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बदल रहा है कोरोना काल में सरकार के काम का तरीका, VC के जरिए कैबिनेट बैठक करने वाला पहला राज्य - patna news

स्वास्थ्य विभाग भी आपदा की इस घड़ी में हर जिलों के सिविल सर्जन से इसी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा राजधानी से जिलों में होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बिस्वान के जरिए ही संचालित की जा रही है.

ई-शासन
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Published : Aug 29, 2020, 1:24 PM IST

पटनाः कोरोना काल में बिहार के सरकारी विभागों के कामकाज में काफी बदलाव आया है. सोशल डिस्टेंसिंग के दौर में कर्मचारियों की संख्या कम होने से ऑनलाइन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही सरकार अपना कामकाज निपटा रही है. इतना ही नहीं वीसी से कैबिनेट बैठक करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया है.

बिहार में ई-ऑफिस की तरफ कई विभागों ने तेजी से कदम बढ़ाया है. सहकारिता विभाग बिहार का पहला विभाग है, जो पूरी तरह ई-ऑफिस पर काम कर रहा है. देश में बिहार पहला राज्य है, जहां कैबिनेट बैठक की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की गई. मुख्यमंत्री विभागों की समीक्षा लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही कर रहे हैं. यहां तक की बाढ़ राहत शिविरों का मुआयना भी मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया है. इसमें बेल्ट्रॉन का प्रोजेक्ट बिस्वान सरकार के लिए बड़ा सहायक सिद्ध हुआ. इसका नेटवर्क मुख्यालय से लेकर ब्लॉक तक है. देखिये एक खास रिपार्ट --

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कोरोना काल में बिस्वान बना तकनीकी हथियार
बिहार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने सरकारी कामकाज में आईटी क्षेत्र को मदद देने के लिए 2008 में बिस्वान को लांच किया था. लेकिन इसे कुछ खास सफलता नहीं मिली. 2017 में बिस्वान 2.0 लाया गया. इसका नेटवर्क राज्य के ब्लॉक स्तर तक पहुंच चुका है. कोरोना काल में सरकार के लिए यह बड़ा तकनीकी हथियार बना है.

सॉफ्टवेयर बिस्वान 2.0 का नेटवर्क ब्लॉक स्तर तक
बिस्वान के माध्यम से बिहार वर्चुअल कैबिनेट करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. मुख्यमंत्री राहत शिविरों का अवलोकन बिस्वान के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कर चुके हैं. कोरोना के समय राज्य सरकार ने राज्य के भीतर और बाहर प्रवासी श्रमिकों के खातों में राशि भेजने का काम तो एनआईसी की मदद से किया. लेकिन एनआईसी का नेटवर्क जिलों में उनके केंद्रों तक ही है.

ब्लॉक और जिलों में तमाम विभागों के सरकारी दफ्तरों में लगभग सभी सॉफ्टवेयर बिस्वान 2.0 नेटवर्क से जुड़े हुए हैं. इसकी नोडल एजेंसी बेल्ट्रॉन और संस्था ऑरेंज है.

महाप्रबंधक बेल्ट्रॉन
हरि शंकर द्विवेदी, महाप्रबंधक बेल्ट्रॉन

स्वास्थ्य विभाग भी बिस्वान नेटवर्क से कर रहा काम
स्वास्थ्य विभाग भी आपदा की इस घड़ी में हर जिलों के सिविल सर्जन से इसी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा राजधानी से जिलों में होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बिस्वान के जरिए ही संचालित की जा रही है.

बिस्वान के महाप्रबंधक हरि शंकर द्विवेदी कहते हैं- बिस्वान बेल्ट्रॉन का एक प्रोजेक्ट है और इसके माध्यम से सरकार को कोरोना काल में मदद पहुंचाई जा रही है. इसका नेटवर्क मुख्यालय से लेकर ब्लॉक तक है और यह लगातार काम करता है. बेल्ट्रॉन के जीएम के अनुसार कोरोना काल में आवागमन पर रोक के कारण कई विभागों को कंप्यूटर लैपटॉप जैसे संसाधन उपलब्ध कराने में थोड़ी परेशानी जरूर हो रही है.

तकरीबन सभी विभाग ई-ऑफिस की ओर अग्रसर
करोना काल में वित्त विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, उद्योग विभाग, खाद आपूर्ति विभाग, कृषि विभाग सहित एक दर्जन विभाग ई ऑफिस की ओर बढ़ रहे हैं. बिहार का जल संसाधन विभाग वीसी से बाढ़ नियंत्रण कार्य की मॉनिटरिंग भी कर रहा है. जल संसाधन विभाग, आपदा विभाग, सूचना जनसंपर्क विभाग विभिन्न ऐप के माध्यम से भी कोरोना काल में कई तरह की सहूलियत लोगों को उपलब्ध करा रहा है.

राणा रणधीर सिंह, सहकारिता मंत्री
राणा रणधीर सिंह, सहकारिता मंत्री

राज्य का सहकारिता विभाग हुआ पूरी तरह डिजीटल
बिहार में सहकारिता विभाग राज्य का पहला विभाग है, जो पूरी तरह ई-ऑफिस पर काम कर रहा है. विभाग के मंत्री राणा रणधीर सिंह ने बताया कि कोरोना के कारण सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कर्मचारियों की संख्या काफी कम हो गई है. ऐसे में विभाग के लिए ई-ऑफिस काफी मददगार साबित हो रहा है. विभाग के पदाधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सहकारिता मंत्री के अनुसार कोरोना काल में भी विभाग ने 20 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद की, जो पिछले कई साल का रिकॉर्ड भी तोड़ा है.

'वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जरिए आसानी से हो रहीं बैठकें'
बिहार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर जय कुमार सिंह का कहना है कि कोरोना काल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आसानी से बैठकें संचालित हो रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीएम आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करते हैं और हम लोग अपने कार्यालय में उनसे जुड़ते हैं. इससे सोशल डिस्टेंसिंग का भी अच्छे तरीके से पालन होता है. विभाग से संचालित होने वाले पॉलिटेक्निक और अन्य संस्थान में भी आधुनिक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से मदद मिल रही है.

जय कुमार सिंह, साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री
जय कुमार सिंह, साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री

योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी वीसी से
विभागों के कामकाज के साथ इन दिनों मुख्यमंत्री विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही कर रहे हैं. साथ ही वो जनता को संबोधित भी कर रहे हैं. इसमें भी आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है. बिस्वान सरकार के लिए इसमें भी मददगार बन रहा है. कुल मिलाकर देखा जाए तो कोरोना काल में सरकारी तंत्र काफी हद तक डीजिटल हो चुका है. अगर इसी रफ्तार से ई-शासन की ओर बिहार बढ़ता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब राज्य देश का डीजिटल हब बन जाएगा.

पटनाः कोरोना काल में बिहार के सरकारी विभागों के कामकाज में काफी बदलाव आया है. सोशल डिस्टेंसिंग के दौर में कर्मचारियों की संख्या कम होने से ऑनलाइन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही सरकार अपना कामकाज निपटा रही है. इतना ही नहीं वीसी से कैबिनेट बैठक करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया है.

बिहार में ई-ऑफिस की तरफ कई विभागों ने तेजी से कदम बढ़ाया है. सहकारिता विभाग बिहार का पहला विभाग है, जो पूरी तरह ई-ऑफिस पर काम कर रहा है. देश में बिहार पहला राज्य है, जहां कैबिनेट बैठक की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की गई. मुख्यमंत्री विभागों की समीक्षा लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही कर रहे हैं. यहां तक की बाढ़ राहत शिविरों का मुआयना भी मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया है. इसमें बेल्ट्रॉन का प्रोजेक्ट बिस्वान सरकार के लिए बड़ा सहायक सिद्ध हुआ. इसका नेटवर्क मुख्यालय से लेकर ब्लॉक तक है. देखिये एक खास रिपार्ट --

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कोरोना काल में बिस्वान बना तकनीकी हथियार
बिहार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने सरकारी कामकाज में आईटी क्षेत्र को मदद देने के लिए 2008 में बिस्वान को लांच किया था. लेकिन इसे कुछ खास सफलता नहीं मिली. 2017 में बिस्वान 2.0 लाया गया. इसका नेटवर्क राज्य के ब्लॉक स्तर तक पहुंच चुका है. कोरोना काल में सरकार के लिए यह बड़ा तकनीकी हथियार बना है.

सॉफ्टवेयर बिस्वान 2.0 का नेटवर्क ब्लॉक स्तर तक
बिस्वान के माध्यम से बिहार वर्चुअल कैबिनेट करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. मुख्यमंत्री राहत शिविरों का अवलोकन बिस्वान के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कर चुके हैं. कोरोना के समय राज्य सरकार ने राज्य के भीतर और बाहर प्रवासी श्रमिकों के खातों में राशि भेजने का काम तो एनआईसी की मदद से किया. लेकिन एनआईसी का नेटवर्क जिलों में उनके केंद्रों तक ही है.

ब्लॉक और जिलों में तमाम विभागों के सरकारी दफ्तरों में लगभग सभी सॉफ्टवेयर बिस्वान 2.0 नेटवर्क से जुड़े हुए हैं. इसकी नोडल एजेंसी बेल्ट्रॉन और संस्था ऑरेंज है.

महाप्रबंधक बेल्ट्रॉन
हरि शंकर द्विवेदी, महाप्रबंधक बेल्ट्रॉन

स्वास्थ्य विभाग भी बिस्वान नेटवर्क से कर रहा काम
स्वास्थ्य विभाग भी आपदा की इस घड़ी में हर जिलों के सिविल सर्जन से इसी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा राजधानी से जिलों में होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बिस्वान के जरिए ही संचालित की जा रही है.

बिस्वान के महाप्रबंधक हरि शंकर द्विवेदी कहते हैं- बिस्वान बेल्ट्रॉन का एक प्रोजेक्ट है और इसके माध्यम से सरकार को कोरोना काल में मदद पहुंचाई जा रही है. इसका नेटवर्क मुख्यालय से लेकर ब्लॉक तक है और यह लगातार काम करता है. बेल्ट्रॉन के जीएम के अनुसार कोरोना काल में आवागमन पर रोक के कारण कई विभागों को कंप्यूटर लैपटॉप जैसे संसाधन उपलब्ध कराने में थोड़ी परेशानी जरूर हो रही है.

तकरीबन सभी विभाग ई-ऑफिस की ओर अग्रसर
करोना काल में वित्त विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, उद्योग विभाग, खाद आपूर्ति विभाग, कृषि विभाग सहित एक दर्जन विभाग ई ऑफिस की ओर बढ़ रहे हैं. बिहार का जल संसाधन विभाग वीसी से बाढ़ नियंत्रण कार्य की मॉनिटरिंग भी कर रहा है. जल संसाधन विभाग, आपदा विभाग, सूचना जनसंपर्क विभाग विभिन्न ऐप के माध्यम से भी कोरोना काल में कई तरह की सहूलियत लोगों को उपलब्ध करा रहा है.

राणा रणधीर सिंह, सहकारिता मंत्री
राणा रणधीर सिंह, सहकारिता मंत्री

राज्य का सहकारिता विभाग हुआ पूरी तरह डिजीटल
बिहार में सहकारिता विभाग राज्य का पहला विभाग है, जो पूरी तरह ई-ऑफिस पर काम कर रहा है. विभाग के मंत्री राणा रणधीर सिंह ने बताया कि कोरोना के कारण सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कर्मचारियों की संख्या काफी कम हो गई है. ऐसे में विभाग के लिए ई-ऑफिस काफी मददगार साबित हो रहा है. विभाग के पदाधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सहकारिता मंत्री के अनुसार कोरोना काल में भी विभाग ने 20 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद की, जो पिछले कई साल का रिकॉर्ड भी तोड़ा है.

'वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जरिए आसानी से हो रहीं बैठकें'
बिहार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर जय कुमार सिंह का कहना है कि कोरोना काल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आसानी से बैठकें संचालित हो रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीएम आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करते हैं और हम लोग अपने कार्यालय में उनसे जुड़ते हैं. इससे सोशल डिस्टेंसिंग का भी अच्छे तरीके से पालन होता है. विभाग से संचालित होने वाले पॉलिटेक्निक और अन्य संस्थान में भी आधुनिक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से मदद मिल रही है.

जय कुमार सिंह, साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री
जय कुमार सिंह, साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री

योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी वीसी से
विभागों के कामकाज के साथ इन दिनों मुख्यमंत्री विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही कर रहे हैं. साथ ही वो जनता को संबोधित भी कर रहे हैं. इसमें भी आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है. बिस्वान सरकार के लिए इसमें भी मददगार बन रहा है. कुल मिलाकर देखा जाए तो कोरोना काल में सरकारी तंत्र काफी हद तक डीजिटल हो चुका है. अगर इसी रफ्तार से ई-शासन की ओर बिहार बढ़ता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब राज्य देश का डीजिटल हब बन जाएगा.

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