पटना: राजधानी पटना के कंकड़बाग इलाके में शनिवार को खून के सौदागरों का भंडाफोड़ (Illegal Blood Business In Patna) हुआ था. चोरी के लॉकेट की तलाश में पुलिस की छापेमारी में अपराधियों के ठिकाने से फ्रीज में 44 यूनिट खून के पैकेट पाए गए थे. ब्लड पैकेट और लेटर पैड इलाके के ही निवेदा हॉस्पिटल के मिले थे. जिसके बाद अगले दिन रविवार होने की वजह से ड्रग विभाग की अस्पताल में छापेमारी नहीं हुई, वहीं, सोमवार यानि आज ड्रग्स विभाग ने अस्पताल में रेड किया. जिसमें विभाग के एडीसी भी मौजूद रहे.
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अस्पताल में ड्रग्स विभाग की छापेमारी: लैब टेक्नीशियन संतोष और अजय से पूछताछ में मिले साक्ष्यों के आधार पर अस्पताल के ब्लड बैंक में ब्लड पैकेट और नीडल (सुई) का मिलान किया जा रहा है. ड्रग विभाग ने देर शाम अस्पताल में छापेमारी शुरू की. अस्पताल के मैनेजर और संचालक से भी विभाग पूछताछ कर रही है. बताते चलें कि जो 44 पैकेट खुन अजय और संतोष के पास से प्राप्त हुए उनमें कोई एक्सपायरी डेट नहीं था. जबकि, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि लैब टेक्नीशियन संतोष ने लगभग डेढ़ साल पहले अस्पताल छोड़ दिया था.
शनिवार को मिले थे 44 पैकेट ब्लड: वहीं, संतोष के पास से जो ब्लड पैकेट प्राप्त हुए हैं उनमें सभी जनवरी और फरवरी 2022 के हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि जब डेढ़ साल पहले संतोष ने अस्पताल छोड़ दिया था तो विगत तीन-चार महीने पहले का अस्पताल का ब्लड पैकेट संतोष के हाथों कैसे लग गया. अस्पताल के कर्मचारियों से भी विभाग द्वारा पूछताछ की जा रही है. संभावना है कि ड्रग विभाग कुछ कर्मचारियों को हिरासत में भी ले सकती है.
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