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मैट्रिक पास छात्रों के लिए शिक्षा मंत्री ने लांच किया पोर्टल, छात्रवृत्ति लेना होगा आसान

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों को आसानी से छात्रवृत्ति की राशी मिले इसके लिए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एक पोर्टल लॉन्च किया है. इस पोर्टल पर छात्र छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करेंगे. आवेदन स्वीकृत होने पर 15 दिन में छात्रों के खाते में पैसा भेजा जाएगा.

minister vijay kumar choudhary
छात्रवृत्ति के लिए पोर्टल लांच
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Published : Aug 27, 2021, 5:05 PM IST

पटना: शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) ने शुक्रवार को पीएमएस (Post Matric Scholarship) ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ किया. इसके जरिए बिहार के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के मैट्रिक पास छात्रों को आसानी से उनके खाते में छात्रवृत्ति (Scholarship) का पैसा मिल पाएगा.

यह भी पढ़ें- बोले मंत्री- फरक्का डिजाइन पर केंद्र ले फैसला, इसी कारण बिहार में आती है बाढ़

विजय कुमार चौधरी ने कहा, 'छात्रवृत्ति प्रदान करने की प्रक्रिया को पहले से संक्षिप्त किया गया है. अब नई प्रक्रिया के तहत छात्र-छात्राओं द्वारा पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने के बाद उनकी जाति प्रमाण पत्र, आवास प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र का सत्यापन ऑनलाइन ही हो जाएगा. राज्य के अंदर के आवेदकों को जिला कल्याण पदाधिकारी और डीपीओ एसएसए द्वारा गठित समिति के माध्यम से, जबकि राज्य के बाहर के आवेदनों को थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन एजेंसी द्वारा समयबद्ध तरीके से सत्यापित कराया जाएगा. 15 दिन के अंदर आवेदकों द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाता संबंधी विवरण के मुताबिक उनके खाते में सीधे राशि भेज दी जाएगी.'

देखें वीडियो

"हमने आज पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप पोर्टल की शुरुआत की है. हमारे गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली स्कॉलरशिप के क्रियान्वयन में बहुत बड़ा फर्क आने वाला है. इससे छात्रों को आसानी से स्कॉलरशिप मिल पाएगा."- विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री

बता दें कि छात्रवृत्ति योजना के तहत राज्य के पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के वैसे छात्र-छात्राओं जिनके माता-पिता या अभिभावक की वार्षिक आय ढाई लाख रुपए है उन्हें आर्थिक मदद दी जाती है. 2017-18 तक यह योजना पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा कल्याण विभाग और अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाती थी. 2018-19 से योजना शिक्षा विभाग द्वारा चलाई जा रही है.

शिक्षा मंत्री ने पीएमएस पोर्टल के साथ एक ऐप का भी शुभारंभ किया. वहीं, शिक्षकों की ट्रेनिंग बेहतर करने के लिए आगाखान एजेंसी के साथ एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर हस्ताक्षर किए गए. इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ बिहार के अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार भी उपस्थित थे. वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपमुख्यमंत्री रेणु देवी भी कार्यक्रम में शामिल हुईं.

यह भी पढ़ें- 24 घंटे में नेपाल से छोड़ा गया 4 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी, गंडक के निचले इलाकों में हाई अलर्ट

पटना: शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) ने शुक्रवार को पीएमएस (Post Matric Scholarship) ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ किया. इसके जरिए बिहार के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के मैट्रिक पास छात्रों को आसानी से उनके खाते में छात्रवृत्ति (Scholarship) का पैसा मिल पाएगा.

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विजय कुमार चौधरी ने कहा, 'छात्रवृत्ति प्रदान करने की प्रक्रिया को पहले से संक्षिप्त किया गया है. अब नई प्रक्रिया के तहत छात्र-छात्राओं द्वारा पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने के बाद उनकी जाति प्रमाण पत्र, आवास प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र का सत्यापन ऑनलाइन ही हो जाएगा. राज्य के अंदर के आवेदकों को जिला कल्याण पदाधिकारी और डीपीओ एसएसए द्वारा गठित समिति के माध्यम से, जबकि राज्य के बाहर के आवेदनों को थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन एजेंसी द्वारा समयबद्ध तरीके से सत्यापित कराया जाएगा. 15 दिन के अंदर आवेदकों द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाता संबंधी विवरण के मुताबिक उनके खाते में सीधे राशि भेज दी जाएगी.'

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"हमने आज पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप पोर्टल की शुरुआत की है. हमारे गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली स्कॉलरशिप के क्रियान्वयन में बहुत बड़ा फर्क आने वाला है. इससे छात्रों को आसानी से स्कॉलरशिप मिल पाएगा."- विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री

बता दें कि छात्रवृत्ति योजना के तहत राज्य के पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के वैसे छात्र-छात्राओं जिनके माता-पिता या अभिभावक की वार्षिक आय ढाई लाख रुपए है उन्हें आर्थिक मदद दी जाती है. 2017-18 तक यह योजना पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा कल्याण विभाग और अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाती थी. 2018-19 से योजना शिक्षा विभाग द्वारा चलाई जा रही है.

शिक्षा मंत्री ने पीएमएस पोर्टल के साथ एक ऐप का भी शुभारंभ किया. वहीं, शिक्षकों की ट्रेनिंग बेहतर करने के लिए आगाखान एजेंसी के साथ एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर हस्ताक्षर किए गए. इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ बिहार के अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार भी उपस्थित थे. वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपमुख्यमंत्री रेणु देवी भी कार्यक्रम में शामिल हुईं.

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