पटना: पूर्व जेडीयू विधायक ददन पहलवान (Dadan Pehalwan) मुश्किल में घिर गए हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के मामले में उनकी जमीन, सात गाड़ियों और कई संपत्तियों को अटैच किया गया है. उन पर बिहार और यूपी में 2004 में मामले दर्ज हुए थे.
ये भी पढ़ें: बिहार में 12 BDO के खिलाफ कार्रवाई, आवास योजना में गड़बड़ी करने पर ग्रामीण विकास विभाग का एक्शन
दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिग और आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन पर शिकंजा कसते हुए उनकी सभी अचल संपत्ति पर पहरा बिठा दिया था. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत उनकी और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर दर्ज संपत्तियों की खरीद बिक्री और हस्तांतरण पर रोक लगा दी थी.
ईडी के द्वारा इस आशय का पत्र जिलाधिकारी अमन समीर को भेजा गया गया था. जिसके बाद जिला पदाधिकारी के निर्देश पर डुमरांव अंचलाधिकारी एवं अवर निबंधक को पत्र लिखकर सभी संपत्तियों की खरीद बिक्री अथवा स्वामित्व स्थानांतरण पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया था.
ये भी पढ़ें: ED के शिकंजे की खबरों से ददन पहलवान ने किया किनारा, बोले- मेरे खिलाफ किया जा रहा षड्यंत्र
डुमरांव के पूर्व विधयाक ददन पहलवान की सभी संपत्तियां जिस स्थिति में है, उसे उसी स्थिति में बरकरार रखने का निर्देश दिया गया था. पूर्व विधायक, उनके भाई मदन सिंह, ललन सिंह, चचेरे भाई उमेश सिंह, रमेश सिंह, ददन की पत्नी उषा देवी और बेटे करतार सिंह के नाम पर दर्ज संपत्तियों का पूरा विवरण दिया गया था. इसमें संपत्ति के मालिकाना हक के साथ-साथ उसके क्षेत्रफल, खाता और प्लॉट संख्या की भी जानकारी दी गई थी.
आपको बताएं कि पिछले साल जब यह मामला काफी तूल पकड़ा था, तभी ददन ने कहा था कि उन्हें किसी तरह का ईडी का नोटिस नहीं मिला. ना ही मेरे बैंक अकाउंट को क्लोज किया गया. उन्होंने कहा कि मेरे राजनीतिक प्रभाव से घबराकर कुछ विरोधी पार्टी के नेता और कुछ पत्रकार मुझे परेशान करने के लिए इस तरह का षड्यंत्र रच रहे हैं. साथ ही कहा था कि मेरे द्वारा उपलब्ध कराई गई संपत्ति से एक धुर भी ज्यादा जमीन होगी तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा.