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कोरोना वैक्सीन ट्रायल के लिए शिक्षाविद् गुरु रहमान बने वॉलिंटियर, कहा- देशहित में सामने आने की जरूरत

पटना एम्स में भारत बायोटेक द्वारा बनाई जा रही कोरोना वैक्सीन के थर्ड फेज का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है. थर्ड फेज में 1000 लोगों पर वैक्सीन का डोज देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लोग वैक्सीन के साइड इफेक्ट के डर से वॉलिंटियर नहीं बन रहे हैं. पटना एम्स ने वॉलिंटियर बनने वालों के लिए सहायता राशि भी निर्धारित कर दी है, बावजूद इसके लोगों का रुझान काफी कम है.

शिक्षाविद् गुरु रहमान
शिक्षाविद् गुरु रहमान
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Published : Dec 13, 2020, 4:50 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 7:22 PM IST

पटना: एम्स में कोरोना वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल को लेकर ज्यादा से ज्यादा लोग वॉलिंटियर बनने के लिए सामने आए, इस मकसद से पटना के मशहूर शिक्षाविद् गुरु रहमान ने पटना एम्स जाकर वैक्सीन का डोज लिया और खुद वॉलिंटियर बने हैं. वॉलिंटियर बनने के बाद गुरु रहमान युवाओं को स्वदेशी वैक्सीन के निर्माण के आखिरी चरण में वॉलिंटियर बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

शिक्षाविद् गुरु रहमान बने वॉलिंटियर

शिक्षाविद गुरु रहमान बने वॉलिंटियर
ईटीवी भारत से खास बातचीत में शिक्षाविद गुरु रहमान ने बताया कि उन्होंने वैक्सीन का डोज लिया है और उनके शरीर में इसका कोई भी साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि वह पूरी तरह से फिट है और बिल्कुल पहले जैसे ही महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन के निर्माण की दिशा में आखिरी चरण में उन्होंने वैक्सीन का डोज लिया है और इस डोज को लेने के बाद उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि उन्होंने देश के लिए कुछ किया है.

देशहित में सामने आने की जरूरत
गुरु रहमान ने कहा कि सड़क पर भारत माता की जय, वंदे मातरम बोलने की बात हो तो करोड़ों लोग सामने आ जाते हैं. जब जात पात और धर्म मजहब की बात हो तो करोड़ों लोग सामने आ जाते हैं मगर देशभक्ति दिखाने के लिए कुछ कर गुजरने की बात आती है तो लोग डरते हैं कि उन्हें कुछ हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जो लोग अभी सामने नहीं आ रहे हैं, वही जब वैक्सीन बाजार में उपलब्ध हो जाएगा तो ब्लैक में वैक्सीन प्राप्त करने की जुगत में लग जाएंगे.

वॉलिंटियर बनने के लिए किया जागरूक
गुरु रहमान ने कहा कि वह वैक्सीन का डोज लेने के बाद बिल्कुल स्वस्थ महसूस कर रहे हैं. अगर इसका नकारात्मक प्रभाव उनके शरीर पर होता तो वह अपने छात्रों से वॉलिंटियर बनने की बिल्कुल भी अपील नहीं करते. वैक्सीन का भारत बायोटेक द्वारा हैदराबाद में निर्माण किया जा रहा है. वह खुद पूरी तरह से सुरक्षित है और वह भी डोज लेने के बाद पूरी तरह फिट है. इसी कारण वह युवाओं से अपील कर रहे हैं कि राष्ट्रहित में सामने आए और वैक्सीन के ट्रायल के लिए वॉलिंटियर बने.

थर्ड फेज के ट्रायल में 40 लोग ही आए सामने
बता दें कि पटना एम्स में जो लोग भी वॉलिंटियर बनने के लिए पहुंच रहे हैं उनका स्वास्थ्य संबंधित सभी प्रकार की जांच किए जा रहे हैं. फिट पाए जाने पर ही उन्हें वॉलिंटियर बनाया जा रहा है और वैक्सीन का डोज दिया जा रहा है. एक सप्ताह से ज्यादा वक्त हो गया मगर अब तक थर्ड फेज के लिए पटना एम्स में वॉलिंटियर के रूप में 40 लोग ही सामने आए हैं, जिन्हें वैक्सीन का डोज दिया गया है. गुरु रहमान पटना में लगभग 20 वर्षों से सिविल सर्विसेज की परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को कोचिंग दे रहे हैं.

पटना: एम्स में कोरोना वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल को लेकर ज्यादा से ज्यादा लोग वॉलिंटियर बनने के लिए सामने आए, इस मकसद से पटना के मशहूर शिक्षाविद् गुरु रहमान ने पटना एम्स जाकर वैक्सीन का डोज लिया और खुद वॉलिंटियर बने हैं. वॉलिंटियर बनने के बाद गुरु रहमान युवाओं को स्वदेशी वैक्सीन के निर्माण के आखिरी चरण में वॉलिंटियर बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

शिक्षाविद् गुरु रहमान बने वॉलिंटियर

शिक्षाविद गुरु रहमान बने वॉलिंटियर
ईटीवी भारत से खास बातचीत में शिक्षाविद गुरु रहमान ने बताया कि उन्होंने वैक्सीन का डोज लिया है और उनके शरीर में इसका कोई भी साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि वह पूरी तरह से फिट है और बिल्कुल पहले जैसे ही महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन के निर्माण की दिशा में आखिरी चरण में उन्होंने वैक्सीन का डोज लिया है और इस डोज को लेने के बाद उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि उन्होंने देश के लिए कुछ किया है.

देशहित में सामने आने की जरूरत
गुरु रहमान ने कहा कि सड़क पर भारत माता की जय, वंदे मातरम बोलने की बात हो तो करोड़ों लोग सामने आ जाते हैं. जब जात पात और धर्म मजहब की बात हो तो करोड़ों लोग सामने आ जाते हैं मगर देशभक्ति दिखाने के लिए कुछ कर गुजरने की बात आती है तो लोग डरते हैं कि उन्हें कुछ हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जो लोग अभी सामने नहीं आ रहे हैं, वही जब वैक्सीन बाजार में उपलब्ध हो जाएगा तो ब्लैक में वैक्सीन प्राप्त करने की जुगत में लग जाएंगे.

वॉलिंटियर बनने के लिए किया जागरूक
गुरु रहमान ने कहा कि वह वैक्सीन का डोज लेने के बाद बिल्कुल स्वस्थ महसूस कर रहे हैं. अगर इसका नकारात्मक प्रभाव उनके शरीर पर होता तो वह अपने छात्रों से वॉलिंटियर बनने की बिल्कुल भी अपील नहीं करते. वैक्सीन का भारत बायोटेक द्वारा हैदराबाद में निर्माण किया जा रहा है. वह खुद पूरी तरह से सुरक्षित है और वह भी डोज लेने के बाद पूरी तरह फिट है. इसी कारण वह युवाओं से अपील कर रहे हैं कि राष्ट्रहित में सामने आए और वैक्सीन के ट्रायल के लिए वॉलिंटियर बने.

थर्ड फेज के ट्रायल में 40 लोग ही आए सामने
बता दें कि पटना एम्स में जो लोग भी वॉलिंटियर बनने के लिए पहुंच रहे हैं उनका स्वास्थ्य संबंधित सभी प्रकार की जांच किए जा रहे हैं. फिट पाए जाने पर ही उन्हें वॉलिंटियर बनाया जा रहा है और वैक्सीन का डोज दिया जा रहा है. एक सप्ताह से ज्यादा वक्त हो गया मगर अब तक थर्ड फेज के लिए पटना एम्स में वॉलिंटियर के रूप में 40 लोग ही सामने आए हैं, जिन्हें वैक्सीन का डोज दिया गया है. गुरु रहमान पटना में लगभग 20 वर्षों से सिविल सर्विसेज की परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को कोचिंग दे रहे हैं.

Last Updated : Dec 15, 2020, 7:22 PM IST
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