पटना: बिहार में शिक्षा विभाग (Education Department in Bihar) उन करीब 3000 हाई स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाने पर काम कर रहा है. जिन्हें मध्य विद्यालय से उच्च विद्यालय में अपग्रेड (Upgrade) किया गया है. इन स्कूलों में नए क्लासरूम, लाइब्रेरी, टॉयलेट और कॉमन रूम का निर्माण शिक्षा विभाग की ओर से कराया गया है. इनमें से ज्यादातर काम पूरा हो चुका है. जिसके बाद अब इस बात का इंतजार है कि कब कोरोना काल से छूटकारा मिलेगा और स्कूलों का सत्र नियमित हो सकेगा.
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"लगातार हमारी ओर से प्रयास हो रहा है कि बिहार के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हो. जिन पंचायतों में स्कूल नहीं थे उन पंचायतों में स्कूल खुल चुके हैं. इसके साथ ही उन अपग्रेड किए गए करीब 2900 से ज्यादा स्कूलों में एडमिशन भी हो चुका है. इन स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाई गई हैं."- संजय कुमार, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग
सड़क बनाने का कोई नहीं है प्रस्ताव
अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने इस बात का खंडन किया है कि शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों तक पहुंचने के लिए किसी भी सड़क के निर्माण का प्रस्ताव तैयार नहीं किया है. संजय कुमार ने साफ कहा कि हमारा काम पढ़ाई बेहतर करने का है ना कि सड़क बनाने का है. उन्होंने कहा कि ऐसी कोई योजना शिक्षा विभाग की ओर से नहीं लाई गई है.
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स्किल डेवलपमेंट से संबंधित पढ़ाई
बता दें कि नई शिक्षा नीति के मुताबिक स्कूलों में अब स्किल डेवलपमेंट से संबंधित पढ़ाई भी होनी है. स्किल डेवलपमेंट से संबंधित पढ़ाई के लिए स्कूलों में लाइब्रेरी के साथ-साथ लैब और अन्य सुविधाएं होना भी जरूरी है. नई शिक्षा नीति में स्किल डेवलपमेंट के जरिए मैट्रिक और इंटर के विद्यार्थियों को स्वरोजगार के लिए तैयार करने का लक्ष्य है. इसके लिए विद्यालयों को सभी सुविधाओं और पर्याप्त शिक्षकों से लैस करना जरूरी है.