में परिणाम का प्रभाव जरूर दिखेगा, तब तक इंतजार करना होगा.

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